राजस्थान में बेरोजगारी भत्ता मुफ्त में नहीं मिलेगा: सरकारी विभागों में 4 घंटे तक देनी होगी ड्यूटी, - Khulasa Online राजस्थान में बेरोजगारी भत्ता मुफ्त में नहीं मिलेगा: सरकारी विभागों में 4 घंटे तक देनी होगी ड्यूटी, - Khulasa Online

राजस्थान में बेरोजगारी भत्ता मुफ्त में नहीं मिलेगा: सरकारी विभागों में 4 घंटे तक देनी होगी ड्यूटी,

जयपुर। अगर आपने स्नातक स्तर की पढ़ाई कर ली है और बेरोजगारी भत्ते के लिए आवेदन करने जा रहे हैं तो अब भत्ता मुफ्त में नहीं मिलेगा। इसके लिए आपको नजदीकी सरकारी विभाग में 4 घंटे तक ड्यूटी देनी होगी। अगर आपके पास कोई प्रोफेशनल डिग्री या डिप्लोमा नहीं है तो राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम (आरएसएलडीसी) से पहले 3 महीने का प्रशिक्षण भी लेना होगा।
इसके बाद ही भत्ते के लिए आवेदन कर पाएंगे। भत्ते को लेकर रोजगार विभाग ने नई योजना तैयार कर ली है। योजना सरकार को भिजवाई जा चुकी है। अभी तक इसे मंजूरी नहीं मिली है, इसी वजह से पिछले 5 महीने से बेरोजगारी भत्ता अटका हुआ है। मंजूरी मिलते ही इसे लागू कर दिया जाएगा।
सरकार ने इस साल फरवरी में भत्ते में एक हजार रु. की बढ़ोतरी और हर महीने भत्ता लेने वालों की संख्या में 40 हजार की बढ़ोतरी की घोषणा की थी। इसके बाद रोजगार विभाग ने इस भत्ते को रोजगार से जोडऩे के लिए नई योजना तैयार की है।
यह है नई योजना; जिन्होंने 3 माह से ज्यादा की प्रोफेशनल डिग्री या डिप्लोमा ले रखा है, उन्हें कोर्स की जरूरत नहीं
भत्ता लेने के लिए मंजूरी से तीन महीने का प्रशिक्षण लेना होगा। यह प्रशिक्षण सरकार की तरफ से निशुल्क दिया जाएगा।
जिन बेरोजगारों ने 3 महीने से अधिक समय की प्रोफेशनल डिग्री या डिप्लोमा ले रखा है। उनको प्रशिक्षण की जरूरत नहीं पड़ेगी। उनको भत्ते के लिए आवेदन करते समय अपने डिग्री या डिप्लोमा की प्रति देनी होगी।
जिन्हें भत्ता दिया जाएगा, उन्हें 4 घंटे सरकारी विभाग या उपक्रम में काम करना होगा। जो एक प्रकार से इंटर्नशिप के रूप में होगी।
बेरोजगार को घर के पास का सरकारी दफ्तर आबंटित किया जाएगा।
इससे सरकारी विभागों को भी राहत मिलेगी, क्योंकि उन्हें मैन पावर मिल जाएगा और इसतरह कर्मचारियों की कमी दूर होगी।
ये राहतें भी जोड़ीं; बेरोजगारी भत्ते में एक हजार रुपए बढ़ाए गए हैं और भत्ता लेने वालों की संख्या भी 40 हजार बढ़ गई
सरकार ने इस साल बजट में बेरोजगारी भत्ते में एक हजार रु. बढ़ाने की घोषणा की थी। पुरुष को 3 हजार व महिला-दिव्यांग को 3500 रु. प्रतिमाह भत्ता दिया जा रहा है। अब ये बढ़ाकर पुरुष को 4000 और महिला-दिव्यांग को 4500 रुपए किया जाना है।
अभी हर माह अधिकतम 1.60 लाख को ही भत्ता दिए जाने की लिमिट तय है। बजट में इसको बढक़र हर महीने अधिकतम 2 लाख करने का ऐलान किया गया था। यानी हर महीने 40 हजार की बढ़ोतरी होनी है।
फरवरी 2019 से फरवरी 2021 तक 251984 बेरोजगारों को भत्ते के रूप में 856.43 करोड़ रुपए दिए जा चुके हैं। जनवरी 2021 तक कुल 1,50,3834 बेरोजगारों का पंजीकरण हो चुका।
सरकारी खजाने को फायदा; 5 महीने बेरोजगारी भत्ता नहीं देने से करीब 160 करोड़ रु. की बचत हो चुकी
नई योजना में सरकार ने हर महीने अधिकतम 2 लाख को बेरोजगारी भत्ता देने का ऐलान किया है। पहले से 1.60 लाख को मिल रहा है। यानी इसमें 40 हजार की बढ़ोतरी होनी थी। इसमें महिला को 4500 और पुरुष को 4 हजार रुपए भत्ता दिया जाना है। यानी एक अप्रैल से 40 हजार नए बेरोजगार जुड़ते तो सरकार पर हर महीने करीब 16 करोड़ का अतिरिक्त भार आता। इसके हिसाब से पांच महीने का 80 करोड़ रुपए बैठता है।
एक अप्रैल से अगर एक हजार रु. भत्ता बढ़ जाता तो हर महीने सरकार पर 16 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार और आता। लेकिन 5 महीने बाद भी योजना लागू नहीं होने से करीब 80 करोड़ रुपए बच चुके हैं।

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