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अचानक जिले के सीएमएचओ को कर दिया निलम्बित, विवादित रहा पूरा कार्यकाल, कई मामलों में रहे विवादित

पाली। पाली के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. रामपाल मिर्धा को राजकार्य में लापरवाही और विभिन्न शिकायतों पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की शासन संयुक्त सचिव निमिषा गुप्ता ने शुक्रवार को निलम्बित कर दिया। निलम्बन काल में उनका कार्यालय मुख्यालय निदेशक जन स्वास्थ्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं जयपुर किया गया है। मिर्धा काफी समय से अवकाश पर थे और उन्होंने हाल ही में वापस कार्यभार ग्रहण किया था। इसके तुरन्त बाद ही उनको निलम्बित कर दिया गया। मिर्धा के खिलाफ भ्रष्टाचार, दुव्र्यव्हार, कार्मिकों को परेशान करने जैसी दर्जनों शिकायतें लंबे समय थीं, लेकिन कांग्रेस के ही एक पूर्व मंत्री से रिश्तेदारी के कारण सभी मामले दबे रहे।
पाली के सीएमएचओ रहे मिर्धा का यहां लंबा और विवादित कार्यकाल रहा। बाली थाना क्षेत्र के कोट बालियान गांव में उन्होंने फर्जी चिकित्सक बताकर सेवानिवृत्त मेलनर्स के यहां कार्रवाई की थी। जिसमें उन पर रिश्वत लेने के आरोप भी लगे थे। इसका मामला भी पुलिस थाने में दर्ज कराया गया था। पाली जिला सेवारत चिकित्सा संस्था ने भी खुलेतौर पर सीएमएचओ पर कई आरोप लगाते हुए हटाने की मांग की थी।
जैतारण मामले में हुए थे एपीओ
पाली सीएमएचओ मिर्धा का जैतारण में अस्पताल में रिलीफ सोसायटी की बैठक को लेकर विवाद हुआ था। इसके बाद विधायक अविनाश गहलोत ने सीएम व चिकित्सा मंत्री से शिकायत की थी। जिस पर सीएमएचओ एपीओ हुए थे। इसके बाद वे पाली सीएमएचओ के पद पर वापस लगे। दुकानों व अस्पतालों पर कार्रवाई में उनके खिलाफ लगातार विवाद जुड़े है। पाली सांसद पीपी चौधरी ने भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा से सीएमएचओ मिर्धा की शिकायत करते हुए उन्हें हटाने की मांग की थी।
होटल विवाद में भी रहे विवादित
सीएमएचओ डॉ. मिर्धा ने बर में एक होटल सीज किया था। उस मामले में उन्होंने होटल का फूड लाइसेंस अवधि पार होने के कारण बताया था। जबकि होटल मालिक ने उस साल अंत तक फूड लाइसेंस वैध बताया था। इसके अलावा टोल नाके पर टोल नहीं कटवाने, पाली के एक अस्पताल पर कार्रवाई करने सहित अन्य कई मामलों में वे विवादित रहे है।

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