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जिले की 88 ग्राम सेवा सहकारी समितियों के होंगे चुनाव,एक माह लंबी चुनाव प्रक्रिया

धौलपुर। जिले में ग्राम सेवा सहकारी समितियों के चुनाव की प्रक्रिया 26 अगस्त से शुरू होगी, जो 29 सितम्बर तक चलेगी। फिलहाल वार्डों के गठन व आरक्षण का काम चल रहा है। इसके चार-पांच दिन में पूरा होने की उम्मीद है। जिले में 88 ग्राम सेवा सहकारी समितियों के चुनाव होंगे। इनमें करीब 30 हजार मतदाता मताधिकार का उपयोग करेंगे। उपरजिस्ट्रार सहकारी समितियां कार्यालय से चुनावी तैयारियों को गति दे दी गई है। एक माह से भी अधिक चलने वाली इस प्रक्रिया को पूरी कराने के लिए निर्वाचन अधिकारियों की कमी को भरतपुर से पूरा किया जाएगा। उपरजिस्ट्रार सहकारी समितियां कार्यालय के अनुसार करीब 11 वर्ष बाद हो रहे सहकारी समितियों के चुनाव पांच चरणों में कराया जाना प्रस्तावित है, लेकिन इस कार्यक्रम में अपरिहार्य कारणों से बदलाव भी किया जा सकता है। फिलहाल पूरा फोकस वार्डों के गठन व आरक्षण को लेकर है। ऋणी सदस्य ही बन सकेंगे अध्यक्षसहकारी सूत्रों के अनुसार समितियों के अध्यक्ष वे ही सदस्य चुने जा सकेंगे, जिन पर ऋण बकाया है। अऋणी सदस्य मतदान में शामिल हो सकेंगे। इस नियम से कई सदस्यों में अध्यक्ष नहीं बन पाने की कसक रहेगी। सहकारी समिति के निर्वाचित संचालक निर्धारित अनुपात में क्रय-विक्रय सहकारी समितियों के सदस्य होंगे। वहीं, समितियों के निर्धारित संख्या में सदस्य केन्द्रीय सहकारी बैंक के अध्यक्ष व संचालकों का चुनाव करेंगे। सहकारी समितियों में चुनावी हलचल अब तेज हो गई है। अन्तिम मतदाता सूचियों का प्रकाशन भी अब जल्द हो जाएगा। लेकिन बीते कई दिनों से चुनाव को लेकर सदस्य पैनल बना रहे हैं।पहली बार आरक्षणइस बार चुनाव में पहली बार आरक्षण का प्रावधान किया गया है। इसके तहत एक समिति में चार वार्ड आरक्षित किए गए हैं। इनमें दो वार्ड महिलाओं तथा एक-एक वार्ड एसी व एसटी के लिए आरक्षित किए गए हैं।ऐसे चुनी जाएंगी समितियांग्राम सेवा सहकारी समितियों में वार्ड का गठन होगा। प्रत्येक समिति में 12 वार्ड होंगे। इनमें जो ऋणी सदस्य है वे 11 लोगों को चुनेंगे और अऋणी 1 सदस्य चुनेंगे। 12 के वार्ड में दो महिलाएं, एक एसटी, एक एससी सदस्य होगी। ये 12 सदस्य मिलकर अध्यक्ष व उपाध्यक्ष का चुनाव करेंगे। इसमें जो अऋणी सदस्यों से चुनकर एक सदस्य आएगा वह अध्यक्ष का चुनाव नहीं लड़ सकता है, उपाध्यक्ष का लड़ सकता है। बाद में जब जिलास्तरीय समितियों के चुनाव होंगे तब इन ग्राम सेवा सहकारी समितियों का प्रतिनिधित्व उसमें होगा।2011 के बाद नहीं हुए हैं चुनावउल्लेखनीय है कि लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत अधिकांश संस्थाओं के जनप्रतिनिधियों के विभिन्न पदों के चुनाव पांच साल में करवाए जाते हैं, लेकिन प्रदेश में ग्राम सेवा सहकारी समितियां, क्रय विक्रय सहकारी समितियां, भूमि विकास बैंकों के चेयरमैन एवं सीसीबी के डायरेक्टर, कृषि उपज मण्डियों के सदस्य एवं चेयरमैन जैसे महत्वपूर्ण पदों के चुनाव नवंबर 2011 के बाद से अब तक नहीं हुए है। पहले कांग्रेस फिर भाजपा कार्यकाल में चुनाव नहीं करवाए गए। इन संस्थाओं में चुनाव कराने की बजाय उच्च पदों पर अधिकारियों को प्रशासक नियुक्त कर रखा था।इनका कहना हैग्राम सेवा सहकारी समितियों के चुनाव की प्रक्रिया 26 अगस्त से शुरू होगी। यह 29 सितम्बर तक चलेगी। फिलहाल वार्ड गठन व आरक्षण पर काम चल रहा है। – राजीव लोचन शर्मा, उप पंजीयक, सहकारी समितियां, धौलपुर

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