ऐसा क्या हुआ कि राजस्थान के शिक्षा मंत्री को प्रधानमंत्री के पास चलने की बात कहनी पड़ी, पढ़े पूरी खबर - Khulasa Online ऐसा क्या हुआ कि राजस्थान के शिक्षा मंत्री को प्रधानमंत्री के पास चलने की बात कहनी पड़ी, पढ़े पूरी खबर - Khulasa Online

ऐसा क्या हुआ कि राजस्थान के शिक्षा मंत्री को प्रधानमंत्री के पास चलने की बात कहनी पड़ी, पढ़े पूरी खबर

जयपुर। विधानसभा में शिक्षा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता देने का मुद्दा प्रमुखता से उठाया। शिक्षा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने विधानसभा में शिक्षा की अनुदान मांगों पर बहस के जवाब में राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता की पैरवी की। कल्ला ने राजस्थानी भाषा में ही बोला। हाल के वर्षों में यह पहला मौका है, जब किसी शिक्षा मंत्री ने राजस्थानी में अपनी बात रखी हो।
शिक्षा मंत्री ने कहा – हम सबको मिलकर प्रधानमंत्री के पास चलना चाहिए। उनसे मांग करनी चाहिए कि विधानसभा से सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित करके भेजने के इतने साल बाद भी राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में क्यों शामिल नहीं किया? संवैधानिक मान्यता क्यों नहीं दी गई? ​हम सब मिलकर चलेंगे तो जरूर राजस्थानी को आठवीं अनुसूची में शामिल करना पड़ेगा। मान्यता मिल गई तो नई शिक्षा नीति में राजस्थानी को मातृ भाषा का दर्जा मिल जाएगा और प्राथमिक शिक्षा में इसी माध्यम से पढ़ाई शुरू हो जाएगी। राजस्थानी की संवैधानिक मान्यता के लिए हम सबको एक होना पड़ेगा।
अकेले ऊंट के 200 पर्यायवाची
कल्ला ने कहा- राजस्थानी भाषा बहुत ही समृद्ध है। अकेले ऊंट के 200 पर्यायवाची शब्द हैं। हिंदी में कहते हैं राम एक अच्छा लडक़ा है। अंग्रेजी में कहेंगे राम इज ए गुड बॉय। इसी राम नाम के लडक़े को राजस्थानी में क्या-क्या कहकर संबोधित करेंगे, इसकी बानगी देखिए- ‘अरे रामूड़ा आज फटबाल खेलबा कौनी चालकैं। अर, रामल्या, दूध लेन आ। अर, रामसा, आज काईं डील ठीक कोनी क। ऐ म्हारे रामजी हैं’। यह बात कौन कह सकता है, पत्नी कहेगी। पत्नी रामूड़ा, रामल्या या रामा नहीं कहेगी, रामजी कहेगी। विश्व में ऐसी कोई भाषा नहीं है, जिसमें प्रथम व्यक्ति को उसके संबंध के हिसाब से पुकारा जाता हो।
पुरानी मांग
राजस्थानी को संवैधानिक मान्यता की मांग लंबे समय से चल रही है। संविधान सभा में भी राजस्थानी को मान्यता की मांग उठी थी, लेकिन आजादी के बाद से लेकर अब तक इस मांग को पूरा नहीं किया।
कल्ला की घोषणा- पंचायत मुख्यालयों के स्कूल प्रमोट होंगे
शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने अनुदान मांगों पर बहस के जवाब में कई घोषणाएं कीं। कल्ला ने कहा- अब से डाक देने-लेने कोई शिक्षक नहीं जाएगा। स्कूलों में वार्षिक उत्सव का समय 26 मार्च तक बढ़ा दिया है। 3820 स्कूलों को सीनियर सेकेंडरी में प्रमोट किया जाएगा। रेगिस्तानी जिलों में स्कूल खोलने के मापदंडों में छूट दी जाएगी। 200 प्राथमिक स्कूल खुलेंगे। ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर प्राथमिक स्कूलों को उच्च प्राथमिक में और उच्च प्राथमिक स्कूलों को सेकेंडरी में ​प्रमोट किया जाएगा।

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