बजट पर दिखी सियासी घमासान की छाया जोधाणा को भर-भर हाथ, टोंक और डीग खाली हाथ

बजट पर दिखी सियासी घमासान की छाया जोधाणा को भर-भर हाथ, टोंक और डीग खाली हाथ

जयपुर। प्रदेश कांग्रेस में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चले सियासी घमासान की छाया बुधवार को राज्य बजट पर भी नजर आया। जोधपुर जिले में 65 से ज्यादा बड़ी घोषणाएं करते हुए इनमें से लगभग 20 घोषणाओं में व्यय राशि का जिक्र भी किया गया। शेष 40 से ज्यादा योजनाओं में राशि का जिक्र नहीं है। लगभग 20 योजना की ही राशि जोड़ी जाए तो यह 2100 करोड़ से अधिक है। जबकि पायलट के टोंक विधानसभा क्षेत्र के लिए सिर्फ 2 घोषणाएं की गई हैं। इनमें छात्रावास और एफएसटीपी शामिल हैं। इसे लेकर पक्ष-विपक्ष के विधायकों में चर्चा भी रही। कांग्रेस में एकजुटता के दावे भले ही किए जाएं लेकिन बार-बार जाहिर हो रहा है कि बर्फ पिघलने में समय लगेगा। सियासी घमासान अंदरूनी रूप से दोनों ही खेमों में जारी है। बजट में पायलट खेमे के डीग-कुम्हेर विधायक भी खाली हाथ रहे। उन्हें केवल एक छात्रावास मिला है। हालांकि पायलट खेमे के अन्य विधायकों को जरूर कुछ न कुछ मिला है लेकिन पायलट और विश्वेन्द्र को छात्रावासों पर ही संतोष करना पड़ा है। विश्वेन्द्र सिंह ने किए थे ट्वीट-रीट्वीट खैरात के पंखों से दुनिया फतेह नहीं होती एक दिन पहले विधायक विश्वेन्द्र सिंह ने दो ट्वीट-रीट्वीट किए थे, जो कांग्रेस में चर्चा में रहे थे। इनमें एक था पायलट खेमे के विधायक मनिवास गावडिय़ा का, जिसमें लिखा था. जमीर जिंदा रखिए, खैरात में मिले पंखों से दुनिया फतेह नहीं होती। पहले जैसी मिठास नहीं आती विश्वेन्द्र सिंह ने एक और रीट्वीट किया। इसमें लिखा था. दोबारा गर्म की हुई चाय और समझौता किया हुआ रिश्ता, दोनों में पहले जैसी मिठास कभी नहीं आती। इन दोनों ट्वीट से साफ है कि दोनों खेमों में अब भी सबकुछ ठीक नहीं है।

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