
शिक्षक जगत में सरकार के प्रति आक्रोश, महांपचायत का ऐलान



खुलासा न्यूज, बीकानेर। राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय ने प्रदेश की उपशाखा, जिला व संभाग स्तर तक शिक्षकों की वाजिब मांगो को लेकर पदयात्रा व प्रदर्शन किए। मुख्यमंत्री को ज्ञापन को सौंपा। संगठन के प्रदेश नेतृत्व में बार-बार शिक्षा विभाग के अधिकारियों एवं शिक्षा मंत्री से वार्ता कर इन मांगो की ओर ध्यान दिलाया। मांगों में से अधिकांश मांगों पर कोई सकारात्मक निर्णय इन पदयात्रा, प्रदर्शन, ज्ञापन, वार्ता के बावजूद नहीं निकला। कोई सकारात्मक निर्णय नहीं निकलने से पूरे शिक्षक जगत में आक्रोश व्याप्त हो गया। अब संगठन की स्थाई समिति ने सरकार का इस ओर ध्यान दिलाने के लिए हुंकार भरी है। जिसके तहत 28 सितम्बर को जयपुर में शिक्षकों की महा पंचायत करने का ऐलान किया है।
प्रदेशाध्यक्ष रमेशचंद्र पुष्करणा के अनुसार, संगठन ने लोकतांत्रिक तरीके से सरकार का ध्यान जायज मांगो की ओर दिलाने की पुरजोर कोशिश की। लेकिन सरकार के बेरूखे रवैये से तंग आकर हजारों शिक्षक अब सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन करने को मजबूर है।
शिक्षक पदाधिकारियों ने बताया कि पिछले काफी समय से शिक्षा विभाग के अधिकारियों, प्रमुख शासन सचिव, शिक्षामंत्री स्तर तक वार्ता की गई। लेकिन जिन बिन्दुओं पर सैद्धान्तिक सहमति हो चुकी है उन पर एक माह से कोई कार्यवाही नहीं होने से शिक्षक समाज आंदोलन की राह पर है।
शिक्षक पदाधिकारियों का कहना है कि संगठन की काफी मांगे लंबित है जिस पर सरकार ना तो कोई सुनवाई कर रही है, ना ही कार्यवाही और जिन बिन्दुओं पर सहमति हुई उन पर किसी प्रकार की कोई कार्यवाही कर समाधान किया है। इन सब बातों से शिक्षक नाराज है अत: अब सभी शिक्षकों ने महा पंचायत करने की हुंकार भरी है।
पदाधिकारियों ने बताया कि संगठन के प्रदेश कार्यालय में हुई स्थाई समिति की बैठक में 11 सूत्रीय मांग पत्र एवं संगठन के मांग पत्र को लेकर सभी मांगो के समाधान को लेकर महा पंचायत का निर्णय लिया है।
ये है 11 सूत्री मांगे :
तृतीय वेतन श्रृंखला शिक्षकों के स्थानान्तरण कियें जाए। बीएलओ सहित समस्त प्रकार के गैर शैक्षणिक कार्यों से शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से मुक्त किया जाए। अध्यापकों, वरिष्ठ अध्यापकों तथा प्रबोधकों की वेतन विसंगतियों का निराकरण किया जाए व उन सभी के नोशनल लाभ के प्रकरणों में एकरूपता लाई जाए। समस्त राज्य कर्मचारियों को 8-16-24-32 वर्ष पर ए.सी.पी. का लाभ देकर पदोन्नति पद वेतनमान प्रदान किया जाए। सीसीएल के नियमो बदलाव कर शिक्षिकाओं को आवश्यकता पडऩे पर तत्काल अवकाश स्वीकृत करने के आदेश जारी किए जाए। सम्पूर्ण सेवाकाल में परिवीक्षा अवधि केवल एक बार एक वर्ष के लिए हो तथा नियमित वेतन श्रृंखला में फिक्सेशन के समय परिवीक्षा अवधि को भी जोड़ा जाए। शिक्षा विभाग में सभी संवर्गो की नियमित वर्षवार डीपीसी आयोजित कर तत्काल पदस्थापन किया जाए। डीपीसी हेतु योग्यता नियमो में आवश्यक संशोधन की असमंजसता दूर करवाई जाए। वाणिज्य, गृह विज्ञान, सामाजिक, चित्रकला, शारीरिक शिक्षको को सम्पूर्ण सेवाकाल में एक पदोन्नति देने की कार्यवाही की जाए। पातेय वेतन पर पदोन्नति शिक्षको को कार्यग्रहण की तिथि से वित्तीय परिलाभ तथा वरिष्ठता प्रदान किये जाए। नव नियुक्ति से पूर्व कर्मोन्नत विद्यालयों में शिक्षकों का रिक्त पद तक समायोजन करने तथा शेष की काउंसिलिंग करवा कर पदस्थापन करवाए जाए। शारीरिक शिक्षक हेतु उप्रावि में छात्र संख्या की अनिवार्यता हटाई जाए। नवक्रमोन्नत विद्यालयों में पद सृजन करवाए जाएं।

