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धरती पर आज गिरेगा चीन का बेकाबू रॉकेट, मचा सकता है बड़ी तबाही

नई दिल्ली। चीन का रॉकेट अंतरिक्ष में पिछले दिनों बेकाबू होकर आसमान में चारों तरफ चक्कर लगा रहा था। ताजा खबरों के अनुसार, बेलगाम रॉकेट धरती की तरफ तेजी से बढ़ रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि शनिवार को यह रॉकेट किसी भी वक्त धरती पर गिर सकता है। इस रॉकेट को लेकर विशेषज्ञ कई प्रकार की संभावनाएं जता रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह रॉकेट धरती के वातावरण में प्रवेश करने करते ही जलने लगेगा या इससे पहले भी जल जाएगा तो इसका जोखिम कम होगा। अगर यह आबादी वाले इलाकों में गिर गया तो काफी नुकसान होने की संभावना है। हालांकि अभी तक यह पता नहीं चला है कि यह धरती के किस कौने में गिरेगा। टन और 100 फीट लंबा है रॉकेट कुछ विशेषज्ञों को डर है कि अगर यह राकेट किसी बड़े आबादी वाले हिस्से में गिरा तो काफी तबाही मच सकती है। एक रिपोर्ट के अनुसार लॉन्ग मार्च 5-बी रॉकेट करीब 100 फीट लंबा है। यह अनियंत्रित होने के बाद पिछले दिनों से यह धरती के 30 से ज्यादा बार चक्कर लगा चुका है। यह रॉकेट 1 घंटे में 28000 मील की दूरी तय कर रहा है। इसके वजन की बात करें तो यह करीब 21 टन का है। इसके टुकड़े होकर अलग-अलग हिस्सों में जैसे मैदानी इलाकों या समुद्र में गिरते हैं तो नुकसान से बचा जा सकता है।
चार मील प्रति सेकेंड से बढ़ रहा है आगे आपको बता दें कि चीन ने 29 अप्रैल को अपने स्पेस स्टेशन ‘के लिए पहले मॉड्यूल को लॉन्च किया। शक्तिशाली लॉन्ग मार्च  से अंतरिक्ष में मानव की स्थायी मौजूदगी को प्रयोग किया जा रहा है। इस समय रॉकेट की ऊंचाई को देखते हुए धरती पर प्रवेश करने का अनुमान लगाना बहुत मुश्किल है। ये अभी 150 से 250 किलोमीटर की ऊंचाई पर है। यह रॉकेट बहुत तेजी से धरती की ओर बढ़ रहा है। इसकी चार मील प्रति सेकेंड की रफ्तार है, जिससे दो घंटे में पृथ्वी के चक्कर लगाया जा सकता है।कहां मच सकती है तबाही एक रिपोर्ट के अनुसार, 41 डिग्री के भूमध्य रेखा के झुकाव पर घूम रहा है। माना जा रहा है कि इस मलबा 41 डिग्री उत्तर और 41 डिग्री दक्षिण में गिरेगा। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि इस रॉकेट का मलबा न्‍यूयॉर्क, मैड्रिड और पेइचिंग जैसे शहरों में कहीं भी गिर सकता है। इसके अलावा अमेरिका और चीन का अधिकतर हिस्सा भी शामिल है। फ्रांस और जर्मनी इससे बाहर हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि रॉकेट का सबसे संभावित लैंडिंग जोन पानी है। अगर यह हिस्सा किसी आबादी वाले इलाके में गिरा तो तबाही मच सकती है

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