शाइरा ‘अना’ के 04 गजल संग्रहों का ऑनलाईन विमोचन 2 को
बीकानेर। राजस्थान की प्रख्यात शाइरा डॉ. मंजु कछावा ‘अना’ के 04 गज़़ल संग्रहों का ऑनलाईन विमोचन आगामी 02 जुलाई को सायं 07 बजे होगा। आयोजन के संबंध में जानकारी देते हुए अन्तर मैत्रीसमूह के समन्वयक रवि शुक्ल ने बताया कि डॉ. मंजु कछावा ‘अना’ के चार संग्रह ”मुसल्सल सफऱ में”, “यक़ीन होने तक”, “सीपियों की क़ैद में”, तथा ”ख़्वाब का चर्चा” का विमोचन ऑनलाईनविधि से किया जायेगा। प्रथम गज़़ल संग्रह ”मुसल्सल सफऱ में” का विमोचन भारत के प्रसिद्ध शाइर सैयद क़मरूल हसन काज़मी साहब (कानपुर) करेंगे। इस संग्रह पर युवा शाइर अमित गोस्वामी पत्रवाचनकरेंगे। द्वितीय संग्रह ”यक़ीन होने तक” का विमोचन देश के ख्यातनाम उर्दूदां सैयद ख़ुशनूद अहमद समर क़बीर साहब (उज्जैन) करेंगे जबकि इस संग्रह पर पत्रवाचन शाइर श्री अखिलेश तिवारी (जयपुर)का होगा। तृतीय संग्रह ”सीपियों की क़ैद में” का विमोचन राष्ट्रीय स्तर पर अपनी अलहदा पहचान रखने वाले शाइर कुंवर कुसुमेश साहब (लखनऊ) करेंगे तथा इस संग्रह पर पत्रवाचन डॉ. असित गोस्वामीका होगा। इसी प्रकार चैथे संग्रह ”ख़्वाब का चर्चा” का विमोचन शाइर श्री सागर त्रिपाठी (मुम्बई) करेंगे तथा इस पर पत्रवाचन श्री रवि शुक्ल का होगा। स्वागताध्यक्ष युवा रंगकर्मी एवं फिल्म आलोचकनवल किशोर व्यास होंगे व डॉ. मंजु कछावा ‘अना’ का परिचय युवा लोकसंस्कृतिकर्मी गोपाल सिंह चौहान प्रस्तुत करेंगे। ऑनलाईन होने वाले इस विमोचन समारोह हेतु ‘रस्मे इजरा’ समूह का गठन कियागया है। इस समूह में देशभर के साहित्यकारों को शामिल होने का अनुरोध प्रेषित किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व डॉ.मंजु कछावा ‘अना’ की 05 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। जिनमें कविता संग्रहसंग्रह ”अपने पांवों नाच कठपुतली”, दोहा संग्रह ”हँस देगी फिर दिशा-दिशा”, गज़़ल संग्रह ”अनछुए पहलू”,”गूँजती ख़ामोशी”,”मैं नहीं हूं” शामिल हैं। इसके अतिरिक्त दशाधिक साझा गज़़ल संग्रहों मेंउनकी गज़़लों को शामिल किया जा चुका है। देश भर के पत्र-पत्रिकाओं में डॉ. मंजु कछावा ‘अना’ की गज़़लें निरन्तर प्रकाशित होती रही हैं।