डेंगू के नये वैरियंट ने आमजन और सरकार दोनों की परेशानी बढाई - Khulasa Online डेंगू के नये वैरियंट ने आमजन और सरकार दोनों की परेशानी बढाई - Khulasa Online

डेंगू के नये वैरियंट ने आमजन और सरकार दोनों की परेशानी बढाई

जयपुर। राजस्थान में डेंगू के नये वैरियंट ने आमजन और सरकार दोनों की परेशानी बढ़ा दी है। एक्सपट्र्स की माने तो इस नये वैरियंट डेन-2 के शिकार कई मरीज शुरूआती दिनों में दिखने में ज्यादा सीरियस नहीं लगते और उनकी खून में प्लेटलेट्स भी कम नहीं होते, लेकिन कुछ समय गुजरने के बाद अचानक उनकी स्थिति बहुत क्रिटिकल हो जाती है। ऐसे स्थिति में छोटे कस्बों, शहरों में नियुक्त डॉक्टर्स भी समझ नहीं पाते की आखिर हुआ क्या है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में डेंगू के केसों को लेकर हुई आज हुई एक ओपन वीसी में एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसीपल डॉक्टर सुधीर भंडारी ने कहा कि राजस्थान समेत पूरे देश में डेन-2 और डेन-3 वैरियंट का डेंगू इन दिनों सबसे ज्यादा फैल रहा है। इसमें डेन-2 ज्यादा खतरनाक है। उन्होंने बताया कि इस वैरियंट से पीडि़त कई मरीजों में गाल ब्लेडर में सूजन, लीवर का साइज बढऩे, पेट या फेंफड़ों में पानी भर के केस आ रहे है।
ऐसे मरीज अक्सर पेट दर्द की शिकायत करते है और जब उनकी डेंगू की जांच की जाती है तो पता चलता है कि वह पॉजिटिव है। कई केसों में छोटे शहरों के हॉस्पिटल में इलाज करवाने के बाद जब जयपुर रैफर होकर मरीज आए तो उनमें यह बात सामने आई। उन्होंने बताया कि छोटे शहरों में डॉक्टर्स इस बीमारी का पता नहीं लगा पा रहे है और तब तक मरीज की स्थिति बिगडऩे लगती है।
लिक्विड का रखे विशेष ध्यान
वीसी में डॉक्टर्स ने बताया कि बुखार आने पर सबसे पहले डॉक्टर्स को जरूर दिखाए और जांच करवाए। साथ ही डेंगू की पहचान होने पर लिक्विड का विशेष ध्यान रखे। मरीज को पूरे दिन में कुछ-कुछ नारियल पानी, ओआरएस का घोल या अन्य लिक्विड पिलाते है। एक दिन में करीब साढ़ से 3 लीटर लिक्विड देने से मरीज के रिकवर होने की संभावना अच्छी होती है।
आंकड़े छुपाने से प्लानिंग और मैनेजमेंट बिगड़ता है
प्रदेश में इस साल डेंगू के 11 हजार से भी ज्याद केस सामने आ चुके है, जबकि 26 से ज्यादा लोगों की ऑनरिकॉर्ड मौत हो चुकी है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वीसी को संबोधित करते हुए कहा कि कई जगह ऐसी बातें सामने आ रही है कि चिकित्सा विभाग पॉजिटिव और मौत के आंकड़े छुपा रहा है, जो ठीक नहीं है। आंकड़ों के आधार पर ही हॉस्पिटल में व्यवस्थाएं करने में आसानी होती है। अगर विभाग या सरकार आंकड़े छुपाएगी तो भविष्य की प्लानिंग भी उसी के अनुरूप गलत होगी, जो ठीक नहीं है।
इन जिलों में हालात खराब
डेंगू को लेकर आज हुई रिव्यू बैठक में चिकित्सा विभाग के सचिव ने बताया कि सबसे ज्यादा जयपुर, कोटा, झालावाड़, जोधपुर, करौली, अलवर और धौलपुर जिलों में केस मिले है। जयपुर में 2177 केस आ चुके है, जबकि कोटा में 1102 केस मिले है। जबकि झालावाड़, जोधपुर, करौली, अलवर में 500 से ज्यादा केस मिले है।

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