कुंवारे पुलिसकर्मियों के लिए आई यह बड़ी खबर - Khulasa Online कुंवारे पुलिसकर्मियों के लिए आई यह बड़ी खबर - Khulasa Online

कुंवारे पुलिसकर्मियों के लिए आई यह बड़ी खबर

भीलवाड़ा। पुलिस महानिदेशक एमएल लाठर के एक आदेश ने प्रदेश के थानों में खलबली मचा दी है। इस आदेश के तहत अब पुलिस के अविवाहित जवानों को थाना या पुलिस लाइन परिसर में सरकारी क्वार्टर नहीं दिया जाएगा। जवानों को थाना या पुलिस लाइन में बनी बैरक में रहना होगा। इसके पीछे डीजीपी ने तर्क दिया कि कानून व्यवस्था की आपात स्थिति में राजकार्य के लिए पर्याप्त संख्या में थाने में कर्मचारी की उपस्थिति सुनिश्चित नहीं होती। डीजीपी के इस आदेश का दबी जुबान से जवानों ने विरोध किया। उन्होंने इसे अव्यवहारिक बताते हुए कहा कि जिन माता-पिता ने उनको पढ़ा-लिखाकर बढ़ा किया। अगर वह और उनके भाई-बहन साथ रहते है तो उनका बैरक में अकेले रहना कैसे सम्भव होगा।
40 प्रतिशत का बैरकों में रहना अनिवार्य
डीजीपी ने आदेश में लिखा की पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो के सुझाव के अनुसार थाने के 40 प्रतिशत कर्मचारियों का बैरकों में रहना अनिवार्य है। थाने या पुलिस लाइन में 60 और 40 के अनुपात में आवासीय भवन और बैरकों का निर्माण किया गया है। लेकिन इस नियम की प्रदेश के थानों में पालना नहीं हो रही है। पुलिस के अविवाहित जवान भी संस्थान परिसर के बाहर किराए के आवासीय भवन में निवास कर रहे है। इसके कारण आकस्मिक स्थितियों में आवश्यकता होने पर पर्याप्त मात्रा में जाप्ता उपलब्ध नहीं होता। यहां तक की नए अविवाहित जवान भी बैरकों में नहीं रह रहे है। डीजीपी ने नियमों की पालना नहीं करने को अनुशासनहीनता बताया है।सबके लिए समान काम हों
भीलवाड़ा पुलिस के जवान इस आदेश का विरोध कर रहे है। उनका कहना है कि इस आदेश से बैरक में रहने वाले जवानों को जब चाहे उठाकर ड्यूटी पर भेज दिया जाएगा। यह गलत है। थाने पर मौजूद नफरी में सबके लिए समान काम है। बैरक में रहने पर अधिकारी जब चाहे जवानों को काम में लेंगे, वहीं कई जवानों के साथ माता-पिता, भाई-बहन भी रहते है। ऐसे में वह कैसे बैरक में रहे।
मकान मालिक के खिलाफ मामला तो दर्ज नहीं
डीजीपी ने आदेश में कहा कि पुलिसकर्मी परिवार समेत सरकारी क्वार्टर में न रहकर बाहर किराए पर मकान लेकर रह रहे है, उनके मकान मालिक के खिलाफ कोई अपराधिक प्रकरण तो दर्ज नहीं है। कहीं मकान मालिक किसी संगठित गिरोह में शामिल तो नहीं। इसके लिए पुलिस अधीक्षक को यह सुनिश्चित करने के आदेश दिए

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