बीकानेर के छ: विधायकों में से इनका लग सकता है मंत्रिमंडल में नंबर, समर्थक कर रहे अपने-अपने दावे - Khulasa Online बीकानेर के छ: विधायकों में से इनका लग सकता है मंत्रिमंडल में नंबर, समर्थक कर रहे अपने-अपने दावे - Khulasa Online

बीकानेर के छ: विधायकों में से इनका लग सकता है मंत्रिमंडल में नंबर, समर्थक कर रहे अपने-अपने दावे

खुलासा न्यूज, बीकानेर। मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ के बाद अब राजस्थान सरकार के मंत्रिमंडल का इंतजार हो रहा है। संभावना जताई जा रही है कि 27 दिसंबर को छोटा मंत्रिमंडल घोषित हो सकता है, इसको लेकर राजभवन में तैयारियां शुरू हो गई है। वहीं, संभावित विधायकों के समर्थकों में काफी उत्सुकता नजर आ रही है कि उनका विधायक मंत्री बन सकता है। ऐसे में बीकानेर जिले की बात करें यहां सात सीटों पर छ: सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की। जिसमें बीकानेर पूर्व, बीकानेर पश्चिम, श्रीडूंगरगढ़, खाजूवाला, कोलायत व लूनकरणसर है। वहीं मात्र एक सीट नोखा जो कांग्रेस के खाते में गई, यहां कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रामेश्वर डूडी की धर्मपत्नी सुशीला देवी ने जीत दर्ज की। अब मंत्रिमंडल को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है कि बीकानेर के खाते में कितने मंत्री आएंगे। हर विधायक के समर्थक अपने पक्ष को मजबूत बनाते हुए अपने-अपने दावे कर रहे है, लेकिन इन सबके बीच एक यह भी चर्चा है कि आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते मोदी सरकार मंत्रिमंडल को लेकर फूंक-फूंककर कदम रख रही है। ऐसे में बात यह निकलकर सामने आ रही है कि जातिय समीकरण को ध्यान में रखते हुए मंत्रिमंडल की घोषणा होगी, जिसमें युवा विधायकों को अधिक तरजीह मिल सकती है। बात करें बीकानेर जिले के छ: विधायकों की तो यहां समीकरणों के आधार पर तीन विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल होने का मौका मिल सकता है, हालांकि पार्टी सूत्रों का कहना है कि दो विधायकें की संभावना अधिक है। संघ पृष्ठभूमि से आने वाले यहां दो विधायक है, जिसमें बीकानेर पश्चिम विधायक जेठानंद व्यास और श्रीडूंगरगढ़ विधायक ताराचंद सारस्वत है। अगर संघ की ओर से एक मंत्री का नाम गया तो दोनों में से किसी एक नाम फाइनल होगा। इस बीच चर्चा यह है कि इन दोनों के बीच बीकानेर पश्चिम विधायक जेठानंद व्यास का पक्ष मजबूत माना जा रहा है कि उन्होंने यहां के वरिष्ठ कांग्रेस नेता व पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ. बी.डी.कल्ला को वोटों के बड़े अंतर से चुनाव हराया। जो पहली बार चुनावी मैदान में थे, जिनके पास इतना चुनाव का अनुभव भी नहीं था। वहीं, बीकानेर पूर्व विधायक सिद्धि कुमारी का नाम भी मंत्रिमंडल के उछाला जा रहा है, क्योंकि वह लगातार चार की विधायक है, लेकिन उनकी विधानसभा व अपने क्षेत्र में निष्क्रियता के चलते उनको इस पद से दूर कर रहा है। उनके प्रति लोगों में एक शिकायत रहती है कि सिद्धि कुमारी चुनाव जीतने के बाद क्षेत्र की जनता को भूल सा जाती है। इसके अलावा जातीय समीकरण के अनुसार पार्टी जाटों को भी नाराज नहीं करना चाहती, ऐेसे में लूनकरणसर से लगातार दो बार के विधायक सुमित गोदारा का नंबर भी लग सकता है, लेकिन बात यह निकलकर सामने आ रही है कि भाजपा के वरिष्ठ नेता राजेन्द्र राठौड़ सादुलपुर विधायक हरलाल सहारण को मंत्री बनाना चाहते है, ऐसे में अगर हरलाल को मंत्री बनाया जाता है तो सुमित का पता कट सकता है, क्योंकि जाट वर्ग का कॉलम भर जाएगा। वहीं, एससी वर्ग की बात करें तो यहां खाजूवाला विधायक डॉ. विश्वनाथ का नंबर लग सकता है, लेकिन इसी वर्ग से अर्जुनराम मेघवाल केन्द्रीय मंत्री के रूप में पहले से स्थापित है, ऐसे में डॉ. विश्वनाथ की संभावना कम बताई जा रही है। अब शेष रहे राजपूत, तो बीकानेर संभाग से राजपूत जाति से न तो केन्द्र में कोई बड़ा लीडर और न ही राज्य में। ऐसे में इस वर्ग को खुश रखने के लिए कोलायत विधायक अंशुमान सिंह भाटी का मंत्रिमंडल में नंबर लगाया जा सकता है। अंशुमान सिंह भाटी का दूसरा मजबूत पक्ष यह भी है कि वे युवा नेता है तथा कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे दो बार के लगातार विधायक भंवर ङ्क्षसह भाटी को बड़े वोटों से चुनाव हराया। ऐसे में संभावना यह जताई जा रही है कि मोदी व अमित शाह के चौंकाने वाले खेल में अंशुमान सिंह बाजी मार सकते है। कुलमिलाके बीकानेर में बीजेपी के छ: विधायकों में दो विधायकों की मंत्रिमंडल में जगल मिलने की प्रबल संभावना है। हो सकता तीन का भी नंबर लग सकता है।

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