पाक विस्थापितों पर हुई कार्रवाई का बीजेपी ने किया विरोध : राठौड़ बोले- क्रूरता की हदें की पार, पूनिया ने कहा- तुष्टिकरण कर रही सरकार - Khulasa Online पाक विस्थापितों पर हुई कार्रवाई का बीजेपी ने किया विरोध : राठौड़ बोले- क्रूरता की हदें की पार, पूनिया ने कहा- तुष्टिकरण कर रही सरकार - Khulasa Online

पाक विस्थापितों पर हुई कार्रवाई का बीजेपी ने किया विरोध : राठौड़ बोले- क्रूरता की हदें की पार, पूनिया ने कहा- तुष्टिकरण कर रही सरकार

खुलासा न्यूज। राजस्थान के जैसलमेर में हिंदू शरणार्थियों के मकानों पर हुई कार्रवाई का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है। विधानसभा नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने इसे कांग्रेस सरकार की तुष्टीकरण की राजनीति करार दिया है। उन्होंने कहा कि जोधपुर के बाद अब जैसलमेर में पाकिस्तान से आये हिंदू शरणार्थियों के आशियानों को बुलडोजर से रौंदना कांग्रेस सरकार के क्रूर रवैये को दर्शा रहा है। एक और जहां पाकिस्तान में लगातार हिंदूओं को प्रताडि़त किया जा रहा था। बहन-बेटियों की इज्जत लूटी जा रही थी। ऐसे में यहां आश्रय लेने की आस में आये हिंदू शरणार्थियों के घरों को उजाडऩा मानवता की क्रूरता की हदों को पार करना है। राठौड़ ने कहा कि सरकार के नौकरशाहों ने हिंदू शरणार्थियों के रहने की वैकल्पिक व्यवस्था किये बिना ही 45-46 डिग्री सेल्सियस के तापमान में कई परिवारों को बेघर कर डाला हैं। जिनके साथ हुए अमानवीय व्यवहार और दयनीय स्थिति के लिए सिर्फ गहलोत सरकार जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी, पाकिस्तान से प्रताडि़त होकर अपनी सरजमीं पर लौटे हिंदू शरणार्थियों के साथ तुष्टिकरण की राजनीति करना बंद करें और इनके रहने की समुचित व्यवस्था करें।

विधानसभा के उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया ने जैसलमेर में हुई कार्रवाई को तानाशाही करार दिया। उन्होंने कहा कि तुष्टीकरण के सरताज गहलोत सरकार ने पहले जोधपुर और अब जैसलमेर में भी पाक-विस्थापित हिंदू शरणार्थियों के घरों पर बुलडोजऱ चलवा कर उन्हें फिर से बेघर कर दिया। इस अमानवीय और असंवेदनशील हरकत के जरिये मुख्यमंत्री जी न जाने किसे और क्या संदेश देना चाहते हैं। मुखिया जी, अब तो तुष्टीकरण की राजनीति बंद करिये। पूनिया ने कहा कि सरकार फिर इन हिंदुओं के बसने की व्यवस्था करें।

दरअसल, जैसलमेर जिला मुख्यालय से करीब 4 किलोमीटर दूर अमर सागर क्षेत्र में रह रहे पाकिस्तान से आए हिंदुओं के मकानों को कलेक्टर टीना डाबी के आदेश के बाद ढहा दिया गया। 50 से ज्यादा कच्चे मकानों को यूआईटी ने अतिक्रमण मानते हुए बुलडोजर और जेसीबी की मदद से जमींदोज कर दिया। इस कार्रवाई से 150 से ज्यादा महिला, पुरुष और बच्चे अब खुले आसमान के नीचे आ गए है।प्रशासन के मुताबिक, विस्थापित अमर सागर तालाब के किनारे अवैध मकान बनाकर रह रहे थे। जिसके कारण तालाब के पानी की आवक रुक गई थी। इसके साथ ही यह भूमि काफी कीमती भी बताई जा रही है। जिसके बाद अब पाकिस्तान विस्तापितो ने भी करवाई के खिलाफ धरना शुरू कर दिया है।

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