बीकानेर/ शहर गुस्से में, डेंगू खतरनाक मोड पर, गंभीर होने पर किया जा रहा जयपुर रेफर, अब तक नौ की मौत - Khulasa Online बीकानेर/ शहर गुस्से में, डेंगू खतरनाक मोड पर, गंभीर होने पर किया जा रहा जयपुर रेफर, अब तक नौ की मौत - Khulasa Online

बीकानेर/ शहर गुस्से में, डेंगू खतरनाक मोड पर, गंभीर होने पर किया जा रहा जयपुर रेफर, अब तक नौ की मौत

सीधी बात : कुशालसिंह मेड़तिया, संपादक, डेली खुलासा न्यूज

खुलासा न्यूज, बीकानेर। बीकानेर में डेंगू खतरनाक मोड पर आ गया है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट को देखें तो 31 अक्टूबर तक जिले में एक की मौत और 551 डेंगू पॉजीटिव रिपोर्ट हुए है । रिकॉर्ड में तीन की मौत बताई गई है जिसमें दो श्रीगंगानगर और एक बीकानेर का बताया है। जबकि हकीकत यह है कि बीकानेर में हालात बेकाबू है। जहां बड़ी संख्या में डेंगू, मलेरिया के मरीज मिल रहे है। डेंगू से मरने वालों की संख्या अब नौ हो चुकी है।
पीबीएम व प्राइवेट हॉस्पीटलों में स्थितियां बिगड़ती जा रही है, गंभीर मरीजों को जयपुर रेफर किया जा रहा है। दो दिन पहले निजी हॉस्पीटल में भर्ती डेंगू मरीज की हालत गंभीर हो गई। ऐसे में उस युवक को जयपुर रेफर करने की तैयारी की जा रही थी, इसी दरम्यान युवक ने दम तोड़ दिया।
पीबीएम हॉस्पिटल के डॉक्टरों की माने तो उनके पास ज्यादातर सीरियस केस आ रहे हैं। क्योंकि बुखार होने के बाद व्यक्ति पहले अपने स्तर पर दवाइयां लेकर ठीक होने का प्रयास करते हैं, जबकि डेंगू के केस में हालात 4-5 दिन बाद तेजी से बिगड़ती है। उससे पहले व्यक्ति को सामान्य बुखार के अलावा कोई लक्षण नजर नहीं आते हैं। ऐसे में डॉक्टरों का कहना है कि अगर किसी व्यक्ति के बुखार है तो उसे एक बार डॉक्टर से जरूर कंसल्ट करना चाहिए, ताकि आगे की सीरियस स्थिति से बचा जा सके।

बीकानेर में हालात बिगडऩे से जयपुर में लोड ज्यादा
जयपुर में बीकानेर सहित श्रीगंगानगर, नागौर, जोापुर जैसे बड़े शहरों से बड़ी संख्या में मरीज रेफर होकर पहुंच रहे हैं। यहां अस्पतालों में मरीजों की भीड़ बढ़ गई है। जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल के अलावा राजकीय जयपुरिया, हरबक्श कावंटिया, सैटेलाइट हॉस्पिटल, जनाना चिकित्सालय चांदपोल और सांगानेरी गेट महिला चिकित्सालय में भी बड़ी संख्या में डेंगू के मरीज भर्ती हो रहे है।

डेंगू का कहर, शहर गुस्से में
जिले में डेंगू का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। जिसके चलते डेंगू के मरीजों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। रविवार को एक बार फिर डेंगू के 23 नए मरीज रिपोर्ट हुए है। ऐसे में जिले में डेंगू मरीजों का आंकड़ा 551 हो गया है। अब तक 9 मौतें भी हो चुकी है। जिला हॉस्पिटल और पीबीएम में भले ही रोजाना 12 सौ वायरल मरीजों की भीड़ डॉक्टरों को दिखाने पहुंच रही है, लेकिन डेंगू की जांच औसतन चार सौ लोगों की भी नहीं हो रही। स्वास्थ्य विभाग की डेंगू जांचों के प्रति उदासीनता से शहर गुस्से में है। डेंगू की जांच केवल जिला हॉस्पिटल और पीबीएम चिकित्सालय में ही हो रही है जबकि स्वास्थ्य विभाग चाहे तो शहर की डिस्पेंसरियों में यह व्यवस्था लागू हो सकती है जिससे आमजन को काफी राहत मिलेगी ।

बेशर्मी की हदें पार : पीबीएम में डेंगू मरीजों को भर्ती तो किया जा रहा है, लेकिन जांच ठीक होने के बाद
जिला प्रशासन व चिकित्सा विभाग को आंकड़े छुपाने की आदत हो गई। कोरोना काल से लेकर अब डेंगू के आंकड़ों को छिपाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।  पीबीएम डेंगू मरीजों के आंकड़ों पर पर्दा डालने के लिए मरीज को हॉस्पिटल में भर्ती तो कर रहा है, लेकिन उसकी जांच ठीक होने के बाद करवाई जा रही है। वहीं डेंगू से मरने वालों के आंकड़े छुपाने के लिए भी पीबीएम बाहर की डेंगू जांच बताकर पल्ला झाड़ रहा है।

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