यूथ कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष के लिए 15 प्रत्याशी मैदान में, टॉप तीन दावेदारों में दो पायलट गुट से
खुलासा न्यूज। राजस्थान में चरम पर चल रही आपसी खींचतान के बीच राजस्थान में यूथ कांग्रेस के चुनाव परिणाम आ गए हैं। यूथ कांग्रेस अध्यक्ष के लिए 15 प्रत्याशी मैदान में थे। सरकार में भले ही सीएम अशोक गहलोत गुट हावी है, लेकिन इस चुनाव में सचिन पायलट गुट ने बाजी मारी है। टॉप तीन दावेदारों में 2 पायलट गुट से है। इनमें से अभिमन्यु पूनिया, सुधींद्र मूंड और यशवीर सूरा टॉप-3 दावेदारों के रूप में सामने आए हैं। यूथ कांग्रेस के वोटों की गिनती में बड़ी संख्या में वोट खारिज भी हुए। इसी का असर रहा कि प्रत्याशियों को दावों के मुकाबले काफी कम वोट मिले। वोटों पर गौर करें तो अभिमन्यु पूनिया ने अन्य दावेदारों के मुकाबले अच्छी लीड हासिल की है। पूनिया के बाद दूसरे नम्बर पर वोट हासिल करने वाले सुधींद्र मूंड के बीच लगभग 33 हजार का अंतर है। वहीं मूंड और तीसरे नम्बर पर रहे यशवीर सूरा के बीच लगभग 37 हजार वोटों का अंतर है।
पूनिया सबसे मजबूत दावेदार
यूथ कांग्रेस अध्यक्ष का फैसला इंटरव्यू के आधार पर होगा, लेकिन वोटों की रेस में अभिमन्यु सबसे आगे हो गए हैं। पूनिया ने 33 हजार से ज्यादा वोटों की लीड ली है। ऐसे में लीड का अंतर ज्यादा बड़ा होने से अब पूनिया के लिए यूथ कांग्रेस अध्यक्ष बनना ज्यादा मुश्किल नजर नहीं आता है। पूनिया पहले से ही अन्य दावेदरों के मुकाबले मजबूत नजर आ रहे थे। इसकी बड़ी वजह उनका संगठनात्मक अनुभव होना था। पूनिया इससे पहले एनएसयूआई के प्रदेशाध्यक्ष भी रह चुके हैं। ऐसे में प्रदेश स्तर पर संगठन चलाने का अनुभव होने का फायदा भी पूनिया को मिलता दिख रहा है। इंटरव्यू में प्रत्याशियों से उनके संगठनात्मक अनुभव, संगठन में पकड़, संगठन की समझ, संगठन को लेकर वफादारी और लोकप्रियता सहित तमाम पहलूओं पर विचार कर निर्णय किया जाता है। कांग्रेस के सीनियर नेताओं का पैनल ये इंटरव्यू करता है। ऐसे में इस स्थिति में भी पूनिया काफी मजबूत नजर आ रहे हैं।
पायलट खेमा होगा मजबूत
यूथ कांग्रेस का अध्यक्ष कौन बनेगा ये अलग बात है, मगर इससे पायलट खेमा मजबूत होगा यह तय है। यूथ कांग्रेस के लिए तीन टॉप प्रत्याशियों में से दो प्रत्याशी अभिमन्यु पूनिया और यशवीर सूरा दोनों पायलट खेमे से आते हैं। जबकि सुधींद्र मूंड पर किसी खेमे का टैग फिलहाल नहीं लगा है। ऐसे में यह तय है कि इस चुनाव से पायलट खेमे का राजस्थान में मजबूत होना तय है। पूनिया और सूरा सचिन पायलट के विश्वास पात्र और कट्टर समर्थक हैं। इससे पहले जो परिणाम आए हैं उनमें पहले ही राकेश मीणा भी पायलट समर्थक के रूप में पैनल में आ चुके हैं।