किराएदारों, मकान मालिकों के लिए जरूरी खबर, अब आ रहा है नया कानून - Khulasa Online किराएदारों, मकान मालिकों के लिए जरूरी खबर, अब आ रहा है नया कानून - Khulasa Online

किराएदारों, मकान मालिकों के लिए जरूरी खबर, अब आ रहा है नया कानून

नई दिल्ली। देश में बहुत जल्द ही आदर्श किराया कानून लागू हो जाएगा। अभी देश में किराए के घरों और मकानों को लेकर कोई ऐसा कानून नहीं है। सरकार का कहना है कि इस कानून के आने के बाद कि राए के घरों को प्रोत्साहन मिलेगा। ये कानून किराएदार और मकान मालिक दोनों के फायदेमंद साबित होगा। आवास एवं शहरी मामलों के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने बताया कि 2011 की जनगणना के अनुसार 1.1 करोड़ घर खाली हैं क्योंकि लोग अपना घर किराए पर देने में हिचकिचाते हैं। मिश्रा ने कहा कि आदर्श किराया कानून से सभी कमियां दूरी होंगी और रियल एस्टेट क्षेत्र को प्रोत्साहन मिलेगा। कि राएदार को रेंट एग्रीमेंट में तय हुए वक्त से पहले निकाला नहीं जा सकता। बशर्ते किराएदार ने दो महीने तक किराया नहीं दिया हो या फिर मकान का इस्तेमाल गलत कामों के लिए कर रहा हो। किराएदार की निजता का ध्यान रखते हुए एक प्रावधान किया गया है कि कोई भी मकान मालिक बिना किसी पूर्व सूचना के अचानक घर पर नहीं आ सकेंगे। अगर उन्हें किसी भी काम से किराएदार के मकान पर आना है तो 24 घंटे पहले एडवांस में लिखित नोटिस देना होगा। मकान मालिक घर किराए पर देने के लिए किराएदार से सिक्योरिटी डिपॉजिट्स के रूप में दो महीने के किराए से ज्यादा की रकम नहीं मांग सके गा.मसौदे में कहा गया है कि अगर किराएदार रेंट एग्रीमेंट के मुताबिक समय सीमा के अंदर मकान या दुकान खाली नहीं करे तो मकान मालिक अगले दो महीने तक उससे दोगुना किराए की मांग कर सकता है और दो महीने के बाद उससे चार गुना किराया वसूलने का अधिकार होगा।

1. रेंट एग्रीमेंट खत्म होने के बाद भी किराएदार मकान खाली नहीं कर रहा हो, तो मकान मालिक को चार गुना तक रेंट मांगने का अधिकार होगा।
2. नया कानून लागू होने पर मकान मालिकों का हौसला बढ़ेगा और वे खाली मकानों-दुकानों को बेहिचक किराए पर दे सकेंगे।

मकान के लिए किराएदार की भी जवाबदेही होगी
1. मसौदे में कहा गया है कि प्रॉपर्टी या बिल्डिंग के ढांचे की देखभाल के लिए किरायेदार और मकान मालिक दोनों ही जवाबदेह होंगे.
2. अगर मकान मालिक बिल्डिंग या फ्लैट के ढांचे में कुछ सुधार कराता है तो रेनोवेशन का काम खत्म होने के एक महीने बाद उसे किराया बढ़ाने की इजाजत होगी.
3. लेकिन किराया बढ़ाने से पहले किरायेदार की समति लेना भी जरूरी होगा
हांलाकि कानून केंद्र सरकार बना रही है, लेकिन इसे लागू करना या नहीं करना राज्यों की मर्जी पर है. यह बैक डेट यानी पुरानी तारीख से लागू नहीं किया जा सकेगा. यानि उन मकान मालिकों या दुकान मालिकों को फायदा नहीं मिलेगा जिन्होंने पुराने एग्रीमेंट के हिसाब से कम किराए पर मकान दे रखा है.

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