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टोल कंपनी ने आंदोलनकारियों की मांगों को माना देगी साढ़े इकतीस लाख रुपये की सहायता

महेश देरासरी
बीकानेर। पीडि़त को मुआवजा दिलवाने की मांग को लेकर पिछले चार दिन से हिंदौर टोल प्लाजा पर चल रहा धरना प्रदर्शन रविवार को सहमति मरने के बाद समाप्त हो गया। आंदोलनकारियों व टोल कंपनी के बीच हुए समझौते में पीडि़त परिवार को 31 लाख 51 हजार रुपए की सहायता राशि देने पर सहमति बनी।इससे पूर्व धरना स्थल पर सूरतगढ़ बीकानेर क्षेत्र के अनेक राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि एमबीएल कंपनी ने मृतक के परिवार के साथ वादाखिलाफी की है। कंपनी ने मृतक के परिवार कोई संवेदना प्रकट नहीं की। साथ ही मुआवजे को लेकर मृतक के परिवार को गुमराह करते रहे और बाद में अस्थाई कर्मचारी बताकर मुआवजा देने से मना कर दिया। धरना स्थल पर खींवसर विधायक नारायण बेनीवाल भी पहुंचे। दोपहर बाद आंदोलनकारियों व कंपनी प्रतिनिधियों के बीच हुई वार्ता में कंपनी ने कुल 31 लाख 51 हजार रूपए देने की हामी भरी। जिस पर सहमति बन गई। पीडि़त परिवार को खींवसर विधायक बेनीवाल ने इक्यावन हजार रुपए देने की घोषणा की। दिनेश रानेजा ने पीडि़त परिवार को एक लाख इक्यावन हजार रुपए देने की घोषणा की।
यह था मामला
महाजन के विकास ओझा ने बताया कि छ फरवरी को मोकलसर के नजदीकी गांव चकजोड़ के पवन शर्मा पुत्र चंदूराम शर्मा का कम्पनी कार्य के दौरान रोड़ निर्माण व टॉल प्लाजा चलाने वाली कंपनी में कार्य करते हुए कंपनी की गाड़ी से दुर्घटना में घटनास्थल पर ही रात को करीब साढ़े आठ बजे मृत्यु हो गई थी जिसके बाद कंपनी की ओर से इस मामले को सुबह तक छुपाया गया और परिजनों को नही बताया। सुबह परिजनों को शव देकर कंपनी के लोग चले गए।टोल कंपनी के अधिकारी मृतक के परिजनों को मुआवजे के लिए एक महीने तक गुमराह करते रहे। इसके बाद परिजनों के मुआवजे कहने पर कंपनी की ओर से मृतक पवन शर्मा के स्थाई कर्मचारी का बहाना बनाकर सहायता देने से मना कर दिया। पीडि़त परिवार की ओर से न्याय की गुहार लगाने पर भी सुनवाई नहीं हुई है।इससे लोगों में रोष व्याप्त था।

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