लूणकरणसरकृषि विज्ञान केंद्र पर प्रशिक्षण एवं जागरूकता कार्यक्रम - Khulasa Online लूणकरणसरकृषि विज्ञान केंद्र पर प्रशिक्षण एवं जागरूकता कार्यक्रम - Khulasa Online

लूणकरणसरकृषि विज्ञान केंद्र पर प्रशिक्षण एवं जागरूकता कार्यक्रम

न्यूज बीकानेर

लोकेश कुमार बोहरा।
बीकानेर।राष्ट्रीय बीज निगम सूरतगढ़ के सौजन्य से कृषि विज्ञान केंद्र लूणकरनसर पर संयुक्त तत्वावधान में आज एफपीओ/ डीलरों और किसानों के लिए एक-दिवसीय प्रशिक्षण एवं जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में एफपीओ, कृषि आदान डीलर और किसानों के 75 प्रतिनिधेयों ने प्रतिभाग किया। उक्त कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ. मुकेश कुमार जाट, क्षेत्रीय प्रबंधक, राष्ट्रीय बीज निगम जयपुर एवं विशिष्ट अतिथि स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय बीकानेर के अतिरिक्त निदेशक अनुसन्धान (बीज), राष्ट्रीय बीज परियोजना के डॉ. एन के शर्मा रहे। साथ ही कार्यक्रम में डॉ. मदन लाल रैगर वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष कृषि विज्ञान केंद्र लूणकरनसर, डॉ. आर के दाधीच प्रबंधक, केंद्रीय राज्य फार्म सरदारगढ़, डॉ. सरवन सिंह एरिया मैनेजर, राष्ट्रीय बीज निगम सूरतगढ़, डॉ. विजय सिंह लम्बा क्षेत्रीय प्रबंधक इफको-बीकानेर, डॉ. गौरब राय प्रतिनिधि ई-नाम, डॉ. नवल किशोर विषय विशेषज्ञ उद्यानिकी, डॉ. ऋचा पंत विषय विशेषज्ञ खाद्य एवं पोषण एवं श्री कुलवंत मील मार्केटिंग प्रभारी, राष्ट्रीय बीज निगम उपस्थित रहे। कार्यक्रम में डॉ. राजेंद्र सिंह मूंड, कृषि डॉक्टरेट एवं पूर्व छात्र स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय बीकानेर ने विशिष्ट सहभागिता निभाई। कार्यक्रम का शुभारम्भ सम्मानित मंच द्वारा सरस्वती वंदना एवं दीप-प्रज्ज्वलन कर किया गया। तत्पश्चात केंद्र प्रभारी डॉ. मदन लाल रैगर ने कृषि विज्ञान केंद्र पर की जा रही विभिन्न गतिविधियों जैसे- प्रशिक्षण, प्रथम पंक्ति प्रदर्शन, नैदानिक सेवाएं एवं अन्य जागरूकता कार्यक्रमों के विषय में जानकारी दी। साथ ही उन्होंने कृषि विज्ञान केंद्र पर लगायी गयी विभिन्न्न प्रदर्शन इकाईयों जैसे – फसल कैफेटेरिया, पोषण वाटिका, फल-कैफेटेरिया, केंचुआ इकाई, अजोल्ला इकाई आदि के विषय में भी जानकारी दी। डॉ. मुकेश कुमार जाट क्षेत्रीय प्रबंधक, राष्ट्रीय बीज निगम जयपुर ने प्रतिभागियों को राष्ट्रीय बीज निगम की विभिन्न खाद्यान्न, तैलीय, दलहनी एवं चारा फसलों की नवीन एवं उत्कृष्ट किस्मों के बारे में जानकारी दी जिनके बीज उचित मूल्य पर राष्ट्रीय बीज निगम के अधिकृत बीज विक्रेताओं से किसान प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने ज्वार, बाजरा की चारा फसलों के बीजों के बारे में भी बताया। अतिरिक्त निदेशक अनुसन्धान (बीज) डॉ. एन के शर्मा ने किसान सहभागीयता से गुणवत्तायुक्त बीज उत्पादन की संभावनाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एक क्षेत्र के किसान यदि संगठित रूप से बीज उत्पादन का कार्य करें तो सामान्य फसलों के उत्पादन की तुलना में अधिक मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं। डॉ. आर के दाधीच प्रबंधक, केंद्रीय राज्य फार्म सरदारगढ़ ने किसानों से समन्वित फसल प्रबंधन एवं समन्वित पोषण प्रबंधन के माध्यम से अधिक उपज प्राप्त करने का आह्वाहन किया। डॉ. विजय सिंह लम्बा क्षेत्रीय प्रबंधक इफको-बीकानेर ने किसानों से यूरिया और डी ए पी की क्षमता को बढ़ने के लिए नैनो-उर्वरकों के पर्णीय छिड़काव की आवश्यकता पर बल दिया। डॉ. गौरब राय प्रतिनिधि ई-नाम ने राष्ट्रीय कृषि बाजार के ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से किसानों को देशभर की कृषि उपज मंडियों से सीधे जुड़कर अपनी उपज का उचित मूल्य खुद तय कर अधिक सशक्त बनने का आह्वाहन किया। डॉ. नवल किशोर विषय विशेषज्ञ उद्यानिकी ने बागवानी फसलों के उत्पादन एवं उनके लिए आवश्यक नर्सरी प्रबंधन पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि किसान सब्ज़ियों की अगेती और पछेती फसल के माध्यम से उचित मूल्य प्राप्त कर सकते हैं। डॉ. ऋचा पंत विषय विशेषज्ञ खाद्य एवं पोषण ने किसानों को शुष्क क्षेत्र के फल, सब्ज़ियों एवं फसलों के प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन की संभावनाओं के बारे में बताया। साथ ही केंद्र पर स्थापित पोषण वाटिका के बारे में भी बताया। इस अवसर पर दो एग्रो कंपनियों को राष्ट्रीय बीज निगम के अधिकृत बीज विक्रेता का प्रमाण पत्र भी दिया गया। सभी अतिथियों एवं प्रतिभागियों ने केंद्र के फसल कैफेटेरिया एवं पोषण वाटिका का भ्रमण भी किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. ऋचा पंत ने किया। अंत में डॉ. मदन लाल रैगर ने सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिवादन किया तथा सभी प्रतिभागियों को कृषि विज्ञान केंद्र से जुड़े रहते हुए तकनीकी जानकारी प्राप्त करने का आह्वाहन भी किया।श

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