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रेपिस्ट को 9 दिन में सजा, राजस्थान का पहला केस, पुलिस ने 6 घंटे में पेश किया था चालान

जयपुर में 9 साल की बच्ची का अपहरण कर दुष्कर्म करने वाले 25 साल के युवक को पॉक्सो कोर्ट ने 20 साल की सजा सुनाई है। फैसला मात्र 9 दिन में हो गया। राजस्थान पुलिस का यह पहला ऐसा मामला है, जिसमें आरोपी को महज 13 घंटे में गिरफ्तार किया गया था। उसके बाद 6 घंटे के भीतर कोर्ट में चालान पेश किया गया।मामला कोटखावदा का है। गिरफ्तारी से लेकर चालान पेश करने के लिए जयपुर पुलिस कमिश्नरेट में डीसीपी साउथ हरेंद्र महावर ने सहयोगियों के साथ मिलकर तेजी से काम किया। इसके लिए करीब डेढ़ सौ पुलिस कर्मियों की पांच अलग-अलग टीमें गठित की गई थीं। 29 सितंबर को ट्रायल शुरू हुआ था। 19 लोगों की गवाही हुई थी। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पीड़िता के बयान कराए गए थे। लोक अभियोजक ने आजीवन कारावास की सजा की मांग की थी। कोर्ट ने 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई।

दादा के लिए बीड़ी लेने गई थी बच्ची

डीसीपी हरेंद्र महावर ने बताया कि कमलेश मीणा को कोर्ट ने सजा सुनाई है। वह कोटखावदा थाना इलाके में बालमुकुंदपुरा उर्फ बासड़ा गांव का रहने वाला है। 26 सितंबर की शाम 9 साल की लड़की बाजार में दादा के लिए बीड़ी लेने गई थी। उसे अकेला पाकर शाम 6 बजे अपहरण कर लिया। सुनसान जगह ले जाकर कमलेश ने दुष्कर्म किया। बच्ची के रोने पर उसे गला दबाकर मारने का प्रयास भी किया। उधर, कमलेश ने इस अपराध के लिए अफसोस जताया।

रात में थाने पहुंचा मामला

रात करीब 9:30 बजे मामला कोटखावदा थाने पहुंचा। थाना प्रभारी जगदीश प्रसाद तंवर के नेतृत्व में जांच शुरू हुई। डीसीपी हरेंद्र महावर ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एडिशनल डीसीपी अवनीश कुमार शर्मा व चाकसू एसीपी देवीसहाय मीणा के नेतृत्व में 150 पुलिसकर्मियों की पांच टीमें गठित बनाईं।

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