आपकी दुआओं से बच गए वरना यहां कोई और खड़ा होता: गहलोत - Khulasa Online आपकी दुआओं से बच गए वरना यहां कोई और खड़ा होता: गहलोत - Khulasa Online

आपकी दुआओं से बच गए वरना यहां कोई और खड़ा होता: गहलोत

जयपुर। दिल्ली में गुरुवार शाम को सचिन पायलट की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के तीन घंटे बाद ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सियासी संकट का जिक्र कर दिया। गहलोत ने सिविल ​सर्विसेज डे पर कल्चरल इवेंट में अफसरों केसामने पायलट खेमे की बगावत का जिक्र कर खूब तंज कसे।गहलोत ने कहा- मेरे दिल में क्या है, वह मैं जुबां पर ला रहा हूं। जो सियासी संकट हुआ था, तब 34 दिन हम होटल में रहे थे,तब मैं सुबह होटल से आता, कुछ ऑफिशियल काम करता, शाम को पॉलिटिकल एक्टिविटी करते, क्राइसिस मैनेजमेंट करते।क्राइसिस बड़ा था वो, आप सबकी दुआओं से बच गए। आज यहां खड़े हैं वरना यहां कोई और खड़ा होता। मेरा ही लिखा था,यहां खड़ा होना।
मैं लिखाकर लाया हूं, इसलिए तीसरी बार सीएम बना
गहलोत ने कहा- मैं लिखाकर लाया हूं, इसीलिए तीसरी बार मुख्यमंत्री बन गया। पूरे देश में नेता कहते रहते हैं कि उनकीजाति के 35 एमएलए हैं, कोई हता है 45 एमएलए हैं। मैं कहता हूं, मेरी जाति का राजस्थान में एक ही एमएलए है और वोमैं खुद ही हूं। पर चल रही है दुकानदारी।
विधायकों को बाहर निकलते ही 10-10 करोड़ के ऑफर थे
गहलोत ने कहा- सियासी संकट के वक्त मैं रात को फिर होटल जाता। तब 11-12 बजे सब विधायक इंतजार कर रहे होतेथे। सबको दिन भर यह चिंता लगी रहती थी कि सरकार रहेगी या नहीं रहेगी। मेरे साथ जो बैठे थे उन्हें कुछ नहीं मिल रहा

था। बाहर निकलते ही उन्हें 10-10 करोड़ के ऑफर थे। मुझे गर्व है कि 34 दिन तक सारे विधायक लालच की परवाह किएबिना मेरे साथ बैठे रहे। मैं जब होटल जाता था तब विधायक मेरी बॉडी लैंग्वेज से समझ जाते थे कि सरकार आ रही है किजा रही है। और तो और वहां जाने के बाद हम दो घंटे तक गाने सुनते थे।
गहलोत के पायलट खेमे की बगावत को याद करने के सियासी मायने
मुख्यमंत्री अशेक गहलोत पहले भी कई बार सचिन पायलट खेमे की बगावत से पैदा हुए सियासी संकट का जिक्र कर चुके हैं। गुरुवार शाम को दिल्ली में सचिन पायलट ने सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद रणनीति बदलाव के सवाल पर जवाब दियाकि इसी पर तो चर्चा हो रही है, जिस पर कांग्रस अध्यक्ष को फैसला करना है। सचिन पायलट के बयान के कुछ ही घंटों केबाद गहलोत ने सिविल सर्विसेज डे पर कल्चरल इवेंट में भाषण देते हुए फिर से बगावत को रिकॉल कर दिया। इसे सियासी जानकार कांग्रेस के खेमों के बीच शह मात के खेल से जोडक़र देख रहे हैं।

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