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आर्थिक पिछड़ा वर्ग आरक्षण को पंचायतीराज एवं स्थानीय निकाय संस्था चुनावों में लागू करने की मांग

बीकानेर। आर्थिक पिछड़ा वर्ग आरक्षण को पंचायतीराज एवं स्थानीय निकाय संस्था चुनावों में लागू करने की मांग को लेकर गुरुवार को श्रीक्षात्र पुरुषार्थ फाउंडेशन के तत्वावधान में प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के नाम उपखंड कार्यालय में ज्ञापन दिया गया। इसमें प्रदेशभर में ईडब्ल्यूएस आरक्षण में विद्यमान विसंगतियों को दूर करने की बात भी कही गई। फाउंडेशन के रामसिंह चरकड़ा ने बताया कि ज्ञापन में मुख्यमंत्री से मांग की गई कि राजस्थान विधानसभा में 16 जुलाई 2008 व 23 सितंबर 2015 को सर्वसम्मति से अनारक्षित वर्ग को 14 प्रतिशत आरक्षण देने का विधेयक पारित किया गया था। जबकि वर्तमान में 10 प्रतिशत आरक्षण ही दिया जा रहा है। अत: संविधान के अनुच्छेद 15(6) व 16(6) में दिए गए अधिकारों का प्रयोग कर इसे 14 फीसदी किया जाए। यह आरक्षण केवल सरकारी नौकरी व शिक्षा में ही दिया गया। जबकि अन्य सभी आरक्षण पंचायतीराज व अन्य स्थानीय स्वायत्तशासी संस्था चुनावों में भी लागू है। अनारक्षित वर्ग के आर्थिक पिछड़ा वर्ग का स्थानीय राजनिति में प्रतिनिधित्व निरन्तर घटता जा रहा है। मुख्यमंत्री से मांग है कि राजस्थान पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 102 व राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 की धारा 337 में प्रदत अधिकारों का उपयोग करते हुए पंचायतीराज संस्थाओं, नगर निकायों व अन्य सभी स्वायत्तशासी संस्थाओं में लागू किया जाए। ताकि आर्थिक रुप से पिछड़े वर्ग को स्थानीय राजनीति में समुचित राजनीतिक प्रतिनिधित्व मिल सके। ज्ञापन में रायसर सरपंच शायर सिंह, पूर्व सरपंच रानीदान सिंह सारुण्डा, जुगल किशोर तिवाड़ी, एडवोकेट मांगू सिंह रोड़ा, दिलीप सिंह चरकड़ा, भोम सिंह रोड़ा, महेंद्र सिंह चरकड़ा, देवराज सिंह धूंपलिया, अर्जुन सिंह डेह, टीकम सिंह, मनोहर सिंह दासनू, सवाई सिंह हिमटसर, प्रेम सिंह धूंपलिया, ओमप्रकाश पारीक, मदन सिंह चिमाना, करणी सिंह, विजय प्रताप सिंह मौजूद रहे।

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