8 दिन बाद नोटिफाई होंंगे इन 28 शहरों के जोनल डवलपमेंट प्लान - Khulasa Online 8 दिन बाद नोटिफाई होंंगे इन 28 शहरों के जोनल डवलपमेंट प्लान - Khulasa Online

8 दिन बाद नोटिफाई होंंगे इन 28 शहरों के जोनल डवलपमेंट प्लान

खुलासा न्यूज,बीकानेर। किसी भी शहर का बेहतर विकास उसके डवलपमेंट प्लान पर निर्भर करता है। संभवत इसी वजह से हाईकोर्ट ने बिना जोनल डवलपमेंट प्लान के पट्टा जारी करने पर रोक लगाई थी। हाईकोर्ट की रोक के चलते प्रदेश के ज्यादातर निकायों में पट्टा देने का काम रफ्तार नहीं पकड़ पाया मगर 15 नवंबर तक यह काम तेज होने की उम्मीद बंधी है। प्रदेश के एक लाख से ज्यादा आबादी के 28 शहरों में जोनल डवलपमेंट प्लान बनाने का काम अंतिम चरण में है और 15 नवंबर तक सभी शहरों में इन्हें नोटिफाई कर दिया जाएगा। इसके बाद पट्टे देने में कोर्ट के आदेश की बाध्यता खत्म हो जाएगी। हालांकि यूडीएच अधिकारियों की मानें तो 2012 में चले प्रशासन शहरों के संग अभियान की तुलना में इस बार एक महीने में ज्यादा पट्टे जारी किए गए हैं। राज्य सरकार ने दिवाली के पहले ज्यादा के ज्यादा पट्टे जारी करने पर जोर दिया था।
इन शहरों के लागू होंगे जोनल प्लान
सरकार एक लाख से कम आबादी वाले नगरीय निकायों में जोनल प्लान बनाने की अनिवार्यता खत्म कर चुकी है। ऐसे में बीकानेर,जोधपुर,कोटा,अजमेर, उदयपुर, भीलवाड़ा, अलवर, भरतपुर,सीकर ,गंगानगर ,पाली ,टोंक ,किशनगढ़  ,झुंझुनूं,बारां ,चित्तौडग़ढ़ ,मकराना ,हिंडौन ,नागौर ,भिवाड़ी ,बूंदी ,ब्यावर ,हनुमानगढ़ ,धौलपुर , सवाईमाधोपुर , चूरू, गंगापुरसिटी , सुजानगढ़ और बांसवाड़ा  में जोनल प्लान लागू किया जाना है। इनकी शहरों की आबादी एक लाख से ज्यादा है. जयपुर में जोनल प्लान पहले ही लागू हैं।
स्थानीय निकायों की भागीदारी को बढ़ाया
दरअसल, ज्यादातर निकाय मास्टरप्लान में पूरी भागीदारी नहीं निभाते हैं। इसलिए इस बार मास्टरप्लान में स्थानीय निकायों की भागीदारी को बढ़ाया गया. इस वजह से अनिवार्य किया गया था कि स्थानीय निकाय के बोर्ड से इसे अप्रूव किया जाए ताकि जनता की सहभागिता हो। इस प्रक्रिया की वजह से भी जोनल डवलपमेंट प्लान बनने में देरी हुई।
शहर के लिए इसलिए जरूरी है जोनल डवलपमेंट प्लान
इसमें शहर को 4 से 5 जोन में बांटते हैं और हर जोन की अलग से डवलपमेंट योजना बनाई जाती है. भूमि के उपयोग के लिए जोनवार (इलाकेवार) विकास का खाका तैयार होता है। इसमें आवास,स्कूल, जनसुविधा केन्द्र, सड़क, मनोरंजन केन्द्र, पार्क, सार्वजनिक भवन,उद्योग,व्यवसाय,बाजार आदि के लिए जगह चिह्नित करते हैं. इसके अलावा बिजली,पानी,अंदरुनी सड़कों जैसी मूलभूत सुविधाओं से जुड़ी प्लानिंग भी इसी का हिस्सा है।

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