बसों व ट्रेनों में यात्रियों के जेवरात व नगदी पार करने वाली अंतर्राज्यीय गैंग को पुलिस ने दबोचा - Khulasa Online बसों व ट्रेनों में यात्रियों के जेवरात व नगदी पार करने वाली अंतर्राज्यीय गैंग को पुलिस ने दबोचा - Khulasa Online

बसों व ट्रेनों में यात्रियों के जेवरात व नगदी पार करने वाली अंतर्राज्यीय गैंग को पुलिस ने दबोचा

बीकानेर। आये दिन बसों व ट्रेनों में यात्रा करने वाले यात्रियों के सामान पार हो जाता है प्राय: जेवरात व नगदी सूटकूस खोलकर पार कर ले जाते है। इस मामलों पर पुलिस ने अनुसंधान करते हुए सूटकेस के अंदर से जेवरात व नकदी पार करने वाली हरियाणा अंतर्राज्यीय गैंग के दो आरोपियों को बीकानेर जीआरपी पुलिस ने गिरफ्तार किया। जीआरपी थानाधिकारी राजाराम लेघा से मिली जानकारी के अनुसार पकड़े गए आरोपियों में हरियाणा निवासी बीता उर्फ अमित पुत्र करतार उम्र 41 वर्ष व अशोक उर्फ शौकी पुत्र प्रेम सिंह उम्र 41 वर्ष है। दोनों को कोर्ट में पेश कर जैसी करवा दिया। जहां मुंबई पुलिस दोनों आरोपियों को प्रॉडक्शन वारंट पर गिरफ्तार कर ले गई है। पुलिस के अनुसार आरोपियों द्वारा दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, मुंबई, राजस्थान में कई बड़ी वारदातों को अंजाम दिया है। जिनके विरुद्ध अलग शहरों में कई पुलिस थानों में प्रकरण में दर्ज है।
1 नवंबर 2021 को ट्रेन नंबर 9705 सुरतगढ़-जयपुर पैसेंजर में बीकानेर के जामसर निवासी जेठाराम सफर कर रहा था। सूरतगढ़ से लूणकरणसर के बीच यात्रा के दौरान शातिर अपराधियों द्वारा यात्री का ध्यान भटका कर यात्री के सूटकेश में से जेवरात व नकदी चोरी कर सूटकेश को उसी स्थिति में वापस बंद कर दिया। परिवादी घर पहुंचा और सूटकेश संभाला तो जेवरात व नकदी चोरी होने का पता चला। उसके बाद परिवादी ने जीआरपी थाना बीकानेर पर जेवरात (सोने के हार, सोने के टॉप्स, कानो के सोने के झूमके, सोने की अंगुठिया, नाक के लौंग, सोने की दो चेन, एक सोने की लॉकेट) व नकदी चोरी होने की रिपोर्ट दी। जिस पर पुलिस ने चोरी कर प्रकरण दर्ज कर जांच हेतु टीम का गठन किया। इस टीम में बीकानेर जीआरपी थानाधिकारी राजाराम लेघा, हैड कांस्टेबल रणवीर सिंह, कांस्टेबल राजाराम, अनिल कुमार, बंशीलाल, विनोद कुमार, सुनिल कुमार, रवि कुमार एवं साईर सैल के दीपेन्द्र पाल सिंह शामिल थे।
इस गैंग के सदस्य ट्रेनों व बसों में सफर करते है। सफर के दौरान कुछ सदस्य यात्रियों को बातों में लगाकर ध्यान भटकाते है एवं कुछ सदस्य यात्रियों के बैग, सुटकेश, अटैची को खोलकर शातिरता से उसमें रखे कीमती जेवरात व नकदी, मोबाइल आदि चोरी कर लेते है। चोरी करने के बाद खोले गये बैग को पुन: उसी स्थिति में बंद कर देते है और फिर गायब हो जाते है। अटैची व सुटकेश सही स्थिति में दिखने के कारण यात्रियों को यात्रा के दौरान चोरी होने का अहसास नहीं होता। यात्री द्वारा घर जाकर अपने बैग, अटैची को चैक करने पर चोरी होने का पता चलता है।

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