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RAS-2018 भर्ती मामला अदालत पहुंचा, सुनवाई 28 को

विवादों में आया RAS-2018 भर्ती मामला न्यायालय में पहुंच गया है। न्यू कॉलोनी आदर्श नगर अजमेर निवासी भाजपा पार्षद देवेन्द्र सिंह शेखावत ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष व शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा, उनके समधी चुरू जिला शिक्षा अधिकारी रमेशचन्द्र पूनिया और परीक्षा में चयनित उनके पुत्र गौरव पूनिया व पुत्री प्रभा पूनिया के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने अजमेर जिला न्यायालय में याचिका लगाई है। इस पर 28 जुलाई को सुनवाई होगी।

इस्तगासे में यह लगाए आरोप

शेखावत ने प्रार्थनापत्र (इस्तगासे) में बताया कि राजस्थान लोक सेवा आयोग अजमेर की ओर से वर्ष 2018 में ली गई RAS परीक्षा परिणाम जुलाई 2021 में जारी किए गए। इसमें गौरव व प्रभा का चयन हुआ। इनके पिता रमेश की जन्मतिथि 5 सितंबर 1961 है तथा 8 दिसंबर 1993 को वे प्रधानाध्यापक बन चुके थे। उनका प्रमोशन 32 साल 3 माह 3 दिन की उम्र में हुआ। इस कारण गौरव व प्रभा ओबीसी की श्रेणी में नहीं आते, जबकि दोनों RAS परीक्षा में ओबीसी कोटे में चयनित हैं। उसका लाभ लेने के अधिकारी नहीं हैं। आरोप लगाया गया है कि रमेश ने दोनों का फर्जी प्रमाणपत्र गलत दस्तावेज और फर्जी शपथ पत्र के आधार पर बनवाया। रमेश ने अपने समधी डोटासरा के साथ मिलकर षड्यंत्र कर अपने पुत्र व पुत्री को RAS 2018 की परीक्षा में चयन करवाया।

डोटासरा पर पद का दुरुपयोग करने का आरोप

डोटासरा ने अपने मंत्री और राजस्थान प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष पद का दुरुपयोग कर राजस्थान लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और सदस्य गणों को प्रभाव में लेकर गौरव व प्रभा को लिखित पेपर में समान अंक मिलीभगत कर दिलवाए तथा साक्षात्कार के अंदर समान तरीके से 80% अंक दिलवाए। आरोपी रमेश, गौरव व प्रभा ने कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर फर्जी ओबीसी प्रमाण पत्र बनाकर राजस्थान लोक सेवा आयोग के अधिकारी व कर्मचारी से मिलीभगत की। गौरव व प्रभा ने राज्य लोक सेवा आयोग में RAS की नौकरी प्राप्त की। डोटासरा ने अपने प्रदेश अध्यक्ष और मंत्री पद का दुरुपयोग कर अपने पुत्र वधू के भाइयों और बहनों का RAS 2018 की परीक्षा में चयन कराया।

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