दूध 4, घी 15 रु. महंगा, पैकिंग दूध की ब्रिकी 60 प्रतिशत बढ़ी - Khulasa Online दूध 4, घी 15 रु. महंगा, पैकिंग दूध की ब्रिकी 60 प्रतिशत बढ़ी - Khulasa Online

दूध 4, घी 15 रु. महंगा, पैकिंग दूध की ब्रिकी 60 प्रतिशत बढ़ी

बीकानेर। जिले में लम्पी के कारण 50 हजार से अधिक गायें मौत के मूंह में चली गई। दूध का प्रोडक्शन कम हो गया। जबकि मिल्क पाउडर और पैकिंग दूध में 60 प्रतिशत का इजाफा हुआ है, क्योंकि बीमारी को देखते हुए लोगों का खुले दूध पर से भरोसा उठ गया है।
दो महीने पहले तक सरस डेयरी से रोजाना 25 हजार लीटर दूध की आपूर्ति होती थी, लेकिन अब आंकड़ा 40 हजार लीटर को पार कर चुका है। इसी प्रकार मिल्क पाउडर की डिमांड भी बढ़ गई है। स्थिति ये है कि उरमूल को दूसरी डेयरियों से मिल्क पाउडर मंगाना पड़ रहा है। क्योंकि बीकानेर डेयरी में प्रोडक्शन बंद चुका है।
सरस डेयरी ने दूध में 4 रुपए तथा घी की कीमतों में 15 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी की है। ऐसे में सरस डेयरी के घी-दूध की बिक्री कम होनी थी, लेकिन इसकी बिक्री में इजाफा हुआ है। उरमूल डेयरी के प्रबंध संचालक बाबू लाल बिश्नोई ने बताया कि दूध की आवक कमजोर होने के कारण दूध की कीमत 42 से 46 और घी की 538 से 553 रुपए प्रति लीटर करनी पड़ी।
उरमूल में दूध संकलन 20 हजार लीटर घटा, मिल्क पाउडर की बिक्री बढ़ी
उरमूल डेयरी प्रशासन को लम्पी बीमारी फैलने के बाद रोजाना करीब 20 हजार लीटर दूध के संकलन का नुकसान हो रहा है। पहले जहां रोजाना 60 से 70 हजार लीटर दूध का संकलन होता था। वहीं अब दूध संकलन का ग्राफ 40 से 50 हजार लीटर तक पहुंच चुका है। दूध संकलन ज्यादा होने की स्थिति में अतिरिक्त दूध को दिल्ली या अन्य राज्यों में भेज देते थे, या उसका मिल्क पाउडर या घी बना लेते थे, लेकिन अब दूध की कमी के कारण घी प्रोडक्शन में कमी आई है।
मिड-डे-मील में भी पैकिंग दूध की सप्लाई लम्पी के कारण डेयरी में दूध का प्रोडक्शन कम होने से मिल्क पाउडर बनाना भी बंद कर दिया। अब डिमांड बढ़ी तो हनुमानगढ़ स्थित उरमूल डेयरी प्लांट से मिल्क पाउडर की आपूर्ति की जा रही है। डेयरी एमडी ने बताया कि सरकार भी अब मिड डे मील में भी मिल्क पाउडर और पैकिंग दूध सप्लाई हो रहा है।
दीपावली पर मिठाइयां महंगी
गायों में फैली लम्पी बीमारी का असर मिठाइयों पर भी पड़ा है। मावे की कीमत 180 से बढक़र 250 रुपए प्रति किलो हो चुकी है। इसी प्रकार रसगुल्ला 120 बजाये 160 रुपए प्रति किलो बिक रहा है। दीपावली त्योहार को देखते हुए मिठाइयां और महंगी होंगी। मावा विक्रेताओं का कहना है कि मिठाइयों की कीमतों में इतनी बढ़ोतरी पहले कभी नहीं हुई। मावे के प्रोडक्शन में भी 35 प्रतिशत की गिरावट आई है। रोजाना 40 हजार किलो मावा का उत्पादन होता था।

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