48 घंटों के बाद भी अंकित का नहीं चला पता, पत्नी पहुंची घटनास्थाल पर - Khulasa Online 48 घंटों के बाद भी अंकित का नहीं चला पता, पत्नी पहुंची घटनास्थाल पर - Khulasa Online

48 घंटों के बाद भी अंकित का नहीं चला पता, पत्नी पहुंची घटनास्थाल पर

जोधपुर। जोधपुर के तखत सागर जलाशय में करीब 48 घंटे से लापता भारतीय सेना के कमांडो कैप्टन अंकित गुप्ता का अभी तक पता नहीं चल पाया है। सेना के विशेषज्ञों ने तीसरे दिन शनिवार सुबह नए सिरे से खोज अभियान शुरू किया है। शुक्रवार की तुलना में शनिवार को ज्यादा नावों के साथ खोज अभियान शुरू किया गया है। प्रत्येक टीम एक निश्चित दायरे के भीतर तलाश कर रही है। वहीं कैप्टन अंकित की नवविवाहित पत्नी कुछ अन्य परिजनों के साथ कल रात जोधपुर पहुंच गईं हैं।
गुरुवार को अभ्यास के दौरान हेलिकॉप्टर से कूदने के बाद जलाशय में लापता कैप्टन अंकित की तलाश के लिए सेना ने दिल्ली से भी विशेषज्ञ बुलाएं हैं। इससे पहले, शनिवार को अतिरिक्त नावों की व्यवस्था की। तखतसागर के चप्पे-चप्पे की तलाशी के लिए अलग-अलग टीमों को एक निश्चित क्षेत्र में तलाशी की टास्क सौंपी गई है।
61 फीट भराव क्षमता वाले तखत सागर में इस समय 46 फीट पानी भरा हुआ है। इसका तल समतल नहीं होकर पहाड़ी क्षेत्र है। साथ ही इसमें बहुत अधिक झाडिय़ां उगी हुई हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि पानी की गहराई में जाने के दौरान अंकित इनके बीच में कहीं फंस गए होंगे। इसे ध्यान में रखकर गोताखोर नए सिरे से झाडिय़ों में उन्हें तलाश कर रहे हैं।
परिवार के साथ पत्नी पहुंचीं जोधपुर
गुरुग्राम निवासी 28 वर्षीय कैप्ट अंकित की 23 नवम्बर को ही शादी हुई थी। शादी होने के कुछ दिन ही वे अपनी ट्रेनिंग पूरी करने जोधपुर आ गए। हादसे की सूचना मिलते ही उनके परिजन बदहवास हैं। उनकी नव विवाहिता अपने कुछ परिजनों के साथ जोधपुर पहुंच गई।
ऐसे हुआ था हादसा
पैरा कमांडो स्पेशल फोर्सेज का पूरे साल अभ्यास चलता रहता है। डेजर्ट वारफेयर में महारत रखने वाली 10 पैरा के कमांडो को एक हेलिकॉप्टर से पहले अपनी बोट को पानी में फेंक स्वयं भी कूदना था। इसके बाद उन्हें बोट पर सवार होकर दुश्मन पर हमला बोलना था। इस अभियान के तहत कैप्ट अंकित के नेतृत्व में 4 कमांडो ने तखत सागर जलाशय में पहले अपनी नाव को फेंका और उसके बाद खुद भी पानी में कूद पड़े। तीन कमांडो तो नाव पर पहुंच गए, लेकिन कैप्टन अंकित नहीं पहुंच पाए। उनके साथ कमांडो ने थोड़ा इंतजार करने के बाद किसी अनहोनी की आशंका से स्वयं पानी में उतर खोज शुरू की। साथ ही अपने अन्य साथियों के माध्यम से जोधपुर स्थित मुख्यालय पर सूचना दी। इसके बाद 10 पैरा के अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे और खोज अभियान शुरू किया।

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