जेईएन मारपीट प्रकरण में विधायक ने किया सरेंडर, यह मंत्री भी है साथ - Khulasa Online जेईएन मारपीट प्रकरण में विधायक ने किया सरेंडर, यह मंत्री भी है साथ - Khulasa Online

जेईएन मारपीट प्रकरण में विधायक ने किया सरेंडर, यह मंत्री भी है साथ

जयपुर. धौलपुर के बाड़ी में जेईएन के साथ हुई मारपीट के मामले में आरोपी बाड़ी से कांग्रेस विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा में आज जयपुर कमिश्नरेट में सरेंडर कर दिया है। पहले गिर्राज सिंह मलिंगा मंत्री राजेंद्र गुढ़ा के साथ मुख्यमंत्री आवास पहुंचेए उसके बाद मंत्री राजेंद्र गुढ़ा के साथ ही विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा कमिश्नरेट पहुंचे। सीएम के कानून की मदद करने के निर्देश बाद मलिंगा सरेंडर सरेंडर करने पहुंचे। फिलहाल कमिश्नरेट में मंत्री राजेंद्र गुढ़ा और गिर्राज सिंह मलिंगा कमिश्नर के साथ बैठे हैं और वह सरेंडर करने पहुंचे हैं।

क्या था मलिंगा मामला. 28 मार्च 2022 को दोपहर के समय बाड़ी उपखंड मुख्यालय के विद्युत निगम कार्यालय में असिस्टेंट इंजीनियर हर्षादिपति और जूनियर इंजीनियर नितिन गुलाटी के साथ मारपीट की गई थीण् विद्युत निगम के सहायक अभियंता हर्षादिपति ने मामला दर्ज कराया था। वारदात में शामिल रहे 32 वर्षीय समीद खान उर्फ समीर निवासी तकिया चौका बाड़ीए 26 वर्षीय आकाश निवासी बाड़ीए 22 वर्षीय रोहन निवासी बाड़ीए 23 वर्षीय भोला उर्फ अजय निवासी बाड़ी और 24 वर्षीय सचिन निवासी बाड़ी को गिरफ्तार किया जा चुका है। मारपीट के मामले में आरोप गिर्राज सिंह मलिंगा पर लगे थे जिसे अब तक गिर्राज सिंह मलिंगा नकार रहे थे यहां तक कि गिर्राज सिंह मलिंगा ने इस मामले में राजस्थान के डीजीपी पर भी आरोप लगा दिये थे।

आपको बता दें कि लंबे समय बाद पिछले दिनों मलिंगा सीएम हाउस में दिखे थे। 23 अप्रैल को इफ्तार पार्टी में मलिंगा सीएमआर पहुंचे थे। उस दिन पार्टी के कई नेताओं से भी उनकी मुलाकात हुई थी। मलिंगा ने तब भी अपने निर्दोष होने की बात दोहराई थी। इन्जीनियर प्रकरण के बाद से बेहद सामान्य बॉडी लैंग्वेज में मलिंगा दिखे हैं। आज भी मलिंगा बोले ने कहा कि सीएम साहब के कहने से सरेंडर किया है। इससे पहले डीजीपी एमएल लाठर के खिलाफ मलिंगा आरोप लगा चुके हैं। घटना के 45 दिन बाद धौलपुर के मामले में मलिंगा ने जयपुर कमिश्नर के सामने सरेंडर किया है।

बिजली कार्मिक संगठनों ने मलिंगा के सरेंडर करने पर खुशी जताई है। एईएन हर्षदापति ने मारपीट और राजकार्य में बाधा का मामला दर्ज करवाया था। कार्मिक और अधिकारियों के संयुक्त संगठन ने जताई खुशी है। 11 कार्मिक संगठनों के संयुक्त मंच ने कहा कि देरी से सही, पुलिस के सामने सरेंडर करने से न्याय मिलेगा।

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