वाह रे शिक्षा विभाग:किरण की अंकतालिका पर सविता को नौकरी,धृतराष्ट्र बना विभाग - Khulasa Online वाह रे शिक्षा विभाग:किरण की अंकतालिका पर सविता को नौकरी,धृतराष्ट्र बना विभाग - Khulasa Online

वाह रे शिक्षा विभाग:किरण की अंकतालिका पर सविता को नौकरी,धृतराष्ट्र बना विभाग

खुलासा न्यूज,बीकानेर। फर्जी दस्तावेज लगाकर सरकारी सेवा लगने का एक ओर मामला प्रकाश में आया है। जिसमें एक महिला अभ्यार्थी विभाग को अंधेरे में रखकर नियुक्ति पाकर सेवा लाभ लेने के बाद वीआरएस ले लिया। जिसका खुलासा सूचना के अधिकार में मिली जानकारी में मिला है। बताया जा रहा है कि इस नियुक्ति में सरकार के नुमाईदें भी शामिल बताएं जा रहे है।
सूचना के अधिकार के चलते हुए इस खुलासे में श्रीमति सविता त्रिवेदी पत्नी रमण त्रिवेदी पुत्री औकारनाथ त्रिपाठी निवासी ने 1988 में शिक्षा विभाग में तृतीय श्रेणी अध्यापिका के रूप में चयन के दौरान बीएसटीसी की जो मार्कशीट पेश की। वह फर्जी थी एवं चयन के दौरान उसने बीएसटीसी का प्रमाण पत्र पेश नहीं किया। इतना ही नहीं शिक्षा विभाग ने बाद में प्रमाण पत्र प्राप्त करना जरूरी नहीं समझा। सविता त्रिवेदी ने नियुक्ति के समय डाईट बाडमेर की सन् 1986 की रोल नं 624 की मार्कशीट पेश की है। जो डाईट बाडमेर द्वारा सुश्री किरण शर्मा पुत्री देवदत्त शर्मा के नाम से जारी की गई है।
नयाशहर थाना ने की जांच
इस मामले को लेकर परिवादी रामविलास पारीक ने पेश किये गये परिवाद की जांच कर रहे नयाशहर थाने के एएसआई जगदीश ने अपने उच्चाधिकारियों को सौंपी रिपोर्ट में स्पष्ट किया है कि परिवादी की ओर से सूचना के अधिकार के तहत कार्यालय ब्लॉक शिक्षा अधिकारी नोखा व प्रधानाचार्य डाईट बाडमेर एवं कार्यालय पंजीयक एवं शिक्षा विभागीय परीक्षायें बीकानेर से प्राप्त की गई सूचनाओं में डाईट बाडमेर की सन् 1986 की रोल नं 624 की मार्कशीट सुश्री किरण शर्मा पुत्री देवदत्त शर्मा के नाम की है। कुमारी सविता त्रिपाठी पुत्री ओंकारनाथ त्रिपाठी की नहीं है।
ब्लॉक प्रा शिक्षा अधिकारी ने दिया अनुभव प्रमाण पत्र
कार्यालय वरिष्ठ उप जिला शिक्षा अधिकारी एवं ब्लॉक प्रा शिक्षा अधिकारी नोखा ने सूचना अधिकार में दिया गया कार्यानुभव प्रमाण पत्र में स्पष्ट किया कि सविता त्रिवेदी ने अध्यापिका के रूप में 16.4.88 से 31.3.93 तक और 1.4.99 से 31.3.99 तक महिला एवं बाल विकास विभाग में प्रतिनियुक्ति पर लगी रही।प्रतिनियुक्ति समाप्त होने के बाद पुन:2008-9 में ब्लॉक प्रा शिक्षा अधिकारी नोखा से सविता ने वीआरएस ले लिया। यहीं नहीं इसी कार्यालय ने अपने पत्र क्रमांक 1185 दिनांक 21.8.09 ने दिए जबाब में बताया कि सविता त्रिवेदी पत्नी रमण त्रिवेदी पुत्री औंकार नाथ त्रिपाठी की एसटीसी की अंकतालिका थी। जबकि एसटीसी का प्रमाण पत्र सेवा अभिलेख/निजी पंजिका के उपलब्ध नहीं होने की बात कही। ऐसे में प्रमाण पत्र के बिना केवल अंकतालिका के आधार पर नियुक्ति देना कही न कही संदेह के घेरे में आता है।
विभाग रिकार्ड खंगाले तो निकले ओर कई मामले
सविता त्रिवेदी की तरह ऐसे कई मामले शिक्षा विभाग में सामने आ चुके है,जिसमें फर्जी तरीके से दस्तावेज पेश कर सरकारी नौकरी हासिल कर ली। अगर विभाग शिकायतकर्ताओं की शिकायत पर गौर कर ऐसे मामलों को खंगालना शुरू कर तो कई ओर मामले सामने आ सकते है।

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