विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर ने दी आमरण अनशन की चेतावनी - Khulasa Online विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर ने दी आमरण अनशन की चेतावनी - Khulasa Online

विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर ने दी आमरण अनशन की चेतावनी

उदयपुर। सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय प्रशासन पर टार्चर का आरोप लगाकर कुलाधिपति तक शिकायत कर चर्चा में आए असिस्टेंट प्रोफेसर टीकम चंद ढाकल इंटरनेट मीडिया पर वायरल उनके मैसेज के चलते चर्चा में हैं। उन्होंने हार चढ़ाए अपनी तस्वीर के साथ मैसेज वायरल किया है कि वह आगामी सोलह फरवरी से आमरण अनशन करने जा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके साथ नियुक्त सभी असिस्टेंट प्रोफेसर्स को स्थायी किया जा चुका है लेकिन ढाई साल की अवधि के बाद भी मंगलवार को विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक आदेश जारी कर उनकी प्रोबेशन अवधि को आगामी आदेशों तक रोक लगा दी। इस आदेश को टीकम चंद ने अपने साथ ज्यादती बताया और आमरण अनशन पर बैठने के निर्णय की जानकारी दी। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों और कुछ सीनियर शिक्षकों पर परेशान करने का आरोप भी लगाया है। असिस्टेंट प्रोफेसर टीकम की समस्या और उसके समाधान को लेकर तत्कालीन कुलपति प्रो. जेपी शर्मा ने प्रो. सुधा चौधरी की अगुवाई में एक कमेटी का गठन किया था। जिसने अपनी जांच में यह पाया था कि टीकम चंद के साथ कई तरह की प्रताडऩा की गई थी।
पूर्व में कर चुके हैं आत्महत्या का प्रयास
असिस्टेंट प्रोफेसर टीकम चंद ढाकल पूर्व में आत्महत्या का प्रयास भी कर चुके हैं। तब उन्होंने सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय के कुछ अधिकारियों तथा शिक्षकों के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने की शिकायत की थी।
सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय में अस्स्टिेंट प्रोफेसर्स एवं अन्य कर्मचारियों को स्थायी किए जाने के लिए दो साल की अवधि तय है। जबकि टीकम चंद ढाकल को नियुक्त हुए ढाई साल की अवधि बीत चुकी है और उन्हें अभी तक स्थायी नहीं किया। इस मामले में कुलपति प्रो. अमेरिका सिंह का कहना है कि टीकम चंद से जुड़ा मामला उनके पद ग्रहण करने से पहले का है। उससे पहले उनके खिलाफ तीन सदस्यीय उच्च न्यायिक कमेटी जांच कर रही थी, जिसकी रिपोर्ट में उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की गई है। इसी के चलते फिलहाल आगामी आदेशों तक उनके स्थायी किए जाने पर रोक लगाई है। आगामी बोम की बैठक में इसका निर्णय लिया जाएगा।
अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों की डिग्रीधारक है ढाकल
उल्लेखनीय है कि सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय ने भले ही असिस्टेंट प्रोफेसर टीकमचंद ढाकल को स्थायी नहीं किया, लेकिन वह कई अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा ग्रहण कर चुके हैं। उन्होंने इटली के विश्वविद्यालय से पीएचडी की है, जबकि कनाड़ा, फ्रांस और जर्मनी से उच्च शिक्षा ग्रहण की है।

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