अभिकर्ताओं ने डाकघर वालों ने मिलीभगत कर करोड़ों रुपए हड़प लिये - Khulasa Online अभिकर्ताओं ने डाकघर वालों ने मिलीभगत कर करोड़ों रुपए हड़प लिये - Khulasa Online

अभिकर्ताओं ने डाकघर वालों ने मिलीभगत कर करोड़ों रुपए हड़प लिये

बीकानेर। डाक विभाग की योजनाओं के भ्रमजाल में फंसाकर बीकानेर में कतिथ अभिकर्ताओं ने डाकघर वालों से मिलीभगत कर छह सात करोड़ों रूपये हड़प लिये। हैरानी की बात तो यह है कि शहर में हुए करोड़ों के इस कांड को लेकर पुलिस केस दर्ज होने के बावजूद अभी दोषी कानूनी शिंकजे से बचे हुए है। इस सिलसिले में रविवार को सामाजिक कार्यकर्ता मोहम्मद उस्मान ने प्रेस कांफ्रेस कर बताया कि इस मामले को लेकर पुलिस को पुख्ता तौर पर साक्ष्य सबुत मुहैया करा दिये जाने के बाजवूद आरोपियेां पर प्रभावी कार्यवाही नहीं की गई है। पुलिस की ओर से पीडि़तों के बयान भी दर्ज कर लिये है लेकिन उन्हे रिकॉर्ड में नहीं लिया गया है। थाना पुलिस मामले की लीपापोती करने में जुटी है । उन्होने बताया मामला सुनियोजित साजिश के तहत किया गया बड़ा स्कैण्डल है,इसलिये आईजी बीकानेर रैंज ओमप्रकाश से मांग करते है कि कि उच्च स्तरीय जांच कराई जाये।
-थाने बुलाया लेकिन बयान दर्ज नहीं किये
मोहम्मद उस्मान ने मीडिया को बताया कि मामले की जांच के सिलसिले में कोतवाली पुलिस के जांच अधिकारी ने बीते साल 28 जनवरी को करीब 15-20 पीडि़तों को बयान दर्ज कराने के लिये थाने बुलाया लेकिन दो ढाई घंटे तक बैठाये रखने के बाद बिना बयान दर्ज किये ही रवाना कर दिया। इस दौरान मुजरिम पक्ष के मुख्य आरोपियों के बजाय एक सह आरोपी को पूछताछ कर की औपचारिकता करने के बाद उसे भी रवाना कर दिया। जिन लोगों के बयान लिये गये हैं, तोड़-मरोड़ कर लिखे गये हैं। बहुत सी बातें तो यह कहकर छोड़ दी गई है कि यह हम नहीं लिखेंगे। बयान हम दे रहे हैं या पुलिस वाले दे रहे हैं तथा कई प्रार्थियों के बयान नहीं लिये गये हैं। ऐसे में लगता है कि कोतवाली पुलिस आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही के बजाय उन्हे कार्यवाही से बचाने में लगी है।
– एफआईआर दर्ज करने में आनाकानी करती रही पुलिस
मोहम्मद उस्मान ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से उन्हे दिनांक 26.12.22 को सुबह 07.27 बजे इसके बाद दिनांक 01.02.23 को सुबह 06.47, दोपहर 12.53 व सांय 07.04 पर फोन द्वारा पहले थाना कोटगेट उसके बाद थाना सिटी कोतवाली में प्रथम सूचना दर्ज कर कार्यवाही के निर्देश दिये जाने की सूचना दी गई लेकिन थाना पुलिस सिटी कोतवाली द्वारा कोई प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गई या नहीं की गई थाना पुलिस द्वारा हम सभी को जानकारी नहीं दी जा रही है थाना पुलिस कोतवाली का रवैया अपराधिायों को बचाने का लग रहा है। कर्इी लोगों के मरने के बाद भी भुगतान उठाया गया हैञ। घोटाले से संबंधित एफआईआर व जांच आईजी कार्यालय के किसी निष्पक्ष व ईमानदार पुलिस अधिकारी से करवाने के लिये पीडितों द्वारा आईजी ओमप्रकाश को ज्ञापन दिया गया। प्रेस वार्ता में कालू, सुलतसा, संजीदा, नसीम, गुलाम नबी, सुगरा, मोहम्मद उस्मान, जमीला आदि भी मौजूद थे।

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