12 साल बाद कुंभ राशि में आए गुरु, अब बदलेगी इन 5 राशियों की किस्मत  - Khulasa Online 12 साल बाद कुंभ राशि में आए गुरु, अब बदलेगी इन 5 राशियों की किस्मत  - Khulasa Online

12 साल बाद कुंभ राशि में आए गुरु, अब बदलेगी इन 5 राशियों की किस्मत 

देव गुरु बृहस्पति ने आज कुंभ राशि में प्रवेश कर लिया. गुरु का ये राशि परिवर्तन कुछ राशियों के लिए शुभ समय लेकर आ रहा है, तो कुछ राशियों के जातकों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है. मेष, मि​थुन, धनु, मकर और कुंभ राशि के जातकों के लिए लाभ के संकेत हैं. गुरु यानि बृहस्पति ग्रह हमारे अनुभवों, ज्ञान और हमारी समझ का विस्तार करता है. बृहस्पति आशावाद, विकास, उदारता और बहुतायत का प्रतिनिधित्व करता है. बृहस्पति ग्रह को ‘गुरु’ ग्रह का दर्जा प्राप्त है.नीच राशि से पहुंचे कुंभ मेंबृहस्पति को धनु और मीन राशि का स्वामी माना गया है. कर्क इस ग्रह की उच्च राशि है, जबकि मकर नीच राशि है. ज्योतिष की दुनिया में गुरु ज्ञान, शिक्षक, शिक्षा, बड़े भाई, संतान, धार्मिक कार्य, पवित्र स्थल, दान, पुण्य, धन और वृद्धि आदि का कारक माना गया है. बृहस्पति ग्रह ने 20 नवंबर 2021 को सुबह 11 बजकर 23 मिनट को कुंभ राशि में प्रवेश कर लिया. आइए जानते हैं, इस गोचर का सभी 12 राशियों पर कैसा प्रभाव देखने को मिलेगा…
मेष (Aries): मेष चंद्र राशि के लिए बृहस्पति नवम और बारहवें घर का स्वामी है. ये आय, लाभ और इच्छा के ग्यारहवें घर में गोचर कर रहा है. इस गोचर काल की अवधि के दौरान मेष राशि के जातक अपना आलस्य छोड़ दें और सक्रिय होना शुरू करें. व्यक्तिगत रूप से आप इस गोचर के दौरान शादी करने, घर खरीदने या घर में नन्हें मेहमान के आने का सुख प्राप्त कर सकते हैं.
वृष (Taurus):
वृष चंद्र राशि के लिए बृहस्पति आठवें और ग्यारहवें भाव का स्वामी है. ये करियर, नाम और प्रसिद्धि के दशम भाव में गोचर कर रहा है. कोई नया प्रोजेक्ट शुरू न करें क्योंकि काम में कुछ बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है. स्वास्थ्य की दृष्टि से इस गोचर के दौरान जातकों को छोटी-मोटी स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है. आर्थिक रूप से यह सलाह दी जाती है कि इस गोचर के दौरान किसी को पैसा उधार न दें.
मिथुन (Gemini):
मिथुन राशि के लिए बृहस्पति सप्तम और दशम भाव का स्वामी है, जो भाग्य और आध्यात्मिकता के नवम भाव में गोचर कर रहा है. जो लोग सफल होने के लिए सही रास्ते की तलाश में हैं, उन्हें आखिरकार वो मिलेगी, जो वह चाहते हैं. गोचर काल के दौरान की अवधि बड़े लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए और, उन लक्ष्यों तक पहुंचने के लिए बहुत ही अनुकूल है.
कर्क (Cancer):
कर्क राशि के लिए बृहस्पति छठे और नौवें भाव का स्वामी है और अष्टम भाव में गोचर कर रहा है, जो अचानक हानि या लाभ और विरासत में है. स्वास्थ्य की दृष्टि से अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना बहुत जरूरी है क्योंकि छोटी-मोटी स्वास्थ्य संबंधी बीमारियां आपको परेशान कर सकती हैं. साल की शुरुआत आसपास भ्रम और जोखिम भरी होगी. इसके कारण आप अनावश्यक गलतियों को करने से बचें, क्योंकि इसे भविष्य में ठीक करना मुश्किल है.
सिंह (Leo):
