हाथरस गैंगरेप केस CBI ने किया टेकओवर, योगी सरकार ने की थी सिफारिश - Khulasa Online हाथरस गैंगरेप केस CBI ने किया टेकओवर, योगी सरकार ने की थी सिफारिश - Khulasa Online

हाथरस गैंगरेप केस CBI ने किया टेकओवर, योगी सरकार ने की थी सिफारिश

हाथरस. हाथरस केस को सीबीआई ने टेकओवर कर लिया है. योगी सरकार ने हाथरस कांड की जांच के लिए सीबीआई को संस्तुति पत्र भेजा था. केंद्र सरकार की डीओपीटी विभाग के नोटिफिकेशन के बाद सीबीआई ने हाथरस केस को टेकओवर किया है. जल्द सीबीआई हाथरस केस की जांच शुरू करेगी।

अभी तक हाथरस कांड की जांच एसआईटी कर रही थी. हाल ही में इस जांच को पूरा करने के लिए यूपी सरकार ने 10 दिनों का और वक्त दे दिया था, ताकि सच सामने आ सके. माना जा रहा था कि इस मामले में लगातार बढ़ते पेच की वजह से सरकार ने ये फैसला लिया, लेकिन अब ये मामला सीबीआई के पास पहुंच गया है।

3 अक्टूबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस केस की जांच सीबीआई से कराए जाने के आदेश दिए थे. योगी सरकार के इस आदेश के बाद गैंगरेप पीड़िता की भाभी ने कहा था कि हम सीबीआई जांच नहीं चाहते हैं. केस की न्यायिक जांच होनी चाहिए. हम जज की निगरानी में जांच चाहते हैं।
सीएम योगी की ओर से ये आदेश ऐसे वक्त आया था जब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी पीड़िता के परिवार से मिलने पहुंचे थे। राहुल और प्रियंका गांधी ने बंद कमरे में पीड़िता के परिवार से मुलाकात की थी।

लगातार इंसाफ की आवाज उठ रही है

हाथरस कांड को लेकर लगातार इंसाफ की आवाज उठ रही है. पीड़िता ने मरने से पहले अपने बयान में कहा कि उसके साथ सामूहिक बलात्कार हुआ. घटना के दिन का एक वीडियो भी सामने आया. पीड़िता का परिवार भी कह रहा है कि किसने मारा? लेकिन आरोपियों के घरवाले कह रहे हैं कि वो बेकसूर हैं. तो फिर सबसे बड़ा सवाल है कि हाथरस की बेटी को किसने मारा?

पीएफआई का नाम आया है

हाथरस कांड के बाद जातीय उन्माद फैलाने की साजिश का खुलासा हुआ है, जिसके पीछे पीएफआई का नाम आया है. इसी दौरान पुलिस ने PFI के मुखपत्र के संपादक को गिरफ्तार किया है, जो केरल में है. वह शाहीन बाग के पीएफआई कार्यालय का सचिव भी था. पुलिस को इस मामले में भीम आर्मी के पीएफआई के साथ संलिप्त होने के संकेत भी मिले हैं।

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