सर करवा लीजिए रिएलिटी चैक: मरीजों के लिए आना वाला दूध व दलिया तक पीबीएम से जाता है कर्मचारियों के घर पर - Khulasa Online सर करवा लीजिए रिएलिटी चैक: मरीजों के लिए आना वाला दूध व दलिया तक पीबीएम से जाता है कर्मचारियों के घर पर - Khulasa Online

सर करवा लीजिए रिएलिटी चैक: मरीजों के लिए आना वाला दूध व दलिया तक पीबीएम से जाता है कर्मचारियों के घर पर

शिव भादाणी

बीकानेर। संभाग की सबसे बड़ी अस्पताल पीबीएम जहां संभाग के मरीज अपना इलाज करवाने आते है। इस उम्मीद के साथ आते ही कि उनको बेहतर चिकित्सा व्यवस्था मिलेगी लेकिन अस्पताल की बिगड़ती व्यवस्था के कारण उनको इलाज के जूझने पड़ता है। कई बार देखने को मिलता है कि रात के समय आने वाले मरीजों को पूरा इलाज नहीं मिलता है। क्योंकि रात के समय कोई बड़ा डॉक्टर नहीं रहता है पूरा पीबीएम रेजिडेंट डॉक्टरों व नर्सिगकर्मियों के भरोसे पर छोड़ दिया जाता है। कई बार देखा जाता है कि गंभीर मरीज अस्पतालद आने पर उसको सही इलाज नहीं मिलने पर उसकी जान तक चली जाती है जिससे उनके परिजनों को गुस्सा फूट जाता है और नर्सिगकमी व मरीज के परिजनों के साथ बोलचार हो जाती है यही बोलचाल कभी कभार हथापाई पर उतर जाती है। सबसे बड़ी बात यह है कि नर्सिगकर्मियों व रेंजिडेंट डॉक्टरों ने हड़ताल को मुख्य हथियार बना रखा है। जब भी कोई घटना होती है रेंजिडेंट तुरंत हड़ताल कर देते है और यही हड़ताल पूरे प्रदेश स्तर तक फैल जाती है जिससे दूसरे मरीजों व चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह बिगड़ जाती है। ऐसा ही सोमवार को रात को एक घटना फिर सामने आई जिसमें एक वीडियों बनाने की बात पर हथापाई तक की नौबत आ गई जिससे नाराज नर्सिगकर्मियों सुबह काम नहीं किया और पीबीएम अधीक्षक परमेन्द्र सिरोही से मिलकर चेतावनी दी कि अगर समय रहते कोई कार्यवाही नहीं हुई तो पूरे प्रदेश स्तर तक हड़ताल की जायेगी।
रात को पीबीएम में घूमते है लपक
अगर देखा जाये तो शाम होते ही पूरी पीबीएम में लपक घूमते रहते है जो मरीज व उनके परिजनों के सामने को पार करने की फिराक मे रहते है और मौके मिलते ही समान पार कर ले जाते है। जबकि नियमों के अनुसार रात को पीबीएम अस्पताल में घुसने वाले प्रत्येक व्यक्ति से पूरी जानकारी लेकर अंदर प्रवेश दिया जाना है लेकिन ऐसा नहीं है कोई भी गार्ड अपनी जिम्मेदारी नहीं समझ्ता कि अगर देर रात को कोई वार्डों में घूम रहा है तो उसके पास अस्पताल के द्वारा भर्ती मरीज के साथ परिजनों को कार्ड जारी किया जाता है जिसके पास कार्ड होगा वो ही व्यक्ति अस्पताल के अंदर प्रवेश दिया जायेगा। लेकिन ऐसा नहीं है कोई आये कोई जाये कोई मना नहीं है। इसी कारण आये दिन मरीजों व उनके परिजनों के सामान पार होते है।
मरीजों को देने वाला दूध व दलियें तक में घोटाला
मजे की बात यह है सूत्रों ने खुलासा को बताया कि मरीजों के लिए जो दूध आता है और भी समान आता है वो प्राय: कर्मचारी अपने घर ले जाते है इसकी पुष्टि पूर्व संभागीय आयुक्त राकेश शर्मा ने स्वयं ने पीबीएम का दूध पार होते पकड़ा था लेकिन पीबीएम प्रशासन की हठधार्मिता के चलते कोई कार्यवाही नहीं होने दी। सूत्रों ने बताया कि शाम को चार बजे जब मरीजों के लिए दूध लेकर जो गाड़ी आती है उस समय कुछ ऐसे लोग है जिनकी अंदर सेटिंग है वो पहले ही पहुंच जाते है जो थैलों में दूध भरकर अपने घर पर ले जाते है। मजे की बात और है सभी वार्डों में बनने वाली चाय भी इसी दूध से बनती है सुबह होती है नर्स अपने अपने वार्डें के लिए दूध की थैली ले जाकर रख लेती है। पीबीएम प्रशासन कोई भी कार्यवाही नहीं कर रहा है कभी कभी ऐसा लगता है कि पीबीएम प्रशासन पूरा मिला हुआ है। अगर कोई इनके खिलाफ आवाज उठाता है तो यह उसके खिलाफ उतर जाते है जिसका जीता जागता उदाहरण पूर्व संभागीय आयुक्त राकेश शर्मा जिनको बाद बीकानेर से तबादला कर भेजा गया। कुछ और समान भी है जो पीबीएम के रसोई में तो आता है लेकिन जाता है घरों में जानकारी ऐसी भी मिली है दलिया व अन्य सामान दूध सुबह लोग अपने घरों में ले जाते है। इसमें पीबीएम के कर्मचारी तक मिला हुआ है।
संभागीय आयुक्त नीरज के पवन के पास पीबीएम को लेकर काफी शिकायते मिली जिसके बाद से ही वह पीबीएम की हर गतिविधि को लेकर अलर्ट मोड पर लेकिन पीबीएम प्रशासन इतना शातिर है कि संभागीय आयुक्त को पता ही नहीं चलने दे रहा है कि पीबीएम में क्या हो रहा है क्या नहीं। अगर संभागीय आयुक्त रिएलिटी चैक करे तो उनके सामने ऐसी घटना आयेगी की वह सोचने को मजबूर हो जायेंगे।

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