राष्ट्रव्यापी महारैली ने अटकाई कोरोना की नई गाइडलाइन,चर्चाओं का दौर शुरू - Khulasa Online राष्ट्रव्यापी महारैली ने अटकाई कोरोना की नई गाइडलाइन,चर्चाओं का दौर शुरू - Khulasa Online

राष्ट्रव्यापी महारैली ने अटकाई कोरोना की नई गाइडलाइन,चर्चाओं का दौर शुरू

जयपुर। प्रदेश में कोरोना की संभावित तीसरी लहर और प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बाद छूट का दायरा कम करने और पाबंदियां बढ़ाने को लेकर गृह विभाग की ओर से तैयार की गई नई गाइड लाइन अब कांग्रेस की राष्ट्रव्यापी महंगाई रैली के चलते अटक गई है। माना जा रहा है कि अब 12 दिसंबर के बाद ही कोरोना की नई गाइडलाइन जारी हो सकती है। नई गाइड लाइन अभी तक जारी नहीं होने को लेकर सियासी गलियारों के साथ-साथ नौकरशाहों के बीच भी चर्चा का विषय है।
30 नवंबर को जारी होने थी गाइडलाइन
इधर कोरोना के बढ़ते मामलों पर अंकुश लगाने के लिए गए गृह विभाग की ओर से तैयार की गई नई गाइड लाइन लाइन 30 नवंबर को जारी होनी थी, गृह विभाग से जुड़े सूत्रों ने भी संकेत दिए थे। हालांकि जैसे ही कांग्रेस की दिल्ली में प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी रैली के जयपुर शिफ्ट होने की खबरें आईं वैसे ही कोरोना की नई गाइडलाइन को भी रोक दिया गया।
गाइडलाइन रोके जाने की एक वजह यह भी
दरअसल गाइडलाइन रोके जाने की एक वजह यह भी है कि गाइड़लाइन में कई तरह की पाबंदी लगाए जाने की बात कही जा रही थी। सार्वजनिक स्थलों और बाजारों में ज्यादा भीड़भाड़ न हो हो इसके लिए भी कई तरह के पाबंदी लगाए जाने का जिक्र नई गाइडलाइन में किया जा रहा था। ऐसे में अगर 30 नवंबर को गाइडलाइन जारी हो जाती तो फिर सरकार की राष्ट्रव्यापी रैली पर ही कई तरह के सवाल खड़े होते। ऐसे में माना जा रहा है कि रैली के मद्देनजर ही विभाग ने नई गाइडलाइन को रोका है।
गाइडलाइन पर भी चर्चा तेज
वहीं 30 सितंबर को कोरोना नई गाइडलाइन जारी नहीं होने को लेकर अब सियासी गलियारों के साथ-साथ नौकरशाही के गलियारों में भी चर्चाएं खूब हैं। सचिवालय से लेकर आम लोगों में भी चर्चा इस बात है कि आखिर सरकार की ओर से गाइडलाइन क्यों नहीं जारी की गई, जबकि प्रदेश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी लगातार समीक्षा बैठकें लेकर कोरोना रोकथाम के निर्देश अधिकारियों को दे रहे हैं।
कांग्रेस में भी रैली को लेकर अंदरखाने नाराजगी
कांग्रेस के सियासी गलियारों में भी जयपुर में राष्ट्रव्यापी रैली को लेकर अंदरखाने नाराजगी है। कांग्रेस हलकों में चर्चा इस बात की है कि कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच जयपुर में इतनी बड़ी रैली की आवश्यकता नहीं थी जिसमें लाखों लोग इक_े होंगे।कांग्रेस कार्यकर्ताओं को डर इस बात का है कि महारैली के बाद जयपुर में कहीं कोरोना का विस्फोट न हो जाए? कांग्रेस कार्यकर्ताओं में चर्चा है कि जयपुर में राष्ट्रव्यापी रैली की बजाए कांग्रेस आलाकमान को चाहिए कि वो सभी प्रदेशों में अलग-अलग रैलियां करने के निर्देश दें, जिससे ज्यादा भीड़ नहीं जुट पाए। गौरतलब है कि प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विशेषज्ञों के साथ समीक्षा बैठकें कोरोना की रोकथाम के उपाय जाने थे, जिस पर विशेषज्ञों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सख्ती बरतने की सलाह दी थी।

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