राजपरिवार के अंतिम संस्कार में इस समाज की होती है अहम भूमिका,पढ़े पूरी खबर,देखे विडियो - Khulasa Online राजपरिवार के अंतिम संस्कार में इस समाज की होती है अहम भूमिका,पढ़े पूरी खबर,देखे विडियो - Khulasa Online

राजपरिवार के अंतिम संस्कार में इस समाज की होती है अहम भूमिका,पढ़े पूरी खबर,देखे विडियो

बीकानेर। अगर रीति रिवाज निभाने की बात आएं तो बीकानेर की अनूठी ही पहचान है। जहां धार्मिक,सामाजिक व अन्य प्रकार के आयोजनों में आज भी वर्षों पुरानी चल आ ही परम्पराओं का निर्वहन बखूबी किया जाता है। इसमें अंतिम संस्कार भी एक है। राज परिवार में किसी की अपूरणीय क्षति में पुष्करणा ब्राह्मण समाज की तीन जातियां की भूमिका अहम होती है। निधन के समाचार से लेकर उन्हें पंचतत्व में विलिन होने तक के धार्मिक संस्कारों का निर्वहन इन जातियां द्वारा किया जाता है। जानकारी मिली है कि राजपरिवार किसी के निधन की सूचना मिलने के बाद पुष्करणा समाज की चोवटिया जोशी जाति का एक सदस्य संबंधित जगह पहुंच जाता है। अगर निधन अस्पताल में होता है तो उनके पार्थिव शरीर को उनके निवास तक पहुंचाकर,उनकी अंतिम यात्रा के शुरू होने तथा श्मशान घाट तक प्रवेश के सभी संस्कारों का निर्वहन जोशी परिवार की ओर से किये जाते है। जैसे ही अंतिम यात्रा श्मशान घाट में प्रवेश करती है। वहीं आचार्य परिवार उनकी वैकुंटी बांधने का काम किया जाता है। वैसे ही पुरोहित समाज के लोगों द्वारा उनके पार्थिव शरीर को कंधा देकर चिता तक लाया जाता है और मुखाग्नि से अंतिम प्रयाण तक पुरोहित परिवार के लोग ही धार्मिक रीति रिवाज अनुसार अंतिम संस्कार की प्रक्रिया को सम्पन्न करवाते है। इस बारे में खुलासा ने इतिहास के पन्नों को खंगाला तो सामने आया कि लगभग 500 वर्षों से यही परम्परा चल रही है। सागर स्थित पुरोहित परिवार से जुड़े मनोज कुमार ने बताया कि वर्षों से राजपरिवार के अंतिम संस्कार का परम्पराओं निर्वहन किया जा रहा है। महिला के निधन पर उनका पार्थिव शरीर रूई से लपेटा हुआ होता था। उनकी अंतिम संस्कार में मुखाग्नि के समय केवल पुरोहित परिवार के लोगों के अलावा मुखाग्नि देने वाला ही मौजूद होता आया है। परन्तु समय के बदलाव के साथ ही परम्पराओं में भी बदलाव देखने को मिल रहे है।
पदमा कुमारी पंचतत्व में विलिन,नम आंखो से दी विदाई
राज घराने की बहु पदमा कुमारी का मंगलवार को उनके पैत्रृक श्मशान घाट पर धार्मिक मान्यता अनुसार अंतिम संस्कार किया गया। उनको उनकी पुत्रियों विधायक सिद्विकुमारी व ममता कुमारी ने मुखाग्नि दी।
उनके अंतिम संस्कार में विधायक सुमित गोदारा,भाजपा जिलाध्यक्ष अखिलेश प्रतापसिंह,पूर्व जिलाध्यक्ष सत्यप्रकाश आचार्य,मोहन सुराणा,दीपक पारीक,अशोक बोबरवाल,पूर्व महापौर नारायण चोपड़ा,महावीर रांका,भगवान सिंह मेडतिया,दुर्गासिंह शेखावत,प्रहलाद सिंह मार्शल,आनंद सिंह सोढ़ा सहित अनेक गणमान्य शामिल हुए। इससे पूर्व बीएसएफ की ओर से पुष्प चक्र भेंटकर उन्हें श्रद्वाजंलि दी गई।

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