सरसों तेल के दाम हुए धड़ाम, फटाफट करें खरीदारी - Khulasa Online सरसों तेल के दाम हुए धड़ाम, फटाफट करें खरीदारी - Khulasa Online

सरसों तेल के दाम हुए धड़ाम, फटाफट करें खरीदारी

नई दिल्लीः कोरोना वायरस संक्रमण की रफ्तार के बीच महंगाई लोगों की कमर तोड़ रही है। पेट्रोल-डीजल के साथ-साथ खाद्य तेल की कीमत में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। इस बीच अगर आप सरसों तेल के खरीदार हैं तो यह खबर आपके लिए बहुत बेहतरीन साबित होने जा रही है। सरसों तेल की कीमत बंपर गिरावट देखने को मिल रही है।
दो से तीन माह पूर्व जो सरसों व सोयाबीन के तेल सातवें आसमान पर थे। उनमें 17 से 22 रुपये तक की कमी आ गई है। इसकी वजह आयातित खाद्य तेलों के कर शून्य किए जाने के साथ-साथ सरकार द्वारा वायदा कारोबार पर रोक लगाने का आदेश जारी करना भी है।
कारोबारियों के मुताबिक आगे और भी तेल की कीमत में कमी देखने को मिल सकती है। इससे लोगों की जेब पर दबाव कम होगा। बीते एक महीने में अगर तेल के दामों पर नजर डालें तो अक्टूबर-नवंबर में जो सरसों का तेल 185 रुपये प्रति लीटर बेचा जा रहा था।
इस समय वह घटकर 163 से 168 रुपये प्रति लीटर हो गया है। इसी प्रकार सोयाबीन का तेल नवंबर में 140 रुपये प्रति लीटर था वह इस समय घटकर 130 से 132 रुपये प्रति लीटर हो गया है।
बाजार के जानकारों के अनुसार खरीफ की मुख्य फसल सोयाबीन का उत्पादन कम होने से सितंबर से ही भाव में तेजी शुरू हो गई थी। इससे सोयाबीन तेल के भाव सितंबर में 90 रुपये से बढ़कर जनवरी तक 140 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गए थे।
तेल के भाव में चार महीने में 45 रुपये प्रति लीटर की रिकार्ड तेजी से आम आदमी के घर का बजट बिगड़ रहा था, लेकिन अब इसमें गिरावट शुरू हो गई है।
इससे लोगों को आठ से दस रुपये तक बचत होने लगी है। सरसों की पैदावार पिछले वर्ष की तुलना इस साल अच्छी हुई है। निश्चित रूप से आने वाले दिनों तेलों के दामों में और कमी आएगी। राशन में खाद्य तेल के वितरण से भी सरसों तेल की मांग घटती है। यह भी दाम में गिरावट की एक वजह है। पिछले एक माह में तेल के भाव में अधिक कमी आइ है। – संजय सिंघानिया, अध्यक्ष, चेंबर आफ कामर्स

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