बीकानेर नगर की परंपराएं और रीति-रिवाज देश के लिए मिसाल: डॉ. कल्ला - Khulasa Online बीकानेर नगर की परंपराएं और रीति-रिवाज देश के लिए मिसाल: डॉ. कल्ला - Khulasa Online

बीकानेर नगर की परंपराएं और रीति-रिवाज देश के लिए मिसाल: डॉ. कल्ला

बीकानेर। बीकानेर नगर के 535वें स्थापना दिवस के अवसर पर सोमवार को जिला प्रशासन, नगर निगम और राव बीकाजी संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में राव बीकाजी प्रतिमा स्थल पर मुख्य कार्यक्रम आयोजित हुआ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शिक्षा मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला थे। उन्होंने कहा कि बीकानेर अपने सांप्रदायिक सौहार्द और अपनायत की भावना के कारण पूरी दुनिया में विशेष पहचान रखता है। हमारी परंपराएं, रीति-रिवाज, तीज त्यौहार इन रंगों को और अधिक गहरा करते हैं।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि बीकानेर के अनेक लोगों ने खेल, शिक्षा, चिकित्सा, कला, साहित्य और अन्य क्षेत्रों में शहर को विशेष पहचान दिलाई है। उन्होंने महाराजा गंगा सिंह द्वारा करवाए गए विकास कार्यों को याद किया तथा कहा कि आजादी के बाद भी हमारा शहर विकास के पथ पर आगे बढ़ता रहा है। आज बीकानेर एजुकेशन हब के रूप में उभरा है। यहां चार विश्वविद्यालय सहित अनेक स्तरीय शैक्षणिक केंद्र हैं। चिकित्सा सेवाओं में भी बीकानेर में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि शहर के युवा भी बीकानेर की इस समृद्ध परंपरा को आगे बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा बीकानेर के धरोहर संरक्षण की दिशा में कार्य किए जा रहे हैं। बीकाजी की टेकरी के रखरखाव और सौंदर्यीकरण के लिए पुरातत्व विभाग द्वारा 1करोड़ रुपए के कार्य करवाए जा रहे हैं। शहर के ऐतिहासिक दरवाजों का सौंदर्यकरण किया गया है। उन्होंने बीकानेर की ऐतिहासिक हवेलियों के संरक्षण का आह्वान भी किया।
जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने कहा कि नगर स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित ऐसे कार्यक्रम हमें अपनी जड़ों से जुड़ने के लिए प्रेरित करते हैं। जिला कलेक्टर ने प्रत्येक शहर वासी से अपनी क्षमता के अनुसार भागीदारी का आह्वान किया, जिससे शहर को चहुमुखी विकास के पथ पर ले जाया जा सके।
डॉ सत्यप्रकाश आचार्य ने बीकानेर को सामाजिक समरसता वाला शहर बताया। राव बीकाजी संस्थान के महामंत्री विद्या सागर आचार्य ने कहा कि स्थापना दिवस पर आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों के बारे में बताया। मनीषा आर्य सोनी ने बीकानेर शहर की विशेषताओं पर आधारित गीत प्रस्तुत किया। राव बीकाजी संस्थान के सचिव नरेंद्र सिंह स्याणी ने आभार जताया।
इससे पहले शिक्षा मंत्री डॉ. कल्ला सहित सभी अतिथियों ने राव बीका की प्रतिमा के समक्ष पुष्पांजलि अर्पित की। महाराजा राय सिंह ट्रस्ट के बैंड ने सुमधुर स्वर लहरियां बिखेरी। ऋग्वेदीय रांका वेद पाठशाला के प्राचार्य पंडित गायत्री प्रसाद शर्मा के नेतृत्व में 21 ब्राह्मणों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की। कार्यक्रम संयोजक प्रहलाद सिंह मार्शल ने स्वागत उद्बोधन दिया। इस दौरान संस्थान के विभिन्न अवार्ड दिए गए। नगर स्थापना दिवस के कार्यक्रमों की श्रंखला में आयोजित चित्र प्रदर्शनी के प्रतिभागियों को भी पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम का संचालन संजय पुरोहित ने किया।
इस अवसर पर संस्था अध्यक्ष डॉ. गिरिजा शंकर शर्मा, प्रो. भंवर भादानी, डॉ. फारुख चौहान, आत्माराम भाटी, इरशाद अजीज, अभिषेक आचार्य, भंवर पुरोहित, मधुसूदन व्यास, प्रभा भार्गव, जैनुल आबेदीन, प्रदीप भटनागर, सुनील पुरोहित, रमेश शर्मा, डॉ रितेश व्यास, डॉ नितिन गोयल, कासिम बीकानेरी, राहुल जदूसंगत सहित अनेक लोग मौजूद रहे।
इनका हुआ सम्मान
मुख्य समारोह में करणी माता अवार्ड- डॉ प्रीति गुप्ता, राव बीकाजी अवार्ड -मधु आचार्य ‘आशावादी’, राव बीकाजी अवार्ड-धर्म चंद जैन, महाराजा गंगा सिंह अवार्ड-बीकानेर दशहरा कमेटी, महाराजा करणी सिंह अवार्ड-श्याम सुंदर व अनिल जोशी(संयुक्त), रावत कांधल जी अवार्ड-योगेंद्र कुमार शर्मा ‘योगी’, राव बीदाजी अवार्ड -मौलाना अब्दुल वाहिद ‘अशरफी’, पीर गोविंददास अवार्ड -डॉ आरएन सोलंकी, पंडित विद्याधर शास्त्री अवार्ड- बिशन मतवाला, श्री गई भोम रा बाहडू राजकुमार भीमराज अवार्ड- एम दाऊद बीकानेरी, ठाकुर सूरजमल सिंह चलकोई राजस्थानी प्रोत्साहन अवार्ड- पीआर लील, देश दीवान राव दूल्हे सिंह बीदावत अवार्ड-अरुणा भार्गव, अमर कीर्ति अवार्ड -डॉ. अजय जोशी, राव बेलोजी परिहार अवार्ड- गोपाल सिंह चौहान, अजीज आजाद स्मृति अवार्ड- डॉ. रेणुका व्यास ‘नीलम’, बीकाणा अवार्ड-बुलाकी भोजक रंगकर्मी को दिया गया।

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