भारत ने कैसे निकाली बैजबॉल की हवा:पहले टेस्ट से सबक लिया और फ्लैट पिचें बनवाकर इंग्लिश गेंदबाजों को बेअसर किया - Khulasa Online भारत ने कैसे निकाली बैजबॉल की हवा:पहले टेस्ट से सबक लिया और फ्लैट पिचें बनवाकर इंग्लिश गेंदबाजों को बेअसर किया - Khulasa Online

भारत ने कैसे निकाली बैजबॉल की हवा:पहले टेस्ट से सबक लिया और फ्लैट पिचें बनवाकर इंग्लिश गेंदबाजों को बेअसर किया

‘भारत में बेअसर रहेगा बैजबॉल…।’ भारतीय क्रिकेट विशेषज्ञों की यह भविष्यवाणी अब सही हो रही है।

राजकोट में भारत की रन के लिहाज से सबसे बड़ी टेस्ट जीत (434 रन) ने इस बात की गवाही भी दे दी है। इस जीत से टीम इंडिया ने इंग्लैंड के खिलाफ 5 मैचों की सीरीज में 2-1 की बढ़त हासिल कर ली है। चौथा मुकाबला रांची में 23 से 27 फरवरी के बीच खेला जाएगा। भारतीय प्लेयर्स ने पिछले 20 महीनों में इंग्लैंड को चमकाने वाले ‘बैजबॉल’ की हवा कैसे निकाली। आगे 4 पॉइंट्स में समझिए…

1. फ्लैट पिच बनवाईं और इंग्लिश स्पिनर्स बेअसर
इंग्लैंड ने पहला मुकाबला 28 रनों से जीता और सीरीज में 1-0 की बढ़त हासिल कर ली। हैदराबाद में खेले गए इस मुकाबले में इंग्लिश स्पिनर्स ने 18 विकेट निकाले। डेब्यू कर रहे टॉम हार्टले ने कुल 9 विकेट चटकाए। उन्होंने पहली पारी में 2 और दूसरी पारी में 7 बल्लेबाजों को आउट किया। जो रूट को 5, जैक लीच और रेहान अहमद को 2-2 विकेट मिले।

ऐसे में भारत के टीम मैनेजमेंट ने विशाखापट्‌टनम और राजकोट टेस्ट के लिए फ्लैट पिचें बनवाईं। बल्लेबाजी के अनुकूल बनाई गईं फ्लैट पिचों पर इंग्लैंड के अनुभवहीन स्पिनर्स बेअसर हो गए। नतीजा यह रहा कि भारत ने दूसरा टेस्ट 106 और तीसरा टेस्ट 434 रनों से जीता।

2. युवाओं की बल्लेबाजी; यशस्वी और सरफराज ने स्वीप शॉट खेले
सीरीज में भारतीय टीम ने रजत पाटीदार, सरफराज खान और ध्रुव जुरेल जैसे युवा बल्लेबाजों को डेब्यू कराया। इससे मिडिल ऑर्डर में मजबूती आई। टॉप ऑर्डर में यशस्वी जायसवाल और शुभमन गिल पहले से मौजूद थे।

इन युवाओं ने स्वीप और रिवर्स स्वीप शॉट खेले, जिससे इंग्लैंड की गेंदबाजी कमजोर हुई। सीरीज की 6 पारियों में यशस्वी जायसवाल 109 के औसत से 545 रन बना चुके हैं। गिल ने भी एक शतक और एक अर्धशतक के दम पर 252 रन बनाए। जबकि सरफराज खान ने डेब्यू मैच में दो अर्धशतकों के सहारे 130 रन का योगदान दिया।

3. इंग्लिश मिडिल ऑर्डर फ्लॉप रहा
इंग्लैंड का मिडिल ऑर्डर भारतीय पिचों पर फ्लॉप रहा। जो रूट, बेन स्टोक्स और जॉनी बेयरस्टो वैसी बल्लेबाजी नहीं कर सके, जिसके लिए वे जाने जाते हैं। जो रूट ने 3 मैचों में 77, जॉनी बेयरस्टो ने 102 और बेन स्टोक्स ने 190 रन बनाए हैं। बेन फोक्स भी 109 रन ही बना सके।

सीरीज में बुमराह ने जो रूट को 3, रवींद्र जडेजा ने 2 और रविचंद्रन अश्विन ने एक बार आउट किया। ओवरऑल बुमराह ने रूट को 9वीं बार आउट किया। जबकि जडेजा ने 7वीं बार रूट को पवेलियन भेजा है।

इसी तरह स्टोक्स को जसप्रीत ने दो बार आउट किया। अश्विन ने स्टोक्स को 12वीं बार आउट किया। साथ ही बेयरस्टो को बुमराह और जडेजा ने दो-दो बार पवेलियन की राह दिखाई। बेन फोक्स दो बार अक्षर पटेल का शिकार बने।

4. भारतीय तेज गेंदबाजों की रिवर्स स्विंग
दूसरे और तीसरे टेस्ट में भारत के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज ने रिवर्स स्विंग का प्रयोग किया। इसका दोनों को फायदा भी मिला। वे सीरीज के टॉप विकेटटेकर हैं। बुमराह के नाम 3 मैचों में 17 विकेट हैं। उन्होंने दूसरे टेस्ट में कुल 9 विकेट लेकर भारत को जीत दिलाई। पहले टेस्ट में बुमराह के नाम 6 विकेट रहे।

बुमराह के अलावा, सिराज ने 4 विकेट हासिल किए। सिराज को चारों सफलताएं राजकोट टेस्ट में मिलीं।

क्या होता है बैजबॉल?
क्रिकेट बुक में कोई ऑफिशियल बैजबॉल थ्योरी नहीं है, लेकिन इसे इंग्लैंड की टेस्ट टीम के नए अटैकिंग अप्रोच को दर्शाने के लिए नाम दे दिया गया। बैजबॉल 2 शब्दों से मिलकर बना है, इसमें बैज और बॉल शामिल हैं। ‘बैज’ इंग्लैंड की टेस्ट टीम के हेड कोच ब्रेंडन मैक्कुलम का निकनेम है और ‘बॉल’ क्रिकेट का एक एलिमेंट, जिसके बिना खेल पॉसिबल ही नहीं है। इन दोनों शब्दों को मिलाकर ‘बैजबॉल’ बनाया गया।

मैक्कुलम न्यूजीलैंड के पूर्व क्रिकेटर हैं और वे अपने करियर के दौरान बहुत अटैकिंग बैटिंग करते थे। ओपनिंग करते हुए वे पहली से आखिरी बॉल तक बड़े शॉट्स लगाने पर ही फोकस करते थे। उन्हीं की स्ट्रैटजी को अब बेन स्टोक्स की कप्तानी वाली इंग्लैंड टेस्ट टीम ने अपना लिया।

 

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