सिंह राशि के लिए बृहस्पति पंचम और आठवें भाव का स्वामी है. ये विवाह और साझेदारी के सप्तम भाव में गोचर कर रहा है. सिंह राशि के जातकों के लिए यह समय सबसे उपयुक्त रहने वाला है क्योंकि प्रेम इस वर्ष विवाह में बदल सकता है. नौकरी न बदलने या स्थानांतरण के बारे में न सोचने की सलाह दी जाती है.
कन्या (Virgo):
कन्या राशि के लिए बृहस्पति चतुर्थ और सप्तम भाव का स्वामी है और ऋण, शत्रु और दैनिक मजदूरी के छठे भाव में गोचर कर रहा है. यदि आप कोई नया काम शुरू करने की योजना बना रहे हैं, शहर कैसे बदलें और भविष्य में अपनी नौकरी छोड़ना चाहते हैं तो आपको कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. किसी भी बीमारी को कम ना समझे, समय पर इलाज नहीं करवाया तो हालत खराब हो सकती है. आर्थिक रूप से यह आपके लिए चुनौतीपूर्ण समय हो सकता है क्योंकि आपके खर्चे बढ़ सकते हैं.
तुला (Libra):
तुला राशि के लिए बृहस्पति तीसरे और छठे भाव का स्वामी है, जो प्रेम, रोमांस और संतान के पंचम भाव में गोचर कर रहा है. यह अवधि आपके बच्चों के लिए उपयुक्त है. वहीं विवाहित जातकों को भी इस समय संतान की प्राप्ति हो सकती है. स्वास्थ्य की दृष्टि से यह समय आपके लिए अनुकूल रहेगा फिर भी अपने खान-पान पर नियंत्रण रखने की सलाह दी जाती है.
वृश्चिक (Scorpio): वृश्चिक राशि के लिए, बृहस्पति दूसरे और पांचवें घर का स्वामी है और माता के चौथे घर जो आराम और विलासिता में गोचर कर रहा है. गुरु के कुम्भ में गोचर के साथ आपको अपने वित्त पर नियंत्रण रखना होगा क्योंकि इस अवधि के दौरान आपके खर्च बढ़ सकते हैं. इस अवधि के दौरान आप अपने घर के नवीनीकरण और निर्माण के बारे में भी सोच सकते हैं.
धनु (Sagittarius): धनु राशि के लिए, बृहस्पति पहले और चौथे घर का स्वामी है, जो साहस, भाई-बहनों और यात्राओं के तीसरे घर में गोचर कर रहा है. यदि आप नई नौकरी की तलाश कर रहे हैं या किसी नए शहर में जाना चाहते हैं या उच्च अध्ययन के लिए जाना चाहते हैं तो यह समय आपके लिए अनुकूल रहेगा. आर्थिक रूप से आपके लिए आमदनी का कोई नया रास्ता खुलने के संकेत हैं, साथ ही इस अवधि में आप अपने भाई-बहनों का पूरा साथ देंगे.मकर (Capricorn): मकर राशि के लिए बृहस्पति तीसरे और बारहवें भाव का स्वामी है, जो स्वयं और व्यक्तित्व के दूसरे भाव में गोचर कर रहा है. आर्थिक रूप से विस्तार के लिए यह बहुत अच्छा समय है, इसलिए समझदारी से निवेश करें. आपके लिए कुछ भावनात्मक उथल-पुथल और अपनी भावनाओं को व्यक्त करने में कठिनाई हो सकती हैं, लेकिन समय के साथ आप इस समस्या को दूर करने में सक्षम होंगे.
कुंभ (Aquarius): कुंभ राशि के लिए बृहस्पति दूसरे और ग्यारहवें भाव का स्वामी है और पहले भाव और व्यक्तित्व में ही गोचर कर रहा है. इस गोचर में यदि आप किसी के साथ काम कर रहे हैं या आप साल की शुरुआत में विशेष रूप से मार्च तक व्यक्ति के साथ सहयोग कर रहे हैं तो यह आपके लिए बहुत फायदेमंद रहेगा. व्यक्तिगत रूप से, एक नई गतिविधि की शुरुआत होगी. अच्छी खबर मार्च के बाद मिल सकती है. नौकरी बदलने, शहर बदलने और नए व्यवसाय में पैसा लगाने का यह एक उत्कृष्ट समय होगा.
मीन (Pisces): मीन राशि के लिए बृहस्पति दशम भाव और प्रथम भाव का स्वामी है और हानि, विदेशी लाभ और मोक्ष के बारहवें भाव में गोचर कर रहा है. पेशेवर रूप से आपको कुछ आरोपों और शत्रुओं का सामना करना पड़ सकता है, जो इस अवधि के दौरान आपको परेशान कर सकते हैं इसलिए आपके लिए कम प्रोफ़ाइल रखना सबसे अच्छा होगा.

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