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फाइनेंसर के घर चोरों ने कि बड़ी चोरी

जयपुर। राजधानी में चोरी की एक और बड़ी वारदात हुई है। वारदात वैशाली नगर थाना क्षेत्र में उस समय हुई जब फाइनेंस कारोबारी अपने परिवार के साथ रक्षाबंधन के दिन दिल्ली गया था बहन से राखी बंधाने के लिए। घर पर सर्वेंट था लेकिन रात के समय कुछ देर के लिए सर्वेंट भी घर से चला गया। इसी बीच चोरों ने हाथ मारा और करीब आठ सौ ग्राम सोने और दस लाख से ज्यादा कैश चोरी कर ले गए। वैशाली नगर पुलिस ने अब केस दर्ज किया है।
जांच कर रही पुलिस ने बताया कि वैशाली नगर में रहने वाले ६२ वर्षीय अजय कुमार आर्य फाइनेंस कारोबारी हैं। रक्षाबंधन पर वैशाली नगर से दिल्ली अपनी बहन के पास गए थे। एक दो दिन मे वापस जयपुर लौटने का कार्यक्रम था। इस बीच जयपुर स्थित घर पर सर्वेंट था। वह भी रक्षाबंधन की रात कुछ देर के लिए घर से चला गया था। वापस लौटा तो घर खुला पाया और सेफ से सामान चोरी पाया। इसकी सूचना कारोबारी अजय आर्य को दी।
अजय अगले ही दिन घर लौटे और सोमवार को पूरी सार संभाल कर पाया कि घर से पचास लाख से भी ज्यादा का जेवर और कैश चोरी हो गया। पुलिस को दी गई सूची में बताया गया है कि घर से सोने के चार बिस्कीट सोने और डायमंड की १५ अंगूठियां सोने और डायमंड के १४ झुमके पांच नग सोने के पैंडेटं सोने की चार चूडिय़ां चार सोने की चेन हाथ में पहनने का भारी ब्रासलेट सोने का एक मंगलसूत्र एक नेकलेस और एक टीका चोरी हो गया।
साथ ही करीब दस से तेरह लाख रुपए भी चोरी हो गया। पुलिस ने बताया कि चोरी गए सोने का वजन करीब आठ सौ ग्राम है। इसकी कीमत चालीस लाख रुपए से भी ज्यादा आंकी जा रही है। गौरतलब है कि इस वारदात के बाद आसपास लगे सीसी कैमरें भी खंगाले गए हैं लेकिन उनसे भी कोई खास मदद न तो पुलिस और न ही कारोबारी अजय आर्य को मिल सकी हैं। हांलाकि नौकर भी पुलिस के संदेह के घेरे में है। उससे भी पूछताछ की जा रही है।
जानकारी छुपाने की कोशिश करती रही पुलिस, गश्त व्यवस्था पर उठे सवाल
वैशाली नगर में कुछ दिनों ही यह दूसरी बड़ी वारदात हुई है। इससे कुछ दिन पहले एक शोरुम से महंगे मोबाइल फोन चोरी किए गए थे। पचास से साठ लाख रुपए करीब उनकी कीमत बताई गई थी। इस वारदात के बाद से अब तक पुलिस आरोपियों तक नहीं पहुंच सकी है। दूसरी वारदात फिर से वैशाली नगर में हुई। करीब पचास से साठ लाख रुपए की इस वारदात के बाद अब पुलिस जानकारी देने से ही बचती रही। कई बार जानकारी मांगने पर भी पुलिस की तरह से पूरी जानकारी साझा नहीं की गई। स्थानीन दुकानदारों और लोगों का कहना है कि गश्त बंदोबस्त सही तरीके से नहीं होने के कारण वारदातें बढ़ रही है और पुलिस वारदातों का खुलासा नहीं कर पा रही है।च गया.
२०१३-१४ में प्रोत्साहन राशि बढऩे के बाद ये आंकड़ा सीधे २६७ तक पहुंच गया.

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