
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बोले- प्रदेश में बिजली-पानी की किल्लत नहीं होगी, स्थानीय मांग के अनुसार टैंकरों से भेजें पानी






जयपुर: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश में विषम भौगोलिक परिस्थितियां होने के बावजूद राज्य सरकार द्वारा कुशल प्रबंधन से प्रदेशवासियों को जल एवं विद्युत आपूर्ति में कमी नहीं आने दी जाएगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के गांव-ढाणी तक जल पहुंचाना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि पेयजल उपलब्धता को लेकर आमजन को कोई परेशानी न हो और अंतिम छोर तक पेयजल उपलब्ध हो. गहलोत शुक्रवार को ऊर्जा, पीएचईडी, आपदा प्रबंधन एवं सहायता, मनरेगा और गोपालन विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि जल और विद्युत आपूर्ति के लिए उच्चाधिकारी क्षेत्रों में दौरे कर व्यवस्थाओं का निरीक्षण करें और जनता से संवाद कर उनकी समस्याएं मौके पर निस्तारित करें. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के किसी भी जिले में पेयजल की कमी नहीं आने दी जाएगी.
जलदाय अधिकारी स्थानीय मांग अनुसार टैंकरों से जल आपूर्ति सुनिश्चित कराएं:
उन्होंने निर्देश दिए कि जलदाय अधिकारी स्थानीय मांग अनुसार टैंकरों से जल आपूर्ति सुनिश्चित कराएं. गहलोत ने कहा कि सभी जिला कलक्टर्स को कंटीजेन्सी कार्यो के लिए 50-50 लाख रूपए उपलब्ध कराए गए हैं, ताकि आकस्मिक आवश्यकताओं को देखते हुए हैण्डपंप मरम्मत, टैंकरों से जल आपूर्ति, नए नलकूप खोदने आदि कार्य तत्काल किए जा सकें.
प्रदेश में नियमित विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जाए:
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में नियमित विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जाए. उन्होंने जनरेटर ट्रांसफॉर्मर जैसे उपकरणों की अतिरिक्त व्यवस्था रखने के भी निर्देश दिए और साथ ही प्रदेशवासियों से अपील है कि वे पानी और बिजली का दुरूपयोग करने से बचें. उन्होंने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) श्रमिकों को तेज गर्मी से राहत देने के लिए कार्य समय सुबह 6 बजे से करने के लिए जिला कलक्टर्स को निर्देश दिए.
राज्य सरकार प्रदेश में कानून-व्यवस्था सुदृढ बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध:
प्रदेश में कानून-व्यवस्था की समीक्षा बैठक में गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में कानून-व्यवस्था सुदृढ बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है और अपराध के खिलाफ सरकार की नीति कत्तई बर्दाश्त नहीं की है . उन्होंने निर्देश दिए कि अधिकारी राज्य में शांति एवं सौहार्दपूर्ण माहौल बनाए रखने के लिए प्रभावी मॉनिटरिंग सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा कि प्रदेशभर में 3 मई को ईद और परशुराम जयंती पर कार्यक्रम आयोजित किए जाऐंगे, ऐसे में शांति एवं सौहार्द बिगाडने वाले तत्वों की पहचान कर उनके विरूद्ध उचित कानूनी कार्यवाही करने के निर्देश दिए.


