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इस विधायककी हो सकती है गिरफ्तारी, दूसरे नोटिस पर भी पुलिस के सामने पेश नहीं हुईं

जयपुर भाजपा सरकार के दौरान कोटा थाने में BJP कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच मारपीट मामले में दर्ज मुकदमों में अब विधायक चंद्रकांता मेघवाल की गिरफ्तारी हो सकती है। चंद्रकांता मेघवाल पुलिस के दो बार नोटिस भेजने के बावजूद गुरुवार को पेश नहीं हुई हैं। पुलिस ने दूसरा नोटिस देकर आज 11 बजे पेश होने को कहा था, लेकिन चंद्रकांता मेघवाल BJP की बाड़ेबंदी में हैं। अब पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर सकती है।

सीआईडी सीबी को हाल में ही चंद्रकांता मेघवाल के खिलाफ दर्ज मुकदमों में चालान पेश करने की मंजूरी मिली थी। जांच में विधायक और उनके पति के खिलाफ जुर्म प्रमाणित माना गया है। ऐसे में अब विधायक की कभी भी गिरफ्तारी हो सकती है।

विधायक की वोटिंग के बाद पुलिस के सामने पेश होने की रणनीति
BJP को शुक्रवार को राज्यसभा चुनाव की वोटिंग से पहले विधायक की गिरफ्तारी की आशंका है। ऐसे में BJP के वरिष्ठ नेताओं ने भी आपस में बैठकर चर्चा की है। BJP के नेता इस मामले में रणनीति बना रहे हैं। शुक्रवार को राज्यसभा की वोटिंग के बाद चंद्रक्रांता मेघवाल की कोटा में पुलिस के सामने केस के सिलसिले में पेश होने की तैयारी में हैं। विधायक पति भी अभी पेश नहीं हुए हैं।

फिलहाल विधानसभा का सत्र नहीं चल रहा है, इसलिए विधायक की गिरफ्तारी के लिए स्पीकर की अनुमति या सूचना देने की जरूरत नहीं है। विधानसभा का जब सत्र चल रहा होता है तो स्पीकर को सूचित करके ही विधायक को गिरफ्तार किया जाता है। फिलहाल ऐसी कोई बाध्यता नहीं है। विधायक को विधानसभा के कामकाज से रोकने पर प्रीविलेज बनता है, इस मामले में यह लागू नहीं होगा।

यह था मामला
BJP राज के दौरान 20 फरवरी 2016 को कोटा के महावीर नगर थाने में बीजेपी कार्यकर्ता का चालान बनाने पर विवाद हो गया था। बीजेपी कार्यकर्ता महावीर नगर थाने के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे। उस समय रामगंजमंडी विधायक चंद्रकांता मेघवाल और उनके पति नरेन्द्र मेघवाल थाने गए, वहां उनकी पुलिसकर्मियों से कहासुनी हो गई और इस पर मारपीट शुरू हो गई। इस पर पुलिस और बीजेपी कार्यकर्ताओं में मारपीट और पथराव हुआ। विधायक और उनके पति को भी चोटें आईं। विधायक पति की पिटाई हुई, विधायक को भी धक्का-मुक्की में चोटें आईं। इस घटना पर भारी विवाद हुआ। पूरे मामले में दोनों तरफ से मुकदमे हुए। बीजेपी कार्यकर्ताओं और विधायक की तरफ से दर्ज तीन मुकदमों में पुलिस ने एफआर लगा दी । विधायक, उनके पति के खिलाफ दर्ज मामलों में जुर्म प्रमाणित मानकर चालान पेश करने की तैयारी है।

मॉक पोलिंग में वोट खारिज
इधर राज्यसभा चुनावों की वोटिंग में अब केवल एक दिन बचा है। कांग्रेस और BJP के विधायक बाड़ेबंदी में वोटिंग की प्रैक्टिस भी कर रहे हैं। BJP की बाड़ेबंदी में ही विधायकों को मॉक पोल करवाया जा रहा है। बुधवार को हुए मॉक पोल में BJP के पांच विधायकों के वोट खारिज हो गए। वोट खारिज होने के बाद जब दोबारा से मॉक पोलिंग करवाई गई तो दो विधायक दूसरी बार भी गलती कर गए और फिर उनके वोट खारिज हो गए।

जिन विधायकों के वोट खारिज हुए उनमें सूर्यकांता व्यास, पूराराम चौधरी अनुभवी विधायक हैं और कई बार राज्यसभा चुनावों में वोट डाल चुके हैं। हरेंद्र निनामा पहली बार विधायक बने हैं। अनुभवी विधायकों से इस तरह गलती करने से अब BJP खेमे की चिंता बढ़ गई हैं। अगर असल में वोट खारिज हो गए तो पार्टी की भारी किरकिरी हो सकती है।

सुभाष चंद्रा को जो ​BJP विधायक वोट देंगे, उनमें एक का वोट मॉक पोलिंग में दो बार खारिज
BJP ने घनश्याम तिवाड़ी और निर्दलीय सुभाष चंद्रा को वोट देने के लिए विधायकों ​की लिस्ट बनाकर पहले से तय कर दिया है। ज्यादातर वरिष्ठ नेताओं को घनश्याम तिवाड़ी को वोट करने वाली लिस्ट में लिया है। सुभाष चंद्रा को वोट देने के लिए जिन 30 विधायकों को छांटा गया है। मॉक पोलिंग में उसका ही एक वोट खारिज हो गया। दो बार की मॉक पोलिंग में भी सुभाष चंद्रा को वोट करने वाले विधायक सही वोट नहीं डाल पाए और वोट खारिज हो गया। BJP की वरिष्ठ विधायक सूर्यकांता व्यास को सुभाष चंद्रा को वोट करने वाल लिस्ट में नाम है। सुभाष चंद्रा ने कांग्रेस से आठ विधायकों के क्रॉस वोटिंग का दावा किया था।

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