बीकानेर: चोर-नकबजन पकड़े जा रहे, लेकिन 30 फीसदी माल नहीं हो पाता बरामद

बीकानेर: चोर-नकबजन पकड़े जा रहे, लेकिन 30 फीसदी माल नहीं हो पाता बरामद

बीकानेर. पुलिस की सुरक्षा के दावों की चोर, लुटेरे पोल खोल रहे हैं। शहर में पिछले एक महीने से लगातार शहर से लेकर गांव तक दुकान व घरों में चोरी की वारदातें हो रही हैं। हर दिन एक बाइक चोरी हो रही है। राहगीरों से मोबाइल व महिलाओं के गले से सोने की चेन व पर्स छीनने की वारदातें हो रही हैं। बदमाशों के हौसले बढ़ रहे हैं। गश्त व्यवस्था पर भी सवाल हैं। संदिग्ध व अनजान मुंह पर नकाब बांध कर निकल जाते हैं, पुलिस रोक कर पूछती तक नहीं। पुलिस की रात के समय निष्क्रियता के चलते लूटपाट, मारपीट व छीना-झपटी के मामलों में इजाफा हो रहा है। बाइक सवार नकाबपोश लुटेरों की गैंग बीकानेर शहर में पिछले ढाई साल से सक्रिय है। ये लुटेरे सुनसान जगह पर राहगीरों को शिकार बनाते हैं। कोई पैदल हो, बाइक पर हो, बुजुर्ग हो या महिला, लुटेरों के शिकार बनते हैं। लुटेरे अधिकतर वारदात को रात 11 से एक बजे, सुबह पांच से छह बजे और दोपहर दो से चार बजे के बीच अंजाम देते हैं। पुलिस सुरक्षा के दावे करती है, लेकिन हकीकत में ऐसी वारदातों के कारण पुलिस की साख गिर रही है। देर-सवेर आरोपी पकड़ने का दावा भी करती है लेकिन लूटी व चोरी हुई संपत्ति का तकरीबन तीस फीदसी हिस्सा अंत तक बरामद नहीं हो पाता। कई मामले तो चोर के पकड़े जाने के बाद ही दर्ज किए जाते हैं।

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