
कांग्रेस में संशय के बादल छंटने के आसार, जिलाध्यक्ष की घोषणा इसी हफ्ते होने की संभावना






श्रीगंगानगर। कांग्रेस नेता सचिन पायलट के अपनी ही सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अनशन के बाद पार्टी में बने संशय के बादल जल्द ही छंटने के आसार हैं। पायलट के बगावती तेवरों से नए जिलाध्यक्षों की घोषणा एक बार अटक गई थी। अब इसी हफ्ते जिलाध्यक्ष की घोषणा होने के आसार हैं। जिला कांग्रेस कमेटी पिछले 33 महीनों से जिलाध्यक्ष विहीन है। विधानसभा चुनाव में महज आठ महीने रहने से कांग्रेस के नए जिलाध्यक्ष के सामने कई तरह की चुनौतियां रहेंगी। भाजपा में भी प्रदेश नेतृत्व के बाद जिला नेतृत्व में बदलाव की चर्चाएं हैं। भाजपा में जिलाध्यक्ष पद के दावेदार सक्रिय हो गए हैं।
कांग्रेस नेताओं के अनुसार अप्रैल के पहले सप्ताह के अंत तक जिलाध्यक्ष की घोषणा करने की तैयारी थी। इसमें श्रीगंगानगर सहित अन्य जिला संगठनों के नए अध्यक्षों के नामों की घोषणा होनी थी। पायलट की ओर से अनशन की घोषणा करने से पार्टी में अंदरूनी तौर पर खींचतान होने से आलाकमान ने नया विवाद निपटाने पर जाेर दिया। इससे जिलाध्यक्षों की घोषणा एक बार टाल दी गई। पार्टी नेताओं के अनुसार जिलाध्यक्ष बनाने की प्रक्रिया फाइनल होने के बाद पार्टी आलाकमान से स्वीकृत हो चुकी है। आलाकमान ने हरी झंडी भी दे दी है। पायलट के अनशन से कंट्रोवर्सी बन गई थी। अगर ऐसा नहीं होता तो अप्रैल के पहले सप्ताह में घोषणा हो जाती। जुलाई 2020 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच सत्ता को लेकर खींचतान हुई। पायलट कुछ विधायकों को लेकर बागी हुए तो उन्हें प्रदेशाध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया था। इससे पायलट गुट के जिलाध्यक्ष संतोष सहारण व अन्य पदाधिकारियों ने त्याग पत्र दे दिए थे। इसके बाद 33 महीनों से जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष विहीन है। एक वर्ष पूर्व मई 2022 से जिलाध्यक्ष बनाने की प्रक्रिया चल रही है।


