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इस वक्त शिक्षकों के लिए बड़ी खबर: शिक्षक-कर्मचारियों ने हड़ताल की तो होगी जेल

जयपुर । माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और बोर्ड परीक्षाओं से जुड़े शिक्षक, कर्मचारी, अफसर अगले साढ़े 5 महीने तक हड़ताल या कार्य बहिष्कार नहीं कर सकेंगे। ऐसा करते ही सीधे जेल जाना पड़ेगा। करीब 4 लाख शिक्षक और कर्मचारी इस आदेश से प्रभावित होंगे।
गृह विभाग ने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 24 मार्च से प्रस्तावित परीक्षाओं के मद्देनजर 31 जुलाई 2022 तक रेस्मा लागू कर दिया है। राजस्थान एसेंशियल सर्विसेज मेंटेनेंस एक्ट माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के साथ सभी कार्यालयों और सेवाओं पर यह लागू किया गया है। सरकार ने इसके आदेश जारी कर अत्यावश्यक सेवाएं घोषित किया है।
रीट धांधली की जांच और शिक्षक संगठनों की मांगें पेंडिंग
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षाओं में किसी तरह की अड़चन पैदा नहीं हो। कर्मचारी संगठन अपनी अलग-अलग पेंडिंग मांगों को लेकर बजट सत्र के दौरान या बजट आने के बाद कहीं आंदोलन और हड़ताल पर नहीं चले जाएं।

रीट परीक्षा में धांधली और पेपर लीक मामले में बोर्ड अध्यक्ष डीपी जारौली को बर्खास्त करने के बाद कई दूसरे अफसर, कर्मचारियों की भूमिका की भी एसओजी जांच-पड़ताल कर रही है। कई और गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं। ऐसे में कहीं बोर्ड कर्मचारी या स्टाफ हड़ताल नहीं कर दे। इस आशंका के कारण भी सरकार ने एहतियात के तौर पर बोर्ड परीक्षा से बहुत पहले ही रेस्मा लागू कर दिया है। जो बोर्ड एग्जाम रिजल्ट आने के बाद तक लागू रहेगा। जानकारी के मुताबिक माध्यमिक शिक्षा बोर्ड प्रशासन से रेस्मा लागू करने की अनुशंसा राज्य सरकार ने ली थी। इसके आधार पर गृह विभाग ने नोटिफिकेशन जारी किया है।

आंदोलन कुचलने की कोशिश
राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश मंत्री अंजनी कुमार शर्मा ने बताया कि इस बार साढ़े 5 महीने के लम्बे पीरियड के लिए रेस्मा लागू किया गया है। करीब 4 लाख शिक्षक और कर्मचारी इस आदेश से प्रभावित होंगे। 85 हजार तृतीय श्रेणी शिक्षकों के ऑनलाइन तबादला आवेदन पूर्व शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के समय 2021 में लिए गए थे। अब तक तबादले नहीं किए गए हैं।
शिक्षकों,कर्मचारियों की वेतन विसंगति को लेकर सामंत कमेटी और खेमराज कमेटी की रिपोर्ट व सिफारिशों को सार्वजनिक करने की सरकार से मांग है। शिक्षकों की पेंडिंग डीपीसी और प्रमोशन जल्द पूरा करने की मांग सरकार से है।
राजस्थान शिक्षा सेवा परिषद के प्रदेश अध्यक्ष सिद्ध किशन गोदारा ने बताया कि केन्द्र के समान 7वां वेतनमान देने, प्रधानाचार्य , डीईओ, डीडी और उच्च अधिकारियों को केन्द्र के बराबर वेतनमान देने की मांग पेंडिंग है। इसे लेकर मुख्यमंत्री को बजट सत्र से पहले ज्ञापन भी दिया गया। कई बार प्रदर्शन किए जा चुके हैं।

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