कुलपति चारण को विजनरी लीडर ऑफ द ईयर-2020 - Khulasa Online कुलपति चारण को विजनरी लीडर ऑफ द ईयर-2020 - Khulasa Online

कुलपति चारण को विजनरी लीडर ऑफ द ईयर-2020

खुलासा न्यूज,बीकानेर। इंस्टीट्यूट आफ इंजिनियर्स इंडिया के राजस्थान सेंटर जयपुर दुवारा प्रदान किए जाने वाले एमिनेंट इंजीनियर अवॉर्ड-2020 की श्रेणी में इस वर्ष हेतु विजनरी लीडर ऑफ द ईयर-2020 के लिए उच्च एवं तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य, विश्विद्यालय में लागू नवाचार, अभिनव,नवप्रवर्तन कार्य योजनाओं के क्रियान्वयन एवं उत्कृष्टता के साथ की गई अकादमिक सेंवाओ को रेखांकित करते हुए बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.एचडी चारण का चयन किया गया है। इस हेतु इंस्टीट्यूट आफ इंजिनियर्स इंडिया के राजस्थान स्टेट सेंटर,जयपुर द्वारा राजस्थान राज्य राज्य से जुड़े इंजीनियरों द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय कार्य करने हेतु आवेदन आमंत्रित किए गए थे जिसमें राजस्थान राज्य से एमिनेंट इंजीनियर अवॉर्ड-2020 की श्रेणी में चारण का चयन किया गया है जिन्हें 15 सितंबर को इंजीनियर्स दिवस के अवसर पर जयपुर में सम्मानित किया जाएगा। चारण के सफल नेतृत्व में तकनीकी शिक्षा में मानवीय मूल्यों का समावेश, विश्विद्यालय के पाठ्यक्रम में ह्यूमन वैल्यू का क्रेडिट कोर्स के रूप संचालन, अखिल भारतीय तकनिकी शिक्षा परिषद एवं राजभवन की योजनाओं का सफल क्रियान्वयन, विश्विद्यालय में लागू नवाचार व अभिनव अकादमिक कार्य योजनाएँ, शैक्षणिक व सह शैक्षणिक गतिविधियां, संबंद्ध महाविद्यालयों की रैंकिंग, नवीन पाठ्यक्रम,शिक्षकों एवं विद्यार्थियों हेतु कार्यशालाए, तकनिकी शिक्षा के उन्नयन हेतु किए गए विभिन्न संस्थाओं के साथ एमओयू, विश्वविद्यालय की अकादमिक उत्कृष्टता के उन्नयन हेतु किए गए प्रयास, लॉकडाउन में सफलतापूर्वक निर्बाध रूप से प्रभावी शिक्षण व्यवस्थ्या का संचालन सहित असंख्य कार्यो का सफल क्रियान्वयन किया गया है।
कोविड के दौरान विश्विद्यालय लगभग 4000 विद्यार्थियों की कार्यशाला करा चुका हैं यह देश में पहला विश्वविद्यालय है जिसने इस तरह की विद्यार्थियों के लिए मानवीय मूल्यों पर आधारित कार्यशाला आयोजित की हैं। इस कार्यशाला के माध्यम से विद्यार्थी अपने जीवन यानी स्वयं परिवार में मानव के साथ में समाज में और प्रकृति के साथ में अपनी भागीदारी को समझ सके और उसका ईमानदारी से निर्वहन कर सके इस तरह की शिक्षा से प्रेरित किया। इससे पहले किस विषय की विस्तृत जानकारी के लिए कॉलेज के शिक्षकों को इस तरह की कार्यशाला कार्यशाला में भागीदारी की और इस तरह की भागीदारी करने वाले अब तक लगभग 600 शिक्षकों को ट्रेनिंग दे चुके हैं और यहां तक कि इससे पहले कुलपति स्वयं इस तरह के 8 दिन की कार्यशाला आई आई टी कानपुर में करके आए और मानवीय मूल्य के विषय को गहराई से समझा और फिर इस विश्वविद्यालय में लागू किया।और सबसे महत्वपूर्ण बात मानवीय मूल्यों की शिक्षा क्योंकि दिल से दिल तक जानी चाहिए इसलिए से अंग्रेजी में ना हिंदी में पढ़ाने का विकल्प भी दिया गया ताकि विद्यार्थी उसको और ढंग से समझ सके। मानवीय मूल्यों की शिक्षा को और आगे बढ़ाने के लिए बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय ने आर्ट ऑफ लिविंग के विश्वविद्यालय श्री श्री विश्वविद्यालय कटक देव संस्कृति विश्वविद्यालय हरिद्वार वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी पुणे के साथ एमओयू किया है ताकि इस को और व्यापक बनाया जा सके और विद्यार्थियों तक पहुंचा जा सके। श्री चारण स्वयं एआईसीटीई की उस टीम के सक्रिय सदस्य हैं जो देश में तकनीकी शिक्षा में माननीय मूल्यों की शिक्षा को लागू करने के लिए कार्यशालाये करवा रही है, जो अब तक लगभग 11000 शिक्षकों को इसके लिए प्रशिक्षित कर चुके हैं और यह क्रम अभी भी निरन्तर जारी है। आत्मनिर्भर भारत की अवधारणा को साकार करने के लिए विद्यार्थियों से उनके आसपास गांव में मोहल्लों में विभिन्न समस्याओं का तकनीकी समाधान के लिए प्रोजेक्ट अमृत चलाया जा रहा है, ग्रामीण भारत की अवधारणा को और मजबूत करने के लिए गुजरात विद्यापीठ के साथ एमओयू किया हुआ है और भारत सरकार के एक संस्थान महात्मा गांधी ग्रामीण मिशन के साथ में भी यही किया है ताकि आत्मनिर्भर भारत की इस कल्पना को साकार किया जा सके और विद्यार्थी अपने तकनीकी ज्ञान के साथ हर गांव और मोहल्ले की समस्याओं का समाधान कर सकें विश्वविद्यालय के इन सभी कार्यो को राज्यपाल ,  मुख्यमंत्री , एआईसीटीई व यूजीसी के चेयरमैन और अन्य विश्वविद्यालय के कई कुलपतियों ने आने में सहभागिता की और उसको बहुत सराहा गया। इस अवसर पर कुलपति चारण ने कहा कि बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय के प्रथम कुलपति के दायित्व मिलने के साथ ही उन्होंने यह निश्चय किया था कि विश्वविद्यालय को तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में राजस्थान राज्य का सीरेमौर बनाने का प्रयास करेंगे। इसी निश्चय के साथ बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय का संपूर्ण परिवार विश्वविद्यालय के विकास हेतु कृतसंकल्प है। भविष्य में भी उनका प्रयास रहेगा कि वे विश्वविद्यालय की उन्नति हेतु अच्छा प्रयास कर सके व योजनाओं को लागू कर सके। समय के साथ उच्च एवं तकनीकी शिक्षा के बदलते स्वरूप में माननीय मूल्यों का समावेश शिक्षा जगत के पाठ्यक्रम की मांग थी इसलिए प्राथमिकता से विश्वविद्यालय में लागू किया गया।

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