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श्रीडूंगरगढ़ मामला : दूसरे दिन भी बंद रहा बाजार, जाखड़ बोले- जनता के पक्ष में आवाज उठने वालों को दबाना चाहती है सरकार

बीकानेर। श्रीडूंगरगढ़ में नाबालिग छात्रा व शिक्षिका के गायब होने के मामले में पुलिस द्वार 400 लोगों के खिलाफ दर्ज किए मुकदमे को लेकर जनता में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। आज दूसरे दिन भी श्रीडूंगरगढ़ का बाजार स्वैच्छिक रूप से बंद रहा। संघर्ष समिति ने आज इस मुकदमे के विरोध में गांधी पार्क श्रीडूंगरगढ़ में सभा की। वहां से सैकड़ों लोग रैली के रूप में श्रीडूंगरगढ़ उपखंड कार्यालय गए और वहां पर राजस्थान के महामहिम राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री के नाम उपखंड अधिकारी को ज्ञापन दिया। जिसमें मुख्य तीन मांगे रही। समिति के अध्यक्ष श्याम सुंदर ने कहा कि श्री डूंगरगढ़ थानाधिकारी को सस्पेंड किया जाए, झूठे मुकदमे वापस लिए जाएं एवं थाना अधिकारी के द्वारा दिए हुए स्टेटमेंट के मुताबिक इस नाबालिक प्रकरण में जो तीन अन्य लोगों का जिक्र किया है उस रिपोर्ट का खुलासा सार्वजनिक किया जाए। भारतीय किसान संघ के तोलाराम जाखड़ ने बताया की सरकार जनता के पक्ष में उठने वाली आवाज को दबाना चाहती है इस द्वेषता के चलते श्रीडूंगरगढ़ पुलिस पर जनप्रतिनिधियों व सामाजिक कार्यकर्ताओं के खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज करने का दबाव बनाया। जाखड़ ने बताया कि जैसे मुकदमे में दर्ज है कि राजकार्य में बाधा नेशनल हाईवे जाम यह सरासर झूठ है न तो किसी पुलिस अधिकारी या थाने के अंदर ऑफिस में घुसकर कोई राजकार्य में बाधा डाली गई न ही नेशनल हाईवे जाम किया गया। यह पुलिस अधिकारी की अपरिपक्वता या फिर दबाव का नतीजा है, लेकिन ऐसे आम जनता की आवाज उठाने वाले हम लोगों को सरकार या पुलिस प्रशासन दबा नहीं सकती, हम समय-समय पर जब भी आमजन के साथ अन्याय होगा मुखर होकर ऐसे विषयों को उठाते रहेंग,े जिनको जितने झूठे मुकदमे दर्ज करने हैं वह करें। प्रशासन में ईमानदार अधिकारियों की भी कमी नहीं है, ज्यादातर अधिकारियों की पोल तो जांच में ही खुल जाएगी, बाकी न्यायपालिका पर हमें पूरा भरोसा है। उन्होंने कहा कि प्रशासन या सरकार इस भ्रम में ना रहे कि वह बड़ी-बड़ी धाराएं लगाकर झूठे मुकदमे दर्ज करके हमें डरा देगी।

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