फर्जी कागजात बनाकर लाखों के प्लॉट बेचने वाले गिरोह का खुलासा, मास्टरमाइंड गिरफ्तार - Khulasa Online फर्जी कागजात बनाकर लाखों के प्लॉट बेचने वाले गिरोह का खुलासा, मास्टरमाइंड गिरफ्तार - Khulasa Online

फर्जी कागजात बनाकर लाखों के प्लॉट बेचने वाले गिरोह का खुलासा, मास्टरमाइंड गिरफ्तार

खुलासा न्यूज, बीकानेर संभाग। बीकानेर संभाग के श्रीगंगानगर जिले के चूनावढ़ थाना पुलिस ने लोगों के प्लॉटों के फर्जी कागजात बनाकर लाखों के प्लॉट बेचने वाले गिरोह का खुलासा करते हुए मास्टर माइंड सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। जिनको अदालत में पेश कर चार दिन के रिमांड पर लिया है। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है। चूनावढ़ थाना प्रभारी परमेश्वर सुथार ने बताया कि 21 सितंबर 2020 को सदर थाने में सेतिया फार्म निवासी ज्ञानचंद पुत्र ओमप्रकाश अरोड़ा ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि शंकर कॉलोनी में उसका 108 नंबर का प्लाट है। ओमप्रकाश उर्फ बिट्टू, शिवा कंसल, जगदीश, सर्वजीत, आशा नागरू व अंकित शर्मा सहित अन्य ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर यूआईटी से अपने नाम करवाकर कब्जा कर लिया है और मकान बना लिया है। वह जब प्लॉट देखने गया तो वहां मकान बना हुआ मिला। यूआईटी में रेकॉर्ड देखा तो मूल फाइल नहीं मिली। पुलिस ने मामले में जांच की और एक आरोपी शिवा को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद परिवादी ने मामले की जांच बदलवा दी। जांच चूनावढ़ थाना प्रभारी को सौंप दी गई।

इन आरोपियों की हुई गिरफ्तारी
थाना प्रभारी ने बताया कि जांच के बाद आरोप प्रमाणित पाए जाने के बाद शंकर कॉलोनी निवासी ओमप्रकाश उर्फ बिट्टू पुत्र हरद्वारीलाल अग्रवाल, गली नंबर चार गेट बाबा विश्वकर्मा सरदारनगर मोगा सिटी पंजाब निवासी सोनू जैन उर्फ नवीन पंजाबी पुत्र चंद्रसेन जैन व चक पांच वाई निवासी सर्वजीत सिंह पुत्र साधुसिंह जटसिख को गिरफ्तार किया है। इनको अदालत में पेश कर चार दिन के रिमांड पर लिया है। पुलिस आरोपियों से गहनता से पूछताछ कर रही है।

गिरोह ने ऐसे किया प्लॉट पर कब्जा व बेचान
थाना प्रभारी सुथार ने बताया कि जांच के दौरान सामने आया है कि ओमप्रकाश उर्फ बिट्टू सहित अन्य आरोपियों ने परिवादी के शंकर कॉलोनी स्थित प्लॉट के फर्जी कागजात तैयार किए और यूआईटी से फर्जी पट्टा शिवा कंसल के नाम करवा दिया। इसके बाद रजिस्ट्री कराने के लिए पंजाब से 1500-1500 में दो जनों को लेकर आए। पहले रजिस्ट्री सर्वजीत सिंह के नाम कराई, इसके बाद आशा नागरु और इसके बाद अंकित शर्मा के नाम करवा दी। अंकित ने वहां मकान बना लिया। गिरोह का मास्टर माइंड ओमप्रकाश है।

गिरोह ने बदल दी प्लॉट की रजिस्ट्री
सदर थाने में चल रहे एक प्रकरण में यही गिरोह शामिल है। जिसमें एक बुजुर्ग के प्लॉट के कागजात ग्राहक को दिखाने के लिए मांगे थे और उसकी जगह कलर फोटो कॉपी करवाकर बुजुर्ग को लौटा दिए थे। इसके बाद बुजुर्ग का प्लॉट आगे बेचान कर दिया। इस मामले में जांच चल रही है।

आरोपियों पर चल रहे कई मामले
थाना प्रभारी सुथार ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ फायरिंग, रेप, धोखाधड़ी, अवैध कब्जे आदि के कई मामले चल रहे हैं। इनका रेकॉर्ड मंगाया गया है। ओमप्रकाश व सोनू के संबंध गैंगस्टर धोलू चौधरी से भी रहे हैं और उस मामले में भी आरोपी रहे हैं। उन्होंने बताया कि गैंगस्टर से इन्होंने से ही सौदा कराया था।

यूआईटी कॉर्मिकों की होगी जांच
थाना प्रभारी ने बताया कि इस प्रकरण में जांच चल रही है और मामले में यूआईटी के कॉर्मिकों की मिलीभगत की जांच की जा रही है। यदि किसी कॉर्मिक के खिलाफ आरोप प्रमाणित पाए जाते हैं तो उनकी गिरफ्तारी की जाएगी।

संपत्ति के कागजों लेकर बरतें सावधानी
बार संघ अध्यक्ष अधिवक्ता विजय रेवाड का कहना है कि जिले में जमीन, प्लॉट की खरीद-फरोख्त में धोखाधड़ी के मामले हो रहे हैं। इनसे बचने के लिए लोगों को खरीदते समय प्लाट या जमीन के बारे में पहले यूआईटी, नगरपरिषद परिषद, तहसील या नगरपालिका में जांच करनी चाहिए। इसके बाद ही कोई सौदा करना चाहिए। वहीं बेचने वाले को अपनी संपत्ति के दस्तावेज किसी दूसरे व्यक्ति को नहीं देने चाहिए। यदि खरीददार बैंक आदि स्थानों पर कागजात को दिखाने की बात कहे तो मालिक को स्वयं अपने साथ दस्तावेज ले जाकर दिखाने चाहिए और उनकी फोटो काफी आदि किसी को नहीं देनी चाहिए। कोई भी अनजान व्यक्ति घर आकर कुछ देकर कागजों पर हस्ताक्षर कराए तो पहले कागज को अच्छी तरह चेक करने के बाद ही उस पर हस्ताक्षर करें। वरना आपकी संपत्ति जा सकती है।

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