माध्यमिक शिक्षा विभाग के पूर्व अधिकारी पर भ्रष्टचार के मामले में कार्रवाई क्यों नहीं? भ्रष्टाचार प्रमाणित होने पर संरक्षण पर सख्त टिप्पणी - Khulasa Online माध्यमिक शिक्षा विभाग के पूर्व अधिकारी पर भ्रष्टचार के मामले में कार्रवाई क्यों नहीं? भ्रष्टाचार प्रमाणित होने पर संरक्षण पर सख्त टिप्पणी - Khulasa Online

माध्यमिक शिक्षा विभाग के पूर्व अधिकारी पर भ्रष्टचार के मामले में कार्रवाई क्यों नहीं? भ्रष्टाचार प्रमाणित होने पर संरक्षण पर सख्त टिप्पणी

बीकानेर। राजस्थान हाई कोर्ट ने माध्यमिक शिक्षा विभाग के सेवानिवृत सीबीईओ देवी सहाय सैनी के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की पुष्टि हो जाने और 16 सीसीए की कार्रवाई विचाराधीन होने पर भी बिना कोई कार्रवाई संरक्षण देकर सेवा निवृत किए जाने पर याचिकाकर्ता संजीव यादव पर राजस्थान सरकार को नोटिस जारी किया है। राज्य को अगली तारीख 19 जनवरी 2023 को जबाब देने को कहा हाईकोर्ट के जस्टिस श्री अरुण भंसाली ने याचिका की सुनवाई में कहा कि सेवानिवृत देवी सहाय सैनी पर भ्रष्टाचार के आरोप प्रथम दृष्टय प्रमाणित हो गये थे फिर भी उसे अब तक चार्जशीट जारी नहीं की गई बल्कि कथित अधिकारी हाथों को सुरक्षित दस्तावजों ंसरक्षण क्यों दिया गया। शिक्षा विभाग के संघषीशील कार्मिक संजीव यादव ने देवी सहाय सीबीईओ के खिलाफ कार्यालय में अवैध रुप से निवास करने के साथ  9.10.18 से 14.9.20 की अवधि में अवैध तरीके से मकान किराया भत्ता की राशि 451311 आहरण कर राजकोष को नुकसान पहुंचाने अक्सर कार्यालय से अनुपस्थित रहते हुए उस अवधि का वेतन आहरित करने एवं सरकारी कार्यालय में अर्धनग्न अवस्था में घूमने अपनी स्वयं की अर्धनग्न अवस्था की फोटो सोशल मीडिया में वायरल करने की शिकायत निदेशक माध्यमिक शिक्षा को भेज आरोपों की जांच करवा कर छलपूर्वक आहरित किये गए मकान किराया भत्ता की वसूली कर अनुशासनात्मक कार्यवाही करने का आग्रह किया था। गबन के प्रकरण में एक परिवाद भ्रष्टाचार निरोध ब्यूरो जयपुर में दर्ज करवाया है। शिकायतकर्ता मुख्यमंत्री से लेकर चीफ सेकेटरी कार्मिक सचिव, शिक्षा सचिव अनुशासनात्मक कार्रवाई एवं गैर कानूनी रुप से आहरित मकान किराया भत्ते की राशि की वसूली करने का निवेदन किया है। लेकिन तत्कालीन निदेशकके संरक्षण के चलते इस प्रकरण में कोई कार्रवाई नहीं की गई। तब शिकायर्ता ने 27 जनवरी 21 को उक्त प्रकरण की मुख्यमंत्री को शिकायत भेजी, मुख्यमंत्री के आदेश पर राजकुमार शर्मा, मुख्य सचिव जिला शिक्षा अधिकारी को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया। जांच अधिकारी राजकुमार शर्मा, बीकानेर ने प्रकरण की जांच 10 जून 2021 को जांच रिपोर्ट शिक्षा निदेशालय में प्रस्तुत की जांच अधिकारी ने आरोपी देवी सहाय सैनी के खिलाफ शिकायतकर्ताओं द्वारा लगाये गए सभी आरोपों को प्रमाणित पाया, जांच में सरकारी कार्यालय में निवासी करने के साथ उक्त अवधि में मकान किराया भत्ते का आहरण कर 43786 रु. के गबन सहित लगभग 5 लाख रुपयों की वसूली तथा आरोपी द्वारा सरकारी कार्यालय मे निवास करने के दौरान अर्धनग्न अवस्था मे विचरण करने के तथा उच्च अधिकारी की बिना स्वीकृति के मुख्यालय छोडऩे के आरोपों को प्रमाणित पाया गया तथा उनके खिलाफ आरोपों वाला आरोप पत्र देना प्रस्तावित किया था जांच अधिकारी ने शिकायतकर्ता द्वारा लगाये गये आरोपों के अलावा देवी सहाय द्वारा 18 दिनों के उपार्जित अवकाश को सेवा पुस्तिका में इन्द्राज नहीं कर वेतन आहरण कर 56876 रु. गबन की वसूली की शिफारिश की शिकायर्ता 10 जून 2021 से 31 अगस्त 2021 की अवधि मे ंदर्जनों बार निदेशालय स्तर से प्रमुख शासन सचिव स्तर तक आरोपी के खिलाफ सेवा निवृत्ति से पूर्व गबन की राशि वसूली सहित 16 सीसीए प्रस्तावित चार्जशीट  पर कार्रवाई करने की मांग की। समस्त प्रकरण को पूर्व निदेशक ने ठंड बस्ते में डाल दिया। आरोपी देवी सहाय सैनी ने सौरभ स्वामी के लिए बहुत से फर्जी जांच रिपोर्ट तैयार की थी ये दोनों भ्रष्ट अधिकारियों ने विभागीय जांच के नाम पर निर्दोष शिक्षकों से लाखों की वसूली की थी इसी के उपकार के चलते आरोपी देवी सहाय सैनी 31 अगस्त 2021 को सकुशल सेवा निवृत्ति करवोन में भ्रष्ट निदेशक ने खुला संरक्षण दिया। पूर्व निदेशक  के खिलाफ कार्रवाई को 28 अगस्त 2021 तक दबाये रखा मात्र खानापूर्ती के लिए देवी सहाय के खिलाफ कार्रवाई के आधे अधूरे प्रस्ताव उसकी सेवा निवृत्ति के 3 दिन पूर्व शासन को भिजवाए जो शासन स्तर पर समय नहीं पहुंच पाए।

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