नियम-शर्तों की आड़ में ठेकेदार पर दबाव बनाकर चलता है वसूली का खेल - Khulasa Online नियम-शर्तों की आड़ में ठेकेदार पर दबाव बनाकर चलता है वसूली का खेल - Khulasa Online

नियम-शर्तों की आड़ में ठेकेदार पर दबाव बनाकर चलता है वसूली का खेल

खुलासा न्यूज बीकानेर। माल कमाने के चक्कर में काल कोठरी पहुंचे आरोपी आबकारी वालों की जेब गर्म करके देर रात तक चलाते हैं ठेका, मनमानी कीमत वसूलते है.फिर भी नहीं होती है कार्रवाई शराब की दुकानों पर ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए ठेकेदार नियमों को दरकिनार करते हैं। आबकारी अधिकारी इसी का फायदा उठाकर ठेकेदारों पर दबाव बनाते हैं। और फिर शुरू होता है बंधी का खेल। रविवार को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने आबकारी कांस्टेबल कम ड्राइवर धनपतराम को ठेकेदार से चार महीने की बंधी 28 हजार रुपए लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। बाद में निरीक्षक राणुसिंह को भी अरेस्ट कर लिया।  इस मामले में पड़ताल की तो सामने आया कि ज्यादातर ठेकेदार नियमों को दरकिनार कर शराब बेचते हैं, जिसका आबकारी अधिकारियों को पता होता है। वे इसका फायदा उठाकर ठेकेदारों पर कार्रवाई का दबाव बनाते हैं। ठेकेदार ज्यादा मुनाफा कमाने और विभागीय कार्रवाई से बचने के लिए बंधी देने को तैयार हो जाते हैं। निरीक्षक स्तर के अधिकारियों को शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में ठेकों की मॉनिटरिंग का जिम्मा सौंपा जाता है। चूंकि वे ठेकेदारों के सीधे संपर्क में रहते हैं इसलिए ठेकेदारों के पास भी उनकी बात मानने के सिवा कोई दूसरा चारा नहीं होता। ज्यादा कमाई के लिए कायदे ताक पर रखते हैं ठेकेदार ग्राहकों की जानकारी के लिए दुकानों पर रेट लिस्ट नहीं लगाते शराब बेचने वाले सेल्समैन आबकारी विभाग में पंजीकृत नहीं होते रात को आठ बजे के बाद शराब बेचते हैं स्टॉक रजिस्टर मेंटेन नहीं करते नकली या हरियाणा-पंजाब की शराब भी बेच देते हैं वर्ष 20-21 में लाइसेंस की शर्तों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई
एमआरपी से ज्यादा वसूली – 22
नौकरनामा – 6
स्टॉक रजिस्टर – 11
नौकरनामा व स्टॉक रजिस्टर दोनों – एक
अंडर ग्राउंड दरवाजा और नौकरनामा – एक
मार्च में सबसे ज्यादा मारामारी; विभाग पर टारगेट का प्रेशर और ठेकेदारों पर स्टॉक निपटाने का
मार्च का महीना शराब ठेकेदार और आबकारी महकमे दोनों के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। दुकानदारों के लिए साल का अंतिम महीना होने से वे ज्यादा से ज्यादा शराब बेचकर कमाई करना चाहते हैं। इसके लिए वे सारे हथकंडे अपनाते हैं। दूसरी ओर, आबकारी टीम साल भर का टारगेट पूरा करने में जुटी रहती है। इसी आड़ में अधिकारी अपनी जेबें भरने के जुगाड़ में जुट जाते हैं। एक अप्रैल से नया काम शुरू होता है। ऐसे में ठेकेदारों द्वारा बचा हुआ माल छिपाकर रखने और अवैध तरीके से बेचने की आशंका रहती है। बंधी लेने के आरोप में गिरफ्तार आबकारी महकमे के निरीक्षक राणुसिंह व कांस्टेबल धनपतराम को कोर्ट ने जेल भेज दिया है। एसीबी ने दोनों आरोपियों को 28 हजार की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया था। एसीबी इंस्पेक्टर आनंद गिला ने बताया कि सोमवार को दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। आबकारी महकमे में शराब दुकानदारों से बंधी लेने के खेल में और भी नाम सामने आए हैं, जिनकी जांच की जाएगी। शराब की दुकानों पर अनियमितता रोकने के लिए आकस्मिक चेकिंग की जाती है। गड़बड़ी मिलने पर ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की जाती है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की ओर से दोनों कर्मचारियों के खिलाफ ट्रैप की अधिकृत सूचना नहीं मिली है। इसकी रिपोर्ट मिलते ही विभागीय कार्रवाई के लिए मुख्यालय भेजेंगे।

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