भाद्रपद माह में खान-पान का रखें विशेष ध्यान, ऐसी चीजें न खाएं जो आसानी से पचती नहीं हैं - Khulasa Online भाद्रपद माह में खान-पान का रखें विशेष ध्यान, ऐसी चीजें न खाएं जो आसानी से पचती नहीं हैं - Khulasa Online

भाद्रपद माह में खान-पान का रखें विशेष ध्यान, ऐसी चीजें न खाएं जो आसानी से पचती नहीं हैं

हिन्दी पंचांग का छठा और चातुर्मास का दूसरा महीना है भाद्रपद। चातुर्मास के चार महीनों में जप, तप और ध्यान करने का विशेष महत्व है। इन महीनों में खान-पान और जीवन शैली में जरूरी बदलाव करना स्वास्थ्य की दृष्टि से लाभदायक रहता है। जो लोग चातुर्मास में अनुशासन बनाए रखते हैं, उन्हें स्वास्थ्य के साथ ही धर्म लाभ भी मिलता है।

भाद्रपद माह में बलराम, श्रीकृष्ण और गणेश जी प्रकट हुए थे। इस माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी पर बलराम और अष्टमी तिथि पर श्रीकृष्ण का प्रकटउत्सव मनाया जाता है। शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से दस दिवसीय गणेश उत्सव शुरू होता है। ये माह पूजा-पाठ और स्वास्थ्य के नजरिए से बहुत महत्व पूर्ण है। इन दिनों में ऐसी चीजें खाने से बचें, जिन्हें पचने में अधिक समय लगता है, जैसे मेदे वाली चीजें, अधिक तेल वाली चीजें आदि। इस माह में ज्यादा मसालेदार और तैलीय चीजों के चक्कर में न पड़ें और सेहतमंद चीजों को खाने में शामिल करें।

अभी बारिश का समय है। ऐसे में सूर्य का प्रकाश हम तक पहुंच नहीं पाता है। इस वजह से हमारा पाचन तंत्र पूरी शक्ति के साथ काम नहीं कर पाता है। ऐसी स्थिति में हमें खाने में वह चीजें शामिल करनी चाहिए जो आसानी से पच जाती है। ये हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक है। इसके साथ नियमित रूप में योगा भी करना चाहिए। पूजा-पाठ करें और भगवान के मंत्रों का जाप करें। ध्यान करें। ऐसा करने से मानसिक रूप से हम शक्तिशाली बनते हैं।

 ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार इस माह की पूर्णिमा से श्राद्ध पक्ष शुरू हो जाता है। इस बार ये पूर्णिमा 20 सितंबर को है। भादौ मास में भगवान विष्णु और उनके अवतारों की विशेष पूजा करनी चाहिए। माह में रोज सुबह स्नान के बाद घर के मंदिर में बाल गोपाल की पूजा करें। श्रीगणेश की पूजा के बाद बाल गोपाल का दक्षिणावर्ती शंख से अभिषेक करना चाहिए। इसके लिए दूध में केसर मिलाएं और बाल गोपाल को अर्पित करें। इसके बाद जल से स्नान कराएं। पीले चमकीले वस्त्र अर्पित करें। भगवान को माखन-मिश्री का भोग लगाएं। ध्यान रखें भोग में तुलसी जरूर रखें। कृं कृष्णाय नम: मंत्र का जाप करें।

रोज सुबह जल्दी उठकर स्नान के बाद सूर्य को जल चढ़ाएं। जल चढ़ाते समय ऊँ सूर्याय नम: मंत्र का जाप करें। गणेशजी और श्रीकृष्ण पूजा के साथ ही शिवलिंग पर जल चढ़ाएं। ऊँ सांब सदा शिवाय नम: मंत्र का जाप करें। जरूरतमंद लोगों को अपने सामर्थ्य के अनुसार धन और अनाज का दान करें। वस्त्रों का दान करें। गणेशजी को दूर्वा की 21 गांठ चढ़ाएं। लड्डू का भोग लगाएं। श्रीगणेशाय नम: मंत्र का जाप करें।

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