
इन मित्रों काे भूल गए कलेक्टर साहब!






खुलासा न्यूज बीकानेर। कोरोना की दूसरी पीक में जब ऑक्सीजन की बूंद बूंद बचाने के लिए जिला प्रशासन ने नर्सिंग स्टूडेंट्स को ऑक्सीजन मित्र बनाकर कोरोना संक्रमित रोगियों के पास खड़ा किया था। इस पर देशभर में बीकानेर जिला प्रशासन को सराहा गया, वाहवाही मिली। खासकर जिला कलेक्टर नमित मेहता की तारीफ हुई। स्वयं मेहता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वीडियो कांफ्रेसिंग में ऑक्सीजन मित्र की जानकारी दी। मंगलवार को ये मित्र पीबीएम अस्पताल के बाहर अपना हक पाने के लिए नारेबाजी करते नजर आए।
दरअसल, नर्सिंग स्टूडेंट्स को कोरोना के हर दौर में तैनात किया गया है। पहली लहर के दौरान भी नर्सिंग स्टूडेंट्स सुपर स्पेशलिटी सेंटर पर सर्विस दे रहे थे। इसके बाद वैक्सीनेशन शुरू हुआ तो पहले दिन कोई तैयार नहीं हुआ तो इन्हीं नर्सिंग स्टूडेंट्स को वैक्सीन लगाई गई। टीका लगाने में भी इन्होंने भरपूर सहयोग किया। इसके बाद दूसरी लहर में एमसीएच बिल्डिंग में हजार से ज्यादा रोगियों की तिमारदारी भी इन्हीं नर्सिंग स्टूडेंट्स ने की। ऑक्सीजन की फिजूलखर्ची रोकने के लिए भी नर्सिंग कर्मियों को तैनात किया गया। हर समय ऑक्सीजन लेवल का ध्यान रखने के लिए संक्रमित के आसपास ही रहना पड़ता था।
अब नहीं मिल रहा स्टाईपेंड
नर्सिंग स्टूडेंट्स को नियमित रूप से स्टाईपेंड देने की व्यवस्था है। यह राशि कम होती है लेकिन इन स्टूडेंट्स के लिए काफी महत्वपूर्ण होती है। स्टूडेंट्स का कहना है कि उन्हें जब विभिन्न तरह की कोरोना ड्यूटी दी गई तब अधिकारी बार बार कह रहे थे कि उन्हें एक मुश्त भुगतान दिया जायेगा। इसी भुगतान के लिए अब जब पीबीएम अस्पताल के पास जाते हैं तो अभद्रता की जाती है। किसी तरह का कोई भुगतान नहीं होने की धमकी देकर निकाल दिया जाता है।